बरामदगी बता रही खतरा कितना बड़ा
-सैकड़ों कुंतल नशे का सामान चार साल में हो चुका है बरामद
-तमाम सुरक्षा एंजेंसियां नहीं तोड़ पा रहीं नशीले पदार्थ की तस्करी का जाल VARANASI नशे का धंधा बनारस में कितना बड़ा खतरा बन चुका है इसका अंदाज सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तस्करों से बरामद की गयी नशे की खेप से लगता है। पिछले चार सालों के आकड़ों को देखें तो इतना नशीला पदार्थ लाखों युवाओं को बर्बाद करने का लिए पर्याप्त है। पुलिस, क्राइम ब्रांच, एसटीएफ, एंटी नारकोटिक्स, आईबी अपने-अपने तरीके से नशे के धंधे पर लगाम लगाने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पा रही है। धंधे की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि उन्हें उखाड़ना आसान नहीं है। इन जहों को संरक्षण और पोषण देने में सत्ता और सुरक्षा से जुड़े लोग भी शामिल हैं। थानों से स्पेशल तक सब हैं जुटेनशे के काले कारोबार को रोकने के लिए पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच और एसटीएफ तक जुटी है। आंकड़ों पर गौर करें तो तीनों ने मिलकर बनारस से बीते तीन से चार सालों में बड़ी बरामदगी की है। इसमें गांजे की लगभग दो हजार से ख्ख्00 केजी की खेप पकड़ी गई है। चार सालों के अंदर डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों का एनडीपीएस एक्ट में चालान हुआ है।
चार सालों के भीतर अफीम की भ्म्0 केजी से ज्यादा की बरामदगी हुई है। हेरोइन और मारफीन की खपत भी बढ़ रही है और चार सालों में कई केजी की बरामदगी हुई।
बरामदगी कर रही है बयां -ख्9 फरवरी ख्0क्ख् को गाजीपुर अफीम फैक्ट्री से निकली भ्भ्8 किलो अफीम एसटीएफ ने जैतपुरा से पकड़ी थी। इससे हेरोइन बनाने की तैयारी थी - तस्करी में अफीम फैक्ट्री में तैनात सीआईएसएफ के कमांडेंट समेत पांच कांस्टेबल सहित कुल क्म् लोग पकड़े गए थे - ख्ख् नवंबर ख्0क्फ् को ईश्वरगंगी के एक मकान से पुलिस ने म्0 लाख रुपये की मारफीन पकड़ी थी - 8 मई ख्0क्म् को अपराध नियंत्रण टीम ने आठ करोड़ की हेरोइन डाफी हाईवे से पकड़ी थी - ख्फ् फरवरी ख्0क्म् को जंसा से एसटीएफ ने म्क् केजी हेराइन पकड़ी थी - रोहनिया पुलिस ने एक जून ख्0क्म् को डेढ़ कुंतल गांजा पकड़ा