Varanasi news: वाराणसी में चुनावी शंखनाद, एक्शन मोड में पुलिस-प्रशासन
वाराणसी (ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तारीखों का ऐलान होते ही वाराणसी में चुनावी शंखनाद हो गया। वाराणसी सीट पर 1 जून को मतदान होगा। उत्तर प्रदेश का वाराणसी सीट काफी हाई प्रोफाइल है, क्योंकि यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूदा सांसद हैं। इस सीट से पीएम मोदी दो बार लगातार सांसद रह चुके हैं और इस बार भी यहां से बीजेपी से प्रत्याशी हैैं। वहीं आचार संहिता लागू होते पुलिस-प्रशासन भी एक्शन मोड में आ गया है। राजनीतिक पार्टियों के होर्डिंग-पोस्टर को तीन दिन के अंदर हटाने के आदेश दिए गए हैैं। इसके लिए कमिश्नरेट के 3 जोन के 30 थानों की पुलिस नगर निगम के साथ जुट गई है। साथ ही 24 उडऩ दस्ता, 24 स्थायी निगरानी, आठ एमसीसी टीम को सक्रिय कर दिया गया है। आठ सहायक व्यय प्रेक्षक, 24 वीडियो निगरानी टीम, 24 लेखा टीम, मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण टीम गठित कर दी गई है। बार्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। बाहर से आने जाने वालों पर नजर रहेगी.
इस धारा में कार्रवाई
जिला निर्वाचन अधिकारी एस राजङ्क्षलगम ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर लोक प्रतिनिधित्व 1951 की धारा 123 से 136 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 171 के सुसंगत प्रविधान तत्काल प्रभाव से प्रभावी हो गए हैं। इसमें जेल से लगायत जुर्माना तक की कार्रवाई हो सकती है.
7 मई को अधिसूचना
-सात मई को अधिसूचना होगी जारी
-नामांकन की अंतिम तारीख 14 मई
-नामांकन पत्रों की जांच 15 मई को
-नाम वापसी 17 मई तक निर्धारित
-मतदान एक जून को
-मतगणना चार जून को
वाराणसी संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा
वाराणसी संसदीय क्षेत्र में रोहनियां, उत्तरी, दक्षिणी, कैंटोमेंट व सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र हैं। इसके अलावा जनपद के दो विधानसभा क्षेत्र अजगरा व शिवपुर चंदौली संसदीय क्षेत्र में तथा ङ्क्षपडरा विधानसभा क्षेत्र मछलीशहर, जौनपुर संसदीय क्षेत्र में हैं। इन दोनों तीनों विधानसभा क्षेत्र का निर्वाचन कराने का दायित्व जनपद वाराणसी के जिम्मे होगा.
-नए कार्यों की घोषणा, शिलान्यास और उद्घाटन किए गए प्रतिबंधित
-सरकारी कार्यालयों पर प्रचार सामग्री चस्पा करने पर लगाई गई रोक
-रूङ्क्षलग पार्टी के मंत्रीगण के राजकीय दौरों पर भी लगा प्रतिबंध
-प्रचार सामग्री के मुद्रण के लिए प्रकाशक की अनुमति का उल्लेख आवश्यक
-प्रचार प्रसार के लिए वाहनों की अनुमति आरओ से लेना अनिवार्य
फैक्ट एंड फीगर
50
हजार रुपये से अधिक पाकेट में ले जाने वालों पर कसेगी नकेल
03
जोन के 30 थानों की पुलिस नगर निगम के साथ जुटी
24
उडऩदस्ता, 24 स्थायी निगरानी, आठ एमसीसी टीम सक्रिय
कलेक्ट्रेट सभागार में होगा नामांकन
लोकसभा चुनाव का नामांकन इस बार कलेक्ट्रेट सभागार में होगा। इससे पहले अपर जिलाधिकारी प्रशासन के कक्ष में होता था।
यहां से प्रस्थान करेंगी पोङ्क्षलग पार्टियां
ङ्क्षपडरा विधानसभा क्षेत्र के लिए पोङ्क्षलग पार्टियां नेशनल इंटर कालेज ङ्क्षपडरा से, अजगरा आरक्षित विधानसभा सीट के लिए काशी कृषक इंटर कालेज हरहुआ, शिवपुर व वाराणसी कैंट यूपी कालेज, रोहनिया व सेवापुरी विधानसभा के लिए जगतपुर इंटर कालेज और उत्तरी व दक्षिणी विधानसभा का पुलिस लाइन से पोङ्क्षलग पार्टियां रवाना होंगी.
वोटर्स की यह है स्थिति
वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाता-1939255
वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में पुरुष मतदाता-1043293
वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में महिला मतदाता-885827
वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में थर्ड जेंडर मतदाता-135
इस नंबर पर करें चुनाव से संबंधित शिकायत
कंट्रोल रूम : 0542-2508705, 0542-2508702, 0542-2508703
टोल फ्री नंबर : 1950
2019 के चुनाव में मिले मत
उम्मीदवार दल मत
नरेंद्र मोदी भाजपा 6,74,664
शालिनी यादव सपा 1,95,159
अजय राय कांग्रेस 1,52,548
वाराणसी का इतिहास
वाराणसी देश के सबसे पवित्र शहरों में से एक है। वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें हैं। साल 1957 के बाद से, बीजेपी ने सात बार और कांग्रेस ने छह बार इस सीट पर जीत हासिल की है। 1991 के बाद से बीजेपी का रिकॉर्ड बिल्कुल सही रहा है, हालांकि, वह केवल एक बार, 2004 में इस सीट पर कांग्रेस से हार गई थी.
75 प्रतिशत हिंदू वोटर
वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में कुल आबादी का 75 प्रतिशत हिंदू हैं, 20 प्रतिशत मुस्लिम और 5 प्रतिशत अन्य धर्मों के लोग हैं। इसकी 65 प्रतिशत आबादी शहरी और 35 प्रतिशत ग्रामीण है। कुल लोगों में से 10.1 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति 0.7 प्रतिशत है.
वोट शेयर में उतार-चढ़ाव
पिछले कुछ सालों में जीतने वाले उम्मीदवारों के वोट शेयर में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। 1999 में बीजेपी ने 33.4 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी और 2004 में कांग्रेस ने 32.6 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी। 2009 में, मुरली मनोहर जोशी ने 30.5 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी, जो 2014 में नरेंद्र मोदी के लिए 56.4 प्रतिशत और 2019 में 63.6 प्रतिशत उससे भी आगे बढऩे की लड़ाई बन गई.