Varanasi news: दूषित पानी से डायरिया, टायफाइड का खतरा, स्किन को भी होता संकट
वाराणसी (ब्यूरो)। सार्वजनिक स्थलों और नलों से आने वाले पानी की रिपोर्ट ठीकठाक नहीं आई। मलदहिया लोहा मंडी में नल के पानी का टीडीएस 530 पीपीएम मिला। बस स्टैंड में 508 टीडीएस और रेलवे स्टेशन में 453 टीडीएस लेवल मिला। हालांकि, कबीरचौरा हॉस्पिटल में यह आंकड़ा 132 रहा। ऐसे में यदि आपूर्ति हो रहे पानी का टीडीएस लेवल गड़बड़ है और गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है तो आपको कई रोग हो सकते हैं। कोई डायरिया ग्रस्त हो जाता है तो कोई टायफाइड से इफेक्टेड हो जाता है। डॉक्टर भी कहते हैं कि दूषित पानी में छोटे-छोटे जीवाणु होते हैं, जिनसे बीमारी शरीर में प्रवेश करती है। गंदा पानी पीने से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है। दूषित पानी से नहाने से ही कई बीमारियां हो जाती हैं। इसलिए बहुत सचेत रहने की जरूरत है.
हास्पिटल के पास गंदगी ज्यादा
कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल हो या फिर पं। दीनदयाल, जहां पर नल लगा है। वहां पर साफ-सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जाता। कोई पान थूक देता है तो कोई नल को खुला छोड़ देता है। ऐसे में पानी तो बर्बाद होता ही है साथ ही सफाई का ध्यान न होने से जो कोई भी पानी पीता टायफाइड का शिकार हो जाता है। इस समय गर्मी पड़ रही है। अस्पतालों में दूषित पानी से मरीजों की संख्या बढ़ गयी है.
टंकी के पानी से सेहत खराब
डॉ। एसएस पाण्डेय ने कहा, गर्मी के दिनों में टंकी का पानी काफी गर्म हो जाता है। लोगों को इस पानी से नहाने, हाथ-मुंह धोने में भी दिक्कत होती है। इस गर्म पानी में खतरनाक केमिकल भी मिले होते हैं जो किसी को भी बीमार कर सकते हैं। पाइप और टंकी में गर्म हुआ पानी प्लास्टिक के कई हानिकारक केमिकल्स को खुद में घोल लेता है। ऐसे में इस पानी का इस्तेमाल पीने के लिए या खाना बनाने के लिए करना खतरनाक हो सकता है। इससे टायफाइड, कालरा, पीलिया जैसी बीमारी हो रही हैं।
उबलने के बाद भी साफ नहीं होता
गंदे पानी में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया पाए जाते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि पानी को तेज आंच पर उबालने से इसमें मौजूद सूक्ष्मजीव खत्म हो जाते हैं। सामान्य वायरस और बैक्टीरिया के मामले में यह बात काफी हद तक सही भी है, लेकिन प्लास्टिक से पानी में मिले केमिकल उबालने के बाद भी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में टंकी के गर्म पानी से खाना बनाना खतरनाक हो सकता है.
स्किन डिज़ीज का खतरा
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ। अरविन्द सिंह ने कहा, दूषित पानी से स्किन की बीमारी होती है। दूूषित पानी में छोटे-छोटे जीवाणु होते हैं, जिनसे बीमारी शरीर में प्रवेश करती है। दूषित पानी से नहाने से ही कई बीमारियां हो जाती हैं। जैसे त्वचा रोग, खुजली, दाद आदि.
दूषित पानी को ऐसे कर सकते हैं शुद्ध
- पानी को उबालकर शुद्ध किया जा सकता है। कोशिश करें कि पानी उबालकर ही पीना चाहिए.
- दूषित पानी में फिटकरी का टुकड़ा कुछ देर के लिए डाल दें। फिर फिटकरी को निकालकर पानी को हिला दें। कुछ ही पल में पानी में मौजूद गंदगी नीचे बैठ जाएगी और फिर मोटे कपड़े से पानी छान लें.
- दूषित पानी में तुलसी के पत्तों को डालकर रखें। तुलसी के पत्ते में कीटाणू नष्ट करने की क्षमता होती है।
दो बच्चे हुए थे बीमार
आदमपुर जोन के दीवानगंज, चौहट्टा और पठानी टोला में लगतार दो महीने से दूषित जल नलों से आ रहा था। इसकी शिकायत वहां के पार्षद बबलू शाह ने कई बार विभाग के अधिकारियों से की, लेकिन उसका निस्तारण नहीं किया। नतीजा यह रहा कि दूषित पानी पीने से उस्मान अली और भाविका नामक दो बच्चे बीमार हो गए थे.