5 हजार घरों में फर्जी बिजली बिल
वाराणसी (ब्यूरो)। पब्लिक की बिलिंग की शिकायत को ध्यान में रखते हुए बिजली विभाग सख्त हो गया है। बिजली विभाग द्वारा 5 हजार आरडीएफ (डिफेक्टिव रीडिंग) बिलों का खुलासा हुआ है, जिसमें मीटर रीडर्स के द्वारा गलत तरीके से फर्जी बिलों को बनाकर कस्टमर को सौंप दिया गया। इसकी शिकायत ïिवभाग के अधिकारियों के पास आने पर उनके हाथ-पांव फूल गए हैं। ऐसे में विभाग के अधिकारी अब कुछ कहने और आमने-सामने आने से बचते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं विभाग के द्वारा कस्टमर को भरोसा दिलाया जा रहा है कि उनके साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जायेगा.
ट्रैस करने पर हुआ खुलासाकस्टमर के द्वारा बिजली का उपयोग कम मात्रा में करने और बिल ज्यादा आने के बाद कस्टमर को डाउट होना शुरू हो गया। ऐसे में कई सारे कस्टमरों के द्वारा शुरुआती दौर में डिवीजन कार्यालय में शिकायत की गई परंतु वहां से स्थायी समाधान नहीं मिलने के कारण उनके द्वारा अधीक्षण अभियंता कार्यालय में शिकायत की गई। जिसके बाद अधीक्षण अभियंता के द्वारा प्रत्येक कस्टमर की बिलों का ट्रैस करवाया गया तो उनका आरोप सही निकला.
होगी मीटर रीडर्स पर कार्रवाईइस घटना के पीछे विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसमें पूरी तरीके से मीटर रीडर्स की गड़बड़ी है। दिसंबर और जनवरी माह में जारी बिजली के बिलों को एमआरआई से ट्रैस किया जा रहा है। इसके साथ देखा जा रहा है कि कितने उपभोक्ता को ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
वापस होंगे एक्स्ट्रा पेमेंट बिल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन भी उपभोक्ताओं ने आरडीएफ यानि गलत बिल का भुगतान कर दिया है। उनको विभाग में पहुंचकर अपने बिल को ट्रैस कराने की जरूरत है। इसके बाद जो भी लोग बिल का ज्यादा मात्रा में भुगतान किये हैं उनके एक्स्ट्रा पैसे को रिटर्न कर दिया जायेगा। इसके साथ ही जो भी उपभोक्ता उस एक्स्ट्रा पैसे को नहीं लेना चाहेंगे उसे उनके अगले माह के बिल के साथ मर्ज कर दिया जायेगा. जेई और एक्सईएन पर भी एक्शन ïिवभाग के अधिकारियों का कहना है कि मीटर रीडिंग को नियंत्रण करने और उनके कार्यों का लेखा-जोखा रखने का कार्य प्रारंभिक तौर पर जेई और एसडीओ का होता है। इसके साथ ही उनके द्वारा की जाने वाली गड़बडिय़ों की शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने का पूरा अधिकार होता है। ऐसे में माना जा रहा है कि कई जेई और एसडीओ पर भी कार्रवाई हो सकती है. 7 आपरेटर कर रहे बिलों की मैचिंगआरडीएफ बिलों का खुलासा होने के बाद विभाग के द्वारा शिकायत के आधार पर उन बिलों को मैच कराने के लिए आपरेटरों की तैनाती कर दी गई है। इसके लिए विभाग की तरफ से 7 आपरेटर को बकायदा सिस्टम के साथ तैनात कर दिया गया है। ये सभी आपरेटर प्रत्येक डिवीजन के तहत कार्य कर रहे हैं। इसके साथ प्रत्येक उपभोक्ताओं के बिलों को वैरिफाई कर रहे हंै.
आरडीएफ बिलों का खुलासा हुआ है। इसमें प्रारंभिक तौर पर मीटर रीडर्स के द्वारा गड़बड़ी करने का मामला प्रकाश में आया है। जांच जारी है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. अनिल कुमार वर्मा, अधीक्षण अभियंता, सर्किल द्वितीय