रंगों के त्योहार पर मुनाफा कमाने के चक्कर में कई दुकानदार मिला रहे हैं केमिकल्स कलरफुल चिप्स-पापड़ भी सेहत के लिए खतरनाक डिमांड और आपूति की खाई को पाटने के लिए जोरों पर चल रहा मिलावट का खेल

वाराणसी (ब्यूरो)रंगों के त्योहार पर मेहमानवाजी के लिए दूध, खोवे व पनीर से बने व्यंजनों को परोसने जा रहे हैं तो होशियार हो जाइए। क्योंकि मार्केट में बिक रहा खोवा, पनीर, दूध आपकी सेहत को बिगाड़ सकता है। त्योहार पर मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावटखोर बाजार में हावी हो चुके हैं। मिलावटखोर सिंथेटिक्स दूध, खोवा, पनीर की सप्लाई धड़ल्ले से कर रहे हैं। जिसके खाने से आप तो बीमार होंगे ही, साथ ही आपका मेहमानों से रिश्ता भी टूट जाएगा.

मिलावट का कारोबार चल रहा खुलेआम

बनारस में उपभोक्ता वस्तुओं में मिलावटी खाद्य पदार्थों का कारोबार खुलेआम हो रहा है। जब भी शादी-विवाह का सीजन या बड़ा त्योहार आता है तो मिलावटखोरों की गतिविधियां तेज हो जाती हैं। वह अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में खोवा, पनीर जैसे सामानों में बड़े पैमाने पर मिलावट करना शुरू कर देते हैं.

त्योहारों में बढ़ जाती है खपत

रंगों के त्योहार होली में दूध, खोवा व पनीर की मांग बढऩे लगी है। मिलावटखोरों के हौसला और बुलंद हो गए हैं। त्योहार पर अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए खाने-पीने की वस्तु में मिलावट कर रहे हैं। त्योहार पर पनीर, खोवा या फिर दूध सभी की खपत दोगुनी हो जाती है। डिमांड और आपूर्ति की खाईं को पाटने के लिए मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं.

दूध भी नहीं शुद्ध

पानी में मिल्क पाउडर डालने के बाद चिकनाई लाने के लिए शैंपू व डिटर्जेंट पाउडर डालते हैं। रिफाइन तेल की एक पैकेट डालते हैं। धीरे-धीरे यह सफेद रंग गाढ़े पेस्ट में तब्दील हो जाता है। फिर पानी मिलाकर दूध तैयार कर लेते हैं। दूधिए पकड़े जाने के डर से करीब 20 फीसदी असली दूध भी डालते हैं.

सिंथेटिक खोवा भी तैयार

सिंथेटिक खोवा तैयार करने के लिए उबला आलू, सोडा, वेजिटेबल आयल, बेकिंग पाउडर डालकर तैयार करते हैं। गर्मियों के दिन में दूध व खोवा खराब न हो इसके लिए वह कुछ बुंद फार्मोलिन भी डालते हंै.

डेंजरस हैं रंग-बिरंगे पापड़-चिप्स

बाजार में बिक रहे रंग-बिरंगे पापड़ चिप्स काफी खतरनाक हैं। क्योंकि इसमें मिलाया गया केमिकल्स सेहत को बिगाड़ सकता है। खाने-पीने वाला कलर नहीं बल्कि केमिकल युक्त कलर मिलाकर तैयार किया जा रहा है.

कानूनी शिकंजा

खाद्य-पदार्थ में मिलावट रोकने के लिए खाद्य संरक्षा एवं मानक नियम हैैं। इसमें लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले मिलावट खोरों एवं घटिया खाद्य पदार्थों के धंधे से जुड़े लोगों को सबक सिखाने के लिए सख्त प्रावधान है.

यह है प्रावधान

-गलत ब्रांड खाद्य पदार्थों की बिक्री पर 3 लाख का जुर्माना.

-अप्राकृतिक व खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री पर दो लाख जुर्माना.

-खाद्य पदार्थों के अन्य चीजों की मिलावट पर 1 लाख तक का जुर्माना

-मिलावटी खाद्य पदार्थों के संबंध में अगर किसी की मौत हो जाती है तो उम्रकैद और 10 लाख रुपये का जुर्माना.

सेहत पर असर

1. पाचन तंत्र और आंतों को नुकसान होता है.

2. कब्ज, उल्टी, दस्त, पेट दर्द व गैस की बीमारी हो सकती है.

3. महिलाओं की माहवारी में दिक्कत हो सकती है.

ऐसे करें पहचान

1. सिंथेटिक खोआ को अगर पानी में मिलाकर फेटें तो वह टुकड़ों में बंटकर अलग-अलग हो जाता है। जबकि असली खोआ पतला होकर पानी में घुल जाएगा और एक जैसा रहेगा.

2-आधा चम्मच दूध के साथ सोयाबीन पाउडर मिक्स करें। इस मिक्सचर में लिटमस पेपर डाल दें। कुछ देर में पेपर का रंग लाल या नीला होने पर समझ जाएं कि आपके दूध में मिलावट है.

अल्सर, गैस, बदहजमी, मदद्वार की शिकायतें बढ़ जाती हैंै। लीवर और किडनी को प्रभावित करती है। सिंथेटिक दूध से आंखों की रोशनी भी कम हो सकती है। पेट में अल्सर, दर्द व डायरिया हो सकता है। अधिक खाने पर लीवर पर भी काफी असर पड़ता है.

डाइंद्रनील बसु, फिजिशियन

अब तो 12 महीने अभियान चलाया जाता है। त्योहार पर अभियान की गति बढ़ा दी जाती है। इन दिनों खोवा, पनीर और दूध का सैंपल लिया जा रहा है। पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है.

संजय प्रताप सिंह, खाद्य सुरक्षा व अभिहीत अधिकारी

118 लीटर सरसों तेल व 446 पैकेट नमकीन जब्त

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इंडस्ट्रियल एरिया करखियांव में तेल पैङ्क्षकग प्रतिष्ठान पर छापा मारा। वहां निम्न गुणवत्ता पाए जाने पर 118 लीटर सरसों तेल सीज कर जब्त कर दिया। इसकी कीमत 22,500 रुपये है। इसी प्रकार जाल्हूपुर रमना में एक निर्माण इकाई के निरीक्षण में खराब गुणवत्ता और गलत छपाई पर 446 पैकेट नमकीन जब्त कर सीज कर दिया। इसका मूल्य 28990 रुपये है। सहायक आयुक्त खाद्य संजय प्रताप ङ्क्षसह ने बताया कि होली के मद्देनजर टीम ने खाद्य, पेय, दुग्ध पदार्थ, नमकीन आदि की जांच तेज कर दी है। टीम ने भोजूबीर, पहडिय़ां, खजुरी, पांडेयपुर, सेनपुरा, गोदौलिया, सलारपुरा, कपसेठी आदि स्थानों पर छापेमारी की। इन स्थानों पर मसाला, दूध, पापड़, नमकीन, किशमिश, दही, बेसन लड्डू, खोया, सरसों तेल, छेना, बेसन, हल्दी पाउडर, मैदा आदि के नमूने लिए। दो दिनों में 55 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर 34 नमूने लिए गए। कार्रवाई में खाद्य अधिकारी अमित, रमेश ङ्क्षसह, योगेश कुमार राय, गोङ्क्षवद यादव, अवनीश कुमार ङ्क्षसह, रजनीश कुमार, महातिम यादव आदि शामिल रहे.

Posted By: Inextlive