Varanasi news: बैन का दिखावटी खेल, लिव-52 की खुलेआम सेल
वाराणसी (ब्यूरो)। पॉवर सेंटर वाराणसी में प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार फल-फूल रहा है। बैन के बावजूद मेडिकल स्टोर्स पर 32 आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री कर पब्लिक की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। इसमें लिवर की प्रचलित दवा लिव-52 भी है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारियों को इन दवाओं की बिक्री रोकने का निर्देश मिले हैं। इसके बाद भी जिस तरह से हर मेडिकल स्टोर्स पर लिव-52 समेत अन्य दवाएं उपलब्ध हैैं। वह खतरे से खाली नहीं हैं। इसे लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के जर्नलिस्ट आलोक सिंह और फोटो जर्नलिस्ट अंचल अग्रवाल ने मेडिकल स्टोर्स की असलियत जानी तो लिव-52 दवा आसानी से मिल गई। किसी ने 140 रुपए तो किसी ने 170 रुपए तक वसूले।
सीन-1 : रुद्रांश मेडिकल एजेंसी, भोजूवीर
समय : दोपहर 1.55 बजे
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम मेडिकल स्टोर पर पहुंची तो कई लोग खड़े थे। जब लिव-52 और डोलो 650 टेबलेट की मांग की गई तो संचालक ने 170 रुपए लेकर तुरंत दे दी। जब उनसे कहा गया कि लिव-52 तो बैन है तो उन्होंने अनसुना कर दिया। बिल मांगने पर कच्चा बिल भी दे दिया.
सीन-2 : केशरी मेडिकल स्टोर, पहडिय़ा अकथा रोड
समय : दोपहर 2.50 बजे
जब टीम केशरी मेडिकल स्टोर पर पहुंची तो वहां मौजूद युवक ने बताया कि संचालक नहीं हैै। बताइए क्या चाहिए। उससे कहा गया कि लिव-52 टेबलेट दवा चाहिए। इस पर उसने 140 रुपए लेकर तुरंत दवा दे दी। जब बिल की बात आई तो उसने विजिटिंग कार्ड पर ही दवा का नाम और प्राइज लिखकर दे दिया।
सीन-3 : सरोज मेडिकल एजेंसी, लंका चौराहा
समय : दोपहर 3.54 बजे
टीम जब सरोज मेडिकल एजेंसी पहुंची तो वहां पर मेडिकल स्टोर पर लोगों की काफी भीड़ थी। इसी बीच लिव-52 और डोलो टेबलेट मांगने पर एक कर्मचारी गया और लाकर दे दिया। लिव-52 का 158.10 रुपए का पक्का बिल भी दे दिया।
फैक्ट एंड फीगर
22 दवाओं में एलोपैथिक की मिलावट
10 आयुर्वेदिक दवाएं मिलीं नकली
1800 रिटेल मेडिकल स्टोर्स हैैं जिले में
600 होलसेलर मेडिकल स्टोर्स चल रहे
मिलावट का चल रहा खेल
आयुर्वेदिक दवाओं की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इसमें मिलावट का खेल शुरू हो गया है। शासन स्तर पर जांच में आयुर्वेद की दस दवाएं नकली मिली हैं। साथ ही 22 दवाओं में एलोपैथिक दवाओं की मिलावट पाई गई है। इन सभी 32 दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसमें लिव-52 भी है.
लिव-52 में मानक पूरा नहीं
लिव 52 दवा में मंडूर भस्म व दारुहरिद्रा का मिश्रण मानक के अनुरूप नहीं पाया गया। मानक विरुद्ध पाई गई दवाओं में प्रेडनिसोलोन व बीटामेथासोन नामक स्टेरायड, दर्द निवारक आइबोप्रोफेन व डाइक्लोफिनेक, मधुमेह की दवा ग्लीम्पैराइड व यौन उत्तेजना की दवा सिलिडिनाफिल का अपमिश्रण पाया गया है.
इन दवाओं में मिला अपमिश्रण
दवा-मिलावट
विश्वास गुड हेल्थ कैप्सूल आयुर्वेदा- बीटामेथासोन
पेननिल चूर्ण - आइबोप्रोफेन
एज-फिट चूर्ण -बीटामेथासोन
अमृत आयुर्वेदिक चूर्ण - प्रेडनिसोलोन
स्लीमेक्स चूर्ण - प्रेडनिसोलोन
दर्द मुक्ति चूर्ण - डाइक्लोफिनेक
आर्थोनिल चूर्ण- आइबोप्रोफेन
योगी केयर - बीटामेथासोन
माइकान गोल्ड कैप्सूल - प्रेडनिसोलोन
डाइबियंट शुगर केयर टेबलेट - ग्लीम्पैराइड
हाई पावर मूसली कैप्सूल सिलिडिनाफिल डाइबियोग केयर - ग्लीम्पैराइड
हेल्थ गुड सिरप - सैक्रीन
वाराणसी समेत 10 जिलों से लिए सैंपल
वाराणसी के अलावा सीतापुर, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, गौतम बुद्ध नगर व कानपुर से इन दवाओं के नमूने लिए गए थे.
ये दवाइयां मिलीं नकली
ज्वाला दाद, रूमो प्रवाही, सुंदरी कल्प सिरप, त्रयोदशांग गुग्गुल, वेदांतक वटी, एसीन्यूट्रा लिक्विड, आंवला चूर्ण, सुपरसोनिक कैप्सूल, बोस्टा 400 टेबलेट, बायना प्लस कैप्सूल।
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी डॉ। सरोज शंकर से सीधी बात
रिपोर्टर : लिव 52 समेत अन्य बैन दवाइयों को लेकर क्या इंस्ट्रक्शन हैं?
अफसर : निदेशक आयुर्वेद सेवाएं ने पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि प्रदेशभर में इन दवाओं के उत्पादन, परिवहन व बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इन दवाओं को तत्काल जब्त कर नष्ट कराया जाए.
रिपोर्टर : बंद के निर्देश के बाद भी दवाइयां बिक रही हैैं। क्या एक्शन लेंगे?
अफसर : अगर ऐसा है तो दवाइयां नष्ट की जाएंगी और मेडिकल स्टोर संचालक को चेतावनी दी जाएगी.
रिपोर्टर : चोरी-छिपे बेचने पर क्या करेंगे?
अफसर : अगर चेतावनी के बाद भी संचालक नहीं मानता है तो मेडिकल स्टोर को सील कर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी.
रिपोर्टर : क्या एडवाइजरी भी जारी की गई है?
अफसर : समाचार पत्रों के माध्यम से सभी को बैन 32 दवाइयों के संबंध में सूचित कर दिया गया है। व्यापार मंडल के कारोबारियों से आग्रह है कि छापेमारी से पहले ही ये दवाइयां मेडिकल स्टोर से हटवा लें.
रिपोर्टर : वाराणसी में आयुर्वेद के कितने मेडिकल स्टोर्स हैैं?
अफसर : आयुर्वेद में मेडिकल स्टोर के लिए लाइसेंस का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए इस संबंध में नहीं बता पाऊंगा।