नहीं चेते तो आने वाले समय में सिटी के लिए होगी बड़ी प्रॉब्लम आने वाले दिनों में बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ सकता है डार्क जोन का दायरा बढ़ता जा रहा


वाराणसी (ब्यूरो)गंगा, वरुणा और अस्सी नदी के किनारे बसे बनारस के लोगों को आने वाले दिनों में बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ सकता है। ये हम नहीं कह रहे। बल्कि जिस तरह से ग्राउंड वॉटर लेवल गिर रहा है। उससे यही संकेत मिल रहे हैं। भूजल के अतिदोहन से डार्क जोन का दायरा बढ़ता जा रहा है। पानी का इतना अधिक दोहन हो रहा है कि सिटी का कैंट, लंका और मलदहिया सेमी क्रिटिकल जोन में पहुंच गया है, आराजीलाइन, हरहुआ अतिदोहित श्रेणी में हैं। चिरईगांव क्रिटिकल श्रेणी में तो पिंडरा, काशी विद्यापीठ, सेवापुरी भी सेमी क्रिटिकल श्रेणी में पहुंच गए हैं। यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में लोग बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे.

सिटी में वाटर क्राइसिस

ग्राउंड वाटर लेवल गिरने से सिटी के अलग-अलग एरिया में पानी की समस्या शुरू हो चुकी है। जल निगम के आंकड़ों की मानें तो यहां 30 से ज्यादा ऐसे एरिया हैं। जहां लोगों को पानी के लिए जूझना पड़ रहा है। इसमें मलदहिया, कैंट, लंका, कज्जाकपुरा, आदमपुर, पीली कोटी, बजरडीहा, पहडिय़ा, बांसफाटक, चौक, घुंघरानी गली, लक्सा, सिद्धगिरीबाग, सोनिया, औरंगाबाद, पक्का महाल समेत पुरानी काशी क्षेत्र के अन्य एरिया हंै।

डेली 10 कंप्लेन

नगर निगम के सिटी कमांड सेंटर के जल निगम विंग में इन सभी क्षेत्रों से पानी से संबंधित डेली 6 से 10 शिकायतें पहुंच रही हैं। पिछले 6 माह में 1919 से ज्यादा शिकायतें पहुंची हैं। इनमें ज्यादातर शिकायतें काला पानी आने, पानी स्लो आने और लीकेज होने से पानी घर तक न पहुंचने के अलावा सीवरयुक्त पानी की शिकायतें हैं। शहर में तमाम ऐसे एरिया हैं, जहां आए दिन ट्यूबवेल व पंप खराब रहता है, जिससे वहां लोगों को जल निगम के टैंकर से पाली सप्लाई किया जा रहा है। फिलहाल मलदहिया में पानी सप्लाई ठप होने से वहां लोगों की प्यास टैंकर से बुझाई जा रही है।

2022 में भी थी गंभीर स्थिति

सभी ब्लॉक को भूजल निष्कासन के आधार पर 4 श्रेणियों (सुरक्षित, सेमी क्रिटिकल, क्रिटिकल एवं अतिदोहित) में डिवाइड किया गया। इनमें वर्ष 2022 की भूजल रिपोर्ट के अनुसार आराजीलाइन, हरहुआ, वाराणसी शहर अतिदोहित श्रेणी में पहुंच गया था। पिंडरा, चिरईगांव क्रिटिकल श्रेणी में तथा काशीविद्यापीठ, सेवापुरी सेमी क्रिटिकल श्रेणी में था।

अतिदोहित होने से क्रिटिकल गए जोन एरिया

आराजीलाइन और हरहुआ अतिदोहित कैटेगरी में हैं।

2022 में आराजीलाइन का वॉटर लेवल 104.64 पीजोमीटर था।

2023 में 103.24 पीजोमीटर वाटर लेवल पहुंच गया।

हुआ का 2022 में 100.40 पीजोमीटर था।

2023 में बढ़कर 100.35 पीजोमीटर हो गया।

सिटी एरिया में स्थिति चिंताजनक

कैंट, लंका, मलदहिया, सुंदरपुर, सेंट्रल जेल, राज्य हिन्दी संस्थान, भेल कैंपस, काशी विद्यापीठ में भूजल की स्थिति पीजोमीटर से नापी गई तो कई क्षेत्र की स्थिति चिंताजनक रही।

1.75 लाख कनेक्शन

जलकल के पास पानी की सप्लाई करने के लिए वर्तमान में नलों के कनेक्शन की संख्या 1.75 लाख है, जबकि शहर की आबादी करीब 40 लाख के आसपास है। 40 परसेंट आबादी तक पानी की सप्लाई नहीं है। वह हैंडपंप, नदी, कुआ और तालाबों से पानी लेकर काम चलाते हैं। 90 से 100 वार्ड बढऩे के बाद इनमें से 20 परसेंट वार्ड में पानी की सप्लाई की व्यवस्था नहीं है.

फैक्ट एंड फीगर

6 से 10 शिकायतें डेली

1919 शिकायतें आईं 6 माह में

1851 शिकायतों का हुआ निस्तारण अब तक

जल दोहन को रोकने को लेकर विभाग पूरी तरह से एक्टिव मोड में है। इसमें पब्लिक की सहभागिता जरूरी है। उन्हें भी जल बचाने को लेकर जागरूक होना पड़ेगा। जल आपूर्ति की जो भी समस्याएं आती हैं। उसे एक से तीन दिन सॉल्व किया जा रहा है। जहां ट्यूबवेल या पंप खराब होता है, वहां टैंकर से सप्लाई हो रही है।

संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ, नगर निगम

ये हैं पैरामीटर

-0-70 सुरक्षित

-70-90 सेमी क्रिटिकल

-90-100 क्रिटिकल

-100 से अधिक अतिदोहित

जेल-मलदहिया में पानी काफी नीचे (पीजोमीटर में)

एरिया --- प्री मानसून-पोस्ट मानसून

कैंट- 6.02-3.57

लंका- 6.66-4.96

मलदहिया-26.85-22.15

सुंदरपुर- 11.50-8.45

सेंट्रल जेल-22.79-22.92

राज्य हिन्दी संस्थान-12.36-10.65

भेल कैंपस तरना-20.50-18.40

काशी विद्यापीठ-17.85-15.65

(नोट: ग्राउंड वॉटर के आंकड़े 2023 के हैं.)

भूजल दोहन का एरियावाइज हाल (परसेंट में)

ब्लॉक, 2022 - 2023- जोन

पिडरा 90.63- 78.15 सेमी क्रिटिकल

काशी विद्यापीठ 74.54 - 75.72 सेमी क्रिटिकल

सेवापुरी 71.66 - 75.10 सेमी क्रिटिकल

बड़ागांव 69.35 67.43 सेफ

चोलापुर 56.83 56.32 सेफ

हरहुआ 100.40 100.35 अतिदोहित

चिरईगांव 93.03 94.77 क्रिटिकल

आराजी लाइन 104.64, 103.24 अतिदोहित क्षेत्र

Posted By: Inextlive