Varanasi news: गार्बेज वल्नरेबल प्वाइंट तो लगाइए, गलतियां भी सुधारिए
वाराणसी (ब्यूरो)। 2023 में देश स्तर पर हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में काशी की 41वीं रैंक आई थी। रंैकिंग को टॉप पर ले जाने के लिए सिटी के 550 स्थानों से गार्बेज वल्नरेबल प्वाइंट (जीवीपी) को क्लीन करने जा रहा है। यह वह प्वाइंट है, जहां बल्कमें कूड़े का ढेर रहता है। गार्बेज वल्नरेबल प्वाइंट तो लगाना ठीक निर्णय है, लेकिन नगर निगम को निरंतर कूड़ा उठान, पब्लिक फीडबैक जैसी कमियों को दूर करना होगा। पब्लिक अवेयर करना होगा, ताकि आने वाले समय में बनारस की रैंक सुधरे। निगम के कमांड सेंटर में कूड़ा उठाने के लिए जनवरी से लेकर अब 180 कंप्लेन लोगों ने दर्ज कराई है। आंकड़ों से स्पष्ट है कि समस्या का समाधान अभी हुआ नहीं है।
एक ही जगह फेंकते हैं कूड़ा
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। प्रदीप कुमार शर्मा ने कहा, शहर का विस्तार होने के बाद अभी भी लोग शहर को साफ-सुथरा रखने में मदद नहीं कर रहे हंै। एक ही स्थान पर बार-बार कूड़ा फेंककर डंपिंग प्वाइंट बना रखे हंै। ऐसे स्थानों को अभियान चलाकर चिह्नित किया गया।
यहां कूड़े का अंबार
मच्छोरी, गायघाट, प्रहलादघाट, चौहट्टा कोयला बाजार, हनुमान फाटक, तेलियाना, सरैया, जलालीपुरा, कज्जाकपुरा, कोनिया, सलारपुरा, कोटवा, भदऊं चुंगी, प्रहलादघाट, खोजवां, भैंसासुर, तेलियानाला, काशीपुरा, नवापुरा, विशेश्वरगंज समेत करीब 550 मोहल्ला व कॉलोनी।
खत्म कर रहे जीवीपी खत्म
स्वच्छता रैकिंग को सुधारने के लिए 200 स्थानों पर कूड़े की डंपिंग को खत्म किया गया है। प्रारंभ में नगर निगम ने जेलरोड के पास जीवीपी को खत्म कर बैठने के लिए बेंच लगाई हैं। वहीं, भेलूपुर जलकल के पास कूड़े का ढेर हटवाकर गमला रखकर उसमें पेड़ लगाए गए हैं। ऐसे ही विजया तिराहा, जगतगंज समेत कई एरिया में जीवीपी को खत्म किया जा रहा है.
रात में सफाई सुबह कूड़ा
सफाई का लेकर निगम का अपना तर्क है। अफसरों का कहना है कि लोग एक जगह चिह्नित करके बार-बार कूड़ा वहीं फेंकते हैं। अगर आज कूड़ा साफ किया गया तो अगली सुबह फिर कूड़े का ढेर लग जाता है।
यहां हुई चूक
- शहर के नाले-नालियों की सफाई नियमित नहीं.
- ग्राउंड लेवल पर साफ सफाई की बेहतर मॉनीटरिंग नहीं.
- आम पब्लिक में नगर निगम की छवि बेहतर नहीं.
- सार्वजनिक- सामुदायिक शौचालयों की सफाई में कोताही.
इन वजहों से पिछड़ी रैंकिंग
- सफाई का ठेका लेने वाले ठेकेदारों ने लापरवाही की.
- एसटीपी की क्षमता से अधिक निकल रहा सीवेज.
- घर घर से कूड़ा उठान में बरती गयी लापरवाही.
- गीला और सूखा कूड़ा को नहीं किया गया अलग.
- जलभराव से निपटने को ठोस साधन नहीं.
रैंकिंग का हाल
साल कितने शहरों में सर्वे रैंक
2023 4477 -- 41
2022 4507 -- 21
2021 4320 -- 30
2020 4242 -- 27
2019 4237 -- 17
2018 4203 -- 29
2017 434 -- 32
2016 73 -- 65
200 जीवीपी खत्म कराए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में सभी जीवीपी समाप्त होंगे। इसके लिए पूरी तैयारी हो चुकी है। कूड़े का उठान हटेगा। तभी शहर स्वच्छ होगा.
डॉ। प्रदीप कुमार शर्मा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी
मच्छोदरी के एक तरफ सड़क पर सफाई की जाती है। दूसरी तरफ सड़क पर कूड़ा फैला रहता है। निगम के अधिकारियों को इसको भी देखना चाहिए.
मुकेश जायसवाल, मच्छोदरी
स्वच्छता रैकिंग सुधारने के लिए शहर में प्रॉपर तरीके से सफाई अभियान चलाकर मोहल्लों और कॉलोनियों में सफाई करना चाहिए.
पुनीत कुमार, चांदपुर
चांदपुर में गंदगी का अंबार इसके लिए कई बार कंप्लेन भी की जाती है, लेकिन सतही तौर सफाई कर कूड़ा को इधर-उधर फेंक दिया जाता है.
वेद प्रकाश, लहरतारा