प्रशासन को सौंपें ज्ञानवापी सर्वे में मिले एविडेंस : जिला जज
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी स्थित ज्ञानवापी के सर्वे में मिले साक्ष्यों को जिला अदालत ने प्रशासन को सौंपने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जब भी अदालत उनकी मांग करे, उन्हें वह प्रस्तुत करेंगे। एएसआइ इनकी एक सूची बनाएगी और उसकी एक प्रति कोर्ट में दाखिल करेगी। एक प्रति जिला मजिस्ट्रेट को भी सौंपेगी। गुरुवार को जिला जज डा। अजय कृष्ण विश्वेश ने मंदिर पक्ष की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्रों पर यह आदेश दिया है। प्रार्थना पत्रों में कहा गया है कि प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) ज्ञानवापी में आता-जाता है। एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिले साक्ष्य नष्ट किए जा सकते हैं। बता दें कि अदालत ने एएसआइ को चार सप्ताह का समय देते हुए छह अक्टूबर तक सर्वे पूरा कर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है.
साक्ष्यों की बनाएं सूची
मंदिर व मस्जिद पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि साक्ष्यों को संरक्षित करने के साथ उनकी सूची भी बनाई जाए। जिला जज ने अपने आदेश में कहा कि ज्ञानवापी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की तरफ से वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे हो रहा है। सर्वे में जो भी वस्तुएं और सामग्री प्राप्त हों, जिनका इस मुकदमे से संबंध हो, ङ्क्षहदू धर्म व पूजा पद्धति से संबंधित हों या ऐतिहासिक व पुरातत्व के ²ष्टिकोण से मुकदमे के निस्तारण के लिए महत्वपूर्ण हो, उनको संरक्षित करना उचित है.
चाबी नहीं दी
24 जुलाई को एएसआइ सर्वे के दौरान वहां मौजूद इमारत के दरवाजे का ताला खोलने के लिए प्रतिवादी की ओर से चाबी एएसआइ को नहीं दी गई। इससे स्पष्ट होता है कि वहां मौजूद साक्ष्यों को नष्ट करने की नीयत से ऐसा किया गया। ऐेसे में संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर को सुरक्षित करने का आदेश दिया जाए। इस पर मस्जिद पक्ष ने आपत्ति दाखिल करते हुए दलील दी कि ज्ञानवापी में मिले साक्ष्यों को नष्ट करने की बात सरासर गलत है। संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर को सुरक्षित करने की मंदिर पक्ष की मांग लोगों को वहां नमाज पढऩे से रोकने के लिए की जा रही है।
मुकदमे में अहम साबित होंगे साक्ष्य
ज्ञानवापी परिसर में मिले साक्ष्यों को संरक्षित करने के अदालत के आदेश के बाद मंदिर पक्ष के वकील सौरभ तिवारी ने कहा कि हमने अदालत से ज्ञानवापी परिसर में मिले साक्ष्यों को संरक्षित करने की मांग की थी। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए इसके लिए एएसआइ को निर्देश दिया है। इसे हम अपनी जीत मानते हैं। ज्ञानवापी में मिले साक्ष्य मुकदमे के निस्तारण में अहम साबित होंगे। उधर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव मोहम्मद सैयद यासिन ने कहा कि जिला जज का आदेश अच्छा है। मुकदमे से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्यों को सुरक्षित रखने के लिए जिलाधिकारी से अधिक जिम्मेदार कोई नहीं हो सकता है। साक्ष्यों को रखने के लिए मालखाना से सुरक्षित कोई जगह नहीं हो सकती है.