-बनारस में पूरी तरह पैठ बना चुका है नशे का धंधा

-गली से लेकर घाटों तक हर ओर फैला है नशे का जाल, युवा आ रहे गिरफ्त में

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

नशे के चंगुल में फंसकर दम तोड़ रही नस्ल की सच्चाई बयां करने वाली मूवी 'उड़ता पंजाब' ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। चरस, गांजा, अफीम, भांग, शराब का नशा किस तरह पंजाब में यूथ को अपने कब्जे में ले रहा है ये इस मूवी को देखने के बाद साफ हो जाता है। हकीकत यह है कि अपने शहर बनारस में भी हालात अच्छे नहीं हैं। धर्म और अध्यात्म की नगरी होने के बावजूद बनारस नशे के खूनी पंजों में पूरी तरह से फंस चुका है। घाट हो या पक्का महाल की गलियां हर जगह नशा और नशा करने वाले मौजूद हैं। बीते चार सालों में बनारस से बरामद नशे की बड़ी खेप कड़वी हकीकत को पुख्ता कर रहे हैं।

हर पॉकेट में है नशा

बनारस की नयी पीढ़ी को नशे ने बुरी तरह से अपने शिकंजे में जकड़ रखा है। हजारों युवा नशे की लत में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद चुके हैं और हजारों बर्बाद कर रहे हैं। इस शहर में नशे की हालत यह है कि हर पॉकेट में आसानी से नशा पहुंच जाता है। काले धंधे से काली कमाई करने वाले हर वक्त नये शिकार की तलाश में रहते हैं। शहर के लगभग हर कोने में मौजूद उनके जाल में हर दिन कोई न कोई फंस ही जाता है। कला, संस्कृति और शिक्षा की नगरी में युवाओं की बड़ी संख्या मौजूद है जो नशे के धंधेबाजों के निशाने पर होती है। बनारस के युवाओं के साथ घर से दूर रहकर पढ़ाई करने वाले, काम की तलाश में इस शहर में आने वाले आसान शिकार बनते हैं। सिर्फ युवक नहीं युवतियां भी नशे का शिकार बन रही हैं।

मेहमान के लिए सब आसान

सिर्फ बनारस और यहां आने वाले आसपास के जिलों, प्रदेश के युवा नहीं

सैलानी भी नशे के जाल में फंसे हैं। बल्कि यह कहें तो गलत नहीं होगा कि बड़ी संख्या में सैलानी सिर्फ नशे के लिए यहां आते हैं। इजराइल, चाइना, जापान और मैक्सिको के सैलानी सबसे ज्यादा बनारस को पसंद करते हैं। इसके पीछे बड़ी वजह है यहां आसानी से मिलने वाला नशा। घाट हो या पक्के महाल की गलियां हर तरफ नशे की इनकी लत को पूरा करने का इंतजाम मौजूद है। हालात ये हैं कि गेस्ट हाउस से लेकर लॉज तक अपने कस्टमर्स का बड़ी ही आसानी से लत पूरी कराने का सामान उपलब्ध करा देते हैं। कहना गलत नहीं होगा कि ये सब पुलिस, एलआईयू और प्रशासन की जानकारी में है।

नशे का सेंटर बना बनारस

-बनारस नशे का बड़ा सेंटर बन चुका है

-ये शहर बिहार और झारखंड को जोड़ता है

-यहां से तस्कर नशे का सामान लेकर आसानी से यहां पहुंच जाते हैं

-बांग्लादेश से हेरोईन पश्चिम बंगाल के रास्ते बनारस आती है

-पाकिस्तान से नशे का सामान नेपाल के रास्ते यहां आता है

-हर महीने बनारस में नशे की बड़ी खेप जमा होती है

-शहर में खपत होने के साथ ही यहां से नशे का सामान दूसरे शहरों और प्रदेशों तक पहुंचता है

-नशे के काले धंधे का जाल काफी बड़ा और घना है

-इनमें बड़े तस्करों से लेकर नशेडि़यों तक नशे पहुंचाने वाले गुर्गे शामिल हैं

हर महीने बड़ी खपत

बनारस गांजा, भांग, अफीम, हेरोइन, चरस की सेल का बड़ा सेंटर है

-इस शहर में हर महीने 30 कुंतल गांजा और लगभग 50 हेरोइन की खपत हो रही है

-यहां हर दस हजार लीटर से अधिक अवैध शराब की सेल होती है

-भांग की खपत कई कुंतल है

- बिहार और बंगाल से आने वाले गांजे की खेप भांग के ठेकों पर

अवैध तरीके से पुडि़यों में बिकती है

- सकरी गलियों से लेकर कालोनियों तक में हेरोइन की पुडि़या महिलाएं बच्चे उपलब्ध कराते हैं

-घाटों पर मौजूद साधु वेशधारी भी नशे की तस्करी में अहम भूमिका निभाते हैं

Posted By: Inextlive