स्कॉडा से लैस होंगे शहर के छह बिजलीघर पूर्वांचल विद्युत निगम ने प्रस्ताव भेजा मुख्यालय


वाराणसी (ब्यूरो)बनारस के पावर कंज्यूमर के लिए यह राहत देने वाली खबर है। अगर आप लगातार बिजली ट्रिपिंग की समस्या से परेशान रहते है तो आपको आने वाले दिनों में इस समस्या से निजात मिलने वाली है। प्रदेश सरकार और ऊर्जा मंत्रालय ने पावर कंज्यूमर को इस समस्या से छुटकारा दिलाने का प्लान तैयार कर लिया है। बनारस के शहरी क्षेत्र की बिजली व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने और ट्रिपिंग मुक्त बनाने के लिए सरकार ने 25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मांगा है। आने वाले गर्मी में यहां के लोगों को पिछले साल की तरह दुश्वारियां न झेलनी पड़े इसके लिए अतिरिक्त बिजनेस प्लान के तहत बिजली घरों की सेहत सुधारने का निर्देश दिया है। इस निर्देश के बाद पूर्वांचल डिस्काम प्रशासन ने यहां के छह बिजली घरों को स्काडा (सुपरवाइजरी कांट्रोल एंड डेटा एक्जीक्यूशन) से लैस करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही इसका प्रस्ताव तैयार कर डिस्काम मुख्यालय को भेज भी दिया गया है। जिससे आगे इस पर कार्य तेजी से किया जा सके।

समस्या नहीं हो रही खत्म

बता दें कि बनारस में लाइन लॉस और ट्रिपिंग की समस्या बिजली व्यवस्था की सबसे बड़ी खामियों में से एक है। जिसके समाधान के लिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम से लेकर ऊर्जा मंत्रालय और प्रदेश सरकार स्तर पर से प्रयास किया जा रहा है। अब वो समय आ गया है जब इस समस्या को दूर करने के लिए स्काडा सिस्टम को लगाने का फैसला लिया गया र्है। इस सिस्टम के लगने के बाद बनारस के शहरी क्षेत्रों में ट्रिपिंग की समस्या पुराने दिनों की बात हो जाएगी। लगातार ट्रिपिंग होने से कंज्यूमर को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। घर में कब बिजली है और कब चली जाती है, ये सब ट्रिपिंग के कारण ही होता है। बीच-बीच में बत्ती गुल होने से लोग बिजली विभाग को कोसते रहते हैं।

चल रहा स्मार्ट वर्क

ट्रिपिंग की समस्या को दूर करने के साथ ही सरकार पुरानी काशी की बिजली व्यवस्था को स्मार्ट बनाने पर भी काम कर रही है। इसके लिए 250 करोड़ खर्च करने की योजना बनाई गई है। भारत सरकार के राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड मिशन के तहत इन सभी कार्यों को कराया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश यूपीपीसीएल ने पूर्वांचल-डिस्काम प्रशासन को दिया है। उधर, शहरी क्षेत्र के दोनों निर्माण खंडों ने प्रस्ताव बनाने की दिशा में सर्वे करना शुरू कर दिया है। वितरण खंडों से भी रिपोर्ट मांगी गई है। स्मार्ट बिजली व्यवस्था के तहत ट्रांसफार्मरों और सब-स्टेशनों का स्वीचगियर एक ही जगह पर स्थापित किया जाएगा, ताकि किसी भी तरह की खराबी आने या ब्रेक डाउन होने पर बिजली के प्रवाह को तोड़ा और बनाया जा सके।

मास्टर कंट्रोल रूम

सब स्टेशनों का डिजिटलाइजेशन और आटोमेशन किया जाएगा। स्काडा आधारित बिजली घरों के संचालन के लिए कंट्रोल रूम भी बनेगा। गैस इंसुलेटेड सब स्टेशनों के लिए मास्टर कंट्रोल रूम अलग से बनाया जाएगा। कुछ इलाकों में स्मार्ट स्ट्रीट लाइट लगाने के साथ ही अंडरग्राउंड केबलिंग, सड़क किनारे लगे वितरण ट्रांसफार्मरों पर मीटर लगाने के साथ ही उनकी मैपिंग की जाएगी। फाल्ट को रोकने और ओवरलोडिंग होने की दशा में तारों के गर्म होने की जानकारी के लिए फाल्ट सेंसर, थर्मल इमेजिंग, स्मोक एंड हीट सेंसर लगाया जाएगा। एलटी लाइन से कटियामारी रोकने के लिए लटकते तारों पर इंसुलेशन स्लीव लगेगी। ऐसा करने के पीछे गलियों और रास्तों से गुजरने वाले तारों से होने वाले खतरे को टालना है।

बिजली व्यवस्था को स्मार्ट बनाने के लिए प्रस्ताव बनाने को लेकर काम शुरू हो चुका है। इसमें बहुत सारे काम होने है। वहीं ट्रिपिंग को रोकने के लिए यहां के छह बिजली घरों को स्काडा से लैस करने का फैसला लिया है। इसका प्रस्ताव तैयार कर डिस्काम मुख्यालय को भेज दिया गया है

एपी शुक्ला, चीफ इंजीनियर

Posted By: Inextlive