शहर में निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से कई जगहों पर अवैध कब्जा


वाराणसी (ब्यूरो)शहर में नगर निगम की जमीन पर कब्जा कर निर्माण पूरा हो जाता है तब नगर निगम के अधिकारियों को अवैध कब्जेदारों के भवन को सील करने की याद आती है। ऐसा कोई एक वाकया नहीं है बल्कि शहर में कई वाकया है। इसको ही ले लीजिए। अस्सी पुलिया के पास नगर निगम की जमीन पर दुकानों का निर्माण हो गया। कुछ दूरी पर अस्सी घाट पर भी घेरकर दुकान का निर्माण किया जा रहा है। प्रह्लादघाट पर शेल्टर होम के बगल में खाने-पीने की दुकानें खुल गयी है। ऐेसे ही शहर में कई जगह है जहां नगर निगम की जमीन को घेरकर दुकानों का निर्माण किया जा रहा है.

निर्माण होते समय नहीं आती याद

हैरान करने वाली बात यह है कि जब नगर निगम की जमीन पर दुकानों का निर्माण हो रहा होता है तो निगम के अफसरों को नहीं दिखता। जब निर्माण कंपलीट हो जाता है तो सील करने की याद आती है। फिलहाल लोगों का कहना है कि निर्माण होने की जानकारी नगर निगम के अफसरों को होती है लेकिन कोई एक्शन नहीं लेते। जब नगर आयुक्त का निर्देश आता है तो एक्शन में आते है अधिकारी.

कम्प्लेन पर दुकानों को किया सील

कुछ दिन पहले ही अस्सी क्षेत्र में सरकारी भूमि पर कब्जा कर दुकानों का निर्माण करा रहे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की गयी। उनके दुकान को नगर निगम के अधिकारियों ने तीन दुकानों को सील किया। यह कार्रवाई जब क्षेत्रीय लोगों ने शिकायत की तब नगर निगम के अफसरों ने की। फिलहाल क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जोन के क्षेत्रीय अधिकारी होते है अवैध निर्माण होने की जानकारी होती है लेकिन कार्रवाई नहीं करते है.

अस्सी नदी के पास अवैध दुकान

नगर निगम के अफसरों की लापरवाही का नतीजा है कि अस्सी घाट पर नगर निगम की जमीन पर कई दुकान निर्माण हो चुके थे। इसके अलावा चितईपुर, इंदिरा नगर में भी नगर निगम के बिना परमिशन के लोगों ने नगर निगम की जमीन पर भवन का निर्माण कर लिया था। जब इसकी शिकायत लोगों ने की तो नगर निगम ने निर्माण हो चुके भवन को बुलडोजर से गिराना पड़ा। यह सब नगर निगम के जोन के अधिकारियों की मिलीभगत से निर्माण का कार्य चलता है। ऐसा कहना था क्षेत्रीय लोगों का.

यहां हो रहे निर्माण

प्रहलादघाट

अस्सी घाट

चितईपुर

अवैध निर्माण की सूचना मिलते ही नगर निगम की टीम कार्रवाई में जुट जाती है। कई अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया है। क्षेत्रीय लोग भी शिकायत करते है तो उन पर कार्रवाई की जाती है.

संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ

Posted By: Inextlive