तैयारी तो ठीक है, पर ये बिजली बहुत रुलाती है
वाराणसी (ब्यूरो)। मार्च-अप्रैल के महीने से ही शहर में गर्मी की विभीषका और डिमांड को देखते हुए बिजली महकमा सतर्क हो गया है। मई-जून की चुनौतियों से लडऩे के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस बीच विभाग की तरफ से शहर के समस्त जर्जर ट्रांसफार्मर को अपग्रेड किया जा रहा है। साथ ही ज्यादा भीड़भाड़ और आबादी वाले इलाकों का चिन्हाकन करते हुए वहां के ट्रांसफार्मर को अपग्रेड किया जा रहा है। इसके लिए विभाग की तरफ से निर्माण विभाग और टेक्निकल विभाग की टीम को मैदान में उतारते हुए जिम्मेदारी सौंप दी गई है और कार्य को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। हालांकि लोगों का कहना है कि विभाग की तरफ से हर बार तैयारियों का दावा किया जाता है, लेकिन भीषण गर्मी के समय बिजली कट बहुत रुलाती है.
680 ट्रांसफार्मर किए गए अपडेटबिजली विभाग ने दावा किया है कि शहर के ज्यादा भीड़भाड़ और आबादी वाले इलाके के ट्रांसफार्मर के एमआरआई मीटर रीडर के माध्यम से उनकी डिमांड को चेक किया गया। इसके बाद फीडर से होने वाली सप्लाई स्टाक को चेक किया गया। इसके बाद ध्यान दिया गया कि इस ट्रांसफार्मर की कैपसिटी कितनी है और इसे कितने लेवल तक और ज्यादा अपग्रेड किया जा सकता है। इन सारी चीजों को ध्यान में रखते हुए विभाग के अधिकारियों ने ट्रांसफार्मर के डिमांड के हिसाब से 50 से लेकर 100 मेगावाट तक लेवल उनके सप्लाई वोल्ट को अपग्रेड किया, जिससे आने वाले दिनों में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े.
जर्जर और खस्ताहाल को किया रिप्लेस ïिवभाग द्वारा सभी ट्रांसफार्मरों को एक बार अपनी टेक्निकल टीम की मदद से रीड कराया गया। इसके बाद सभी के आयल बदले गए, जिसके बाद जो भी ट्रांसफार्मर आयल बदलने के बाद भी सही से वर्क नहीं कर पाये उनको तुरंत रिप्लेस करते हुए नए ट्रासंफार्मर को इंस्टाल किया गया। इस बारे में निर्माण खंड एक्सईएन सुभाष चंद्रा का कहना है कि ऐसे में इस स्थिति वाले 255 ट्रांसफार्मर हटाये गए हैं और मरम्मत कराने के लिए उन्हें वर्कशाप में भेज दिया गया है. जारी है तैयारीविभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी से हमारे यहां लोड की डिमांड ज्यादा हो गई है। विभाग के तीनों सर्किलों की तरफ से 545 मेगावाट की बिजली सप्लाई की जा रही है, जोकि मई-जून में चलकर ज्यादा उपयोग और खपत के हिसाब से 760 मेगावाट तक पहुंच जाती है। वहीं पिछले दो सालों के रिकार्ड को ध्यान में रखते हुए विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले वर्ष जुलाई और अगस्त में 880 मेगावाट तक बिजली की डिमांड हो गई थी। उस दौरान विभाग के फीडर भी ट्रिप करने लगे थे और ट्रांसफार्मर के रातों रात आयल पलटे जा रहे थे। ऐसे में इस बार ऐसी समस्या न हो, इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई है.
एक नजर ट्रांसफार्मर के हाल पर सर्किल-कुल-अपग्रेड-रिप्लेस -प्रथम-2045-260-90 -द्वितीय-1749-245-85 -ग्रामीण-1460-175-80 दो माह पहले ऐसे थे शहर के ट्रांसफार्मर -फेज बैलेंसिंग प्राब्लम-475 -अनबैलेंस-132 -ओवरलोड-54 -अन्य फाल्ट-27 -कुल-688 एक नजर डिमांड पर -फरवरी 2022-475 मेगावाट -मार्च 2022-540 मेगावाट -अप्रैल 2022-690 मेगावाट -मई 2022-740 मेगावाट -जून 2022-790 मेगावाट -जुलाई 2022-875 मेगावाट -अगस्त 2022-880 मेगावाट मंथली बिजली डिमांड -फरवरी 2023-510 मेगावाट -मार्च 2023-600 मेगावाट विभाग द्वारा अभी से तैयारी शुरू हो गई है। इस दौरान ज्यादा आबादी वाले लोकेशन में फस्र्ट फेज में वर्क करवाया जा रहा है। आने वाले दिनों में अन्य लोकेशन पर डिमांड के अनुसार वर्क कराते हुए सप्लाई को बेहतर कराया जायेगा. अनूप सक्सेना, अधीक्षण अभियंता, सर्किल प्रथम