कैंट रेलवे स्टेशन पर दो नए और आठ प्लेटफार्म की लंबाई बढऩे से आउटर पर नहीं खड़ी होंगी ट्रेनें सिटी स्टेशन तक हुई डबल लाइन 38 किमी से अधिक नया ट्रैक


वाराणसी (ब्यूरो)यार्ड री-मॉडलिंग कार्य के चलते कैंट रेलवे स्टेशन पहले से काफी बदल गया है। पैसेंजर की मंगलमय यात्रा के लिए रेलवे की ओर से सुरक्षित और आधुनिक सुविधाएं विकसित की गई हैं। ट्रेनों के परिचालन को गति देने के लिए दो नए प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं। आठ प्लेटफार्मों की लंबाई में वृद्धि की गई है। 663 रूट में इंटरलॉकिंग सिस्टम डेवलप किया गया। मालगाडिय़ों के सुगम आवागमन के लिए 38 किमी से अधिक नया ट्रैक बिछाया गया है। यात्रियों को बेहतर और सुरक्षित यात्रा के लिए नए फुट ओवरब्रिज, दो नई वाशिंग लाइन, चार सिक लाइन पिटपिट भी डाली गई है। इन तमाम सुविधाओं और आधुनिकीकरण के चलते कोई ट्रेन आसपास के स्टेशनों पर नहीं रुकेगी। निर्धारित समय पर कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। प्लेटफार्म 1 से 4 तक की लाइनों का बनारस स्टेशन, 1 से 5 तक की लाइनों का लोहता स्टेशन, 6 से 9 तक की लाइनों का शिवपुर स्टेशन से सीधा जुड़ाव होगा, जिससे ट्रेनों का आवागमन सुगम होगा.

मालगाडिय़ों के लिए तीन लाइनें

वाराणसी यार्ड रीमॉडलिंग का कार्य रविवार को पूरा हो गया। इस कार्य के लिए 70 दिन का लक्ष्य निर्धारित था, लेकिन रेलवे की योजनाबद्ध रणनीति और दिन-रात चल रहे वर्क के कारण 45 दिनों में पूरा हो गया। इस दौरान 663 रूट इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना की गई, जिसमें 283 सिग्नल, 214 प्वाइंट के साथ 6 दिशाओं में ब्लॉक वर्किंग शामिल है। 158 नए टर्नआउट वाले यार्ड में संशोधन और लगभग 38 किमी के रूट इंटरलॉकिंग के साथ ट्रैक लिंकिंग को शुरू किया गया। आउटर पर टे्रनें ज्यादा देर तक नहीं खड़ी होंगी। प्रतापगढ़ से आने वाली गाडिय़ां प्लेटफार्म नंबर एक से तीन पर आ सकेंगी। कैंट से वाराणसी सिटी के मध्य दोहरीकरण का कार्य पूरा होने से ट्रेनें प्लेटफार्म एक से लेकर नौ तक आएंगी। मालगाडिय़ों के परिचालन के लिए बिना प्लेटफार्म की तीन लाइनें उपलब्ध होंगी.

रीमॉडिंगल के चलते ये हुए बदलाव

- वाराणसी यार्ड में लूप की लंबाई और प्लेटफॉर्म की लंबाई में वृद्धि.

- प्लेटफार्म संख्या 1 से 4 तक की लाइनों का पूर्वोतर रेलवे के बनारस स्टेशन, प्लेटफार्म संख्या 1 से 5 तक की लाइनों का लोहता स्टेशन, प्लेटफार्म संख्या 6 से 9 तक की लाइनों का शिवपुर स्टेशन से सीधा जुड़ाव होगा, जिससे ट्रेनों का आवागमन सुगम होगा।

- वाराणसी सिटी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन की ओर से सभी प्लेटफार्मों (1 से 9) की कनेक्टिविटी हो गई है.

- वाराणसी जंक्शन और वाराणसी सिटी के बीच में दोहरीकरण का कार्य पूर्ण किया गया.

- वाराणसी जंक्शन पर दो अतिरिक्त पूर्ण लंबाई वाले यात्री प्लेटफार्म (10 और 11) और तीसरे प्रवेश द्वार का निर्माण कराया गया।

- शिवपुर की ओर से गुड्स बाईपास लाइन का निर्माण हुआ, जिससे यार्ड के माध्यम से क्रॉस-मूवमेंट कम होगा.

- सात डायमंड क्रॉसिंग को समाप्त किया गया, जिससें यार्ड में परिचालन को गति मिलेगी.

यार्ड रीमॉडलिंग की प्रमुख विशेषताएं

- 663 रूट

- 158 नए टर्नआउट

- 122 टर्नआउट को खत्म किया गया

- 38 किमी नया ट्रैक बिछाया गया

- 17 किमी पुराने ट्रैक की डिसमेंटलिंग

- 283 नये सिग्नल

- विद्युत टीआरडी कार्य

- आठ प्लेटफार्मों की लंबाई और चौड़ाई का पुनर्निर्माण

- दो नए प्लेटफार्मों का निर्माण

- नए फुट ओवरब्रिज

- 10 मीटर चौड़ा तीसरा फुट ओवर ब्रिज

- लेवल क्रासिंग संख्या 4 पर 3 मीटर चौड़ा, 65 मीटर लंबा फुट ओवरब्रिज पर रैंप के साथ

- 6 मीटर चौड़ा तीसरा प्रवेश

बेगमपुरा व शटल नहीं, आज से बाकी सभी ट्रेनें कैंट से चलेंगी

कैंट स्टेशन यार्ड रिमॉडलिंग का काम खत्म हो गया। 16 अक्टूबर सोमवार से सभी ट्रेनें संचालित होने लगेंगी। बनारस, लोहता और शिवपुर की ट्रेनें कैंट पर लौट आएगी। बेगमपुरा और शटल को छोड़कर सभी ट्रेनें अपने पुराने शेड्यूल से कैंट रेलवे स्टेशन से चलेंगी। बेगमपुरा सोमवार को भी सुल्तानपुर और शटल शिवपुर स्टेशन से चलेगी। कैंट स्टेशन डायरेक्टर गौरव दीक्षित ने बताया कि बेगमपुरा और शटल मंगलवार से कैंट से चलेगी। कैंट स्टेशन नए कलेवर में दिखेगा। फेस्टिवल स्पेशल सहित नई ट्रेनें भी कैंट से चलेंगी.

Posted By: Inextlive