विभागीय अधिकारियों के अनुसार वार के कारण चिप की सप्लाई है बाधित चिप न आने से 5 हजार से अधिक डीएल नहीं हो पा रहे प्रिंट

वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में स्मार्ट चिप की कमी के चलते 5 हजार और पूरे मंडल के 14 हजार ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंटिंग प्रक्रिया में फंस गए हैं। यही नहीं पूरे यूपी की बात करें तो करीब ढाई लाख डीएल फंसे हुए हैं। रूस-यूक्रेन वार के चलते स्मार्ट कार्ड और डीएल में लगने वाले स्मार्ट चिप की आवक बाधित होने से यह दिक्कत सामने आई है। इस कारण लखनऊ में प्रिंट होने वाले डीएल नहीं बन पा रहे हैं.

केस-1

सोनिया के रहने वाले राहुल केशरी ने दिसंबर में परमानेंट डीएल के लिए आवेदन किया था। अभी तक उनके घर पर डीएल नहीं पहुंचा। वह लगातार आरटीओ के चक्कर लगा रहे हैं। पूछने पर अधिकारी बताते हैं कि लखनऊ से प्रिंट होकर डायरेक्ट आपके घर जाता है, लेकिन स्मार्ट चिप न होने से पिं्रट में दिक्कत आ रही है.

केस-2

पीलीकोठी के रहने वाले मोहम्मद असलम के घर भी अभी तक परमानेंट डीएल नहीं पहुंचा है। उन्होंने नवंबर में ही आवेदन किया था। वह भी लगातार आरटीओ के चक्कर लगा रहे हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि शारजहां में उनकी नौकरी लगी है। दो महीने से एक हफ्ते में डीएल आने की बात कही जा रही है।

ये दो केस सिर्फ उदाहरण के लिए हैं।

लखनऊ में मॉनिटरिंग सिस्टम

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लखनऊ में मॉनिटरिंग सिस्टम (केएमएस) मौजूद है। वाराणसी में डीएल बनाने के लिए स्मार्ट चिप कंपनी की तरफ से कर्मचारी तैनात हैं। ये कर्मचारी आवेदक की बायोमेट्रिक और कागजात की स्क्रूटनी करते हैं। इसके बाद परिवहन विभाग वाहनों की टेस्टिंग और डीएल की ऑनलाइन संस्तुति देता है। डीएल बनाने के बाद लखनऊ स्थित कंपनी डाक के माध्यम से आवेदक के पते पर भेज देती है। वाराणसी से आवेदकों का डेटा डीएल बनाने के लिए की मॉनिटरिंग सिस्टम के पास जाता है। इसके बाद स्मार्ट चिप कंपनी आवेदक का डाटा चिप में ट्रांसफर करती है। यह स्मार्ट चिप विदेश से मंगाई जाती है। बहरहाल, डीएल नहीं मिलने के कारण कई आवेदकों ने परिवहन विभाग के कर्मचारियों से संपर्क किया है.

अप्लाई नंबर दिखाएं, नहीं होगा चालान

अगर आपने भी परमानेंट, डुप्लीकेट डीएल व डीएल रिन्युअल के लिए अप्लाई किया था और आपका डीएल प्रिंट न होने के कारण फंसा हुआ है तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण हैं। भले की आपका डीएल प्रिंट होकर डाक के माध्यम से आपके घर न पहुंचा हो, लेकिन यदि चेकिंग के दौरान ट्रैफिक पुलिस या आरटीओ की टीम आपको पकड़ती है तो घबराने की जरूरत नहीं हैं। डीएल न होने के कारण चालान नहीं होगा। बस आप अपना अप्लीकेशन नंबर अधिकारी को दिखा सकते हैं। अधिकारी एप के माध्यम से इसे क्रास चेक कर सकते हैं। आप स्वंय भी परिवहन विभाग की वेबसाइट पर डीएल ऑनलाइन सर्विस ऑप्शन में अपने डीएल का स्टेटस चेक कर अधिकारी को मोबाइल में दिखा सकते हैं। इसके बाद आपका चालान नहीं होगा.

अप्रैल में खत्म होगी पेेंडेंसी

आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक रूस-यूक्रेन वॉर की वजह से स्मार्ट चिप वाले लैक कार्ड की सप्लाई नहीं हो रही थी। इसकी वजह से डीएल प्रिंट नहीं हो पा रहे हैं। फरवरी के लास्ट में कार्ड की पहली खेप यूक्रेन से आई है। इससे नए अप्लीकेंट के डीएल प्रिंट करने का काम शुरू हो गया है। कुछ पेंडिंग डीएल भी प्रिंट किए जा रहे हैं। मार्च में कार्ड की बल्क सप्लाई होने की उमीद है। इसके बाद पेंडेंसी खत्म करने में 20 से 25 दिन लगेंगे। मिड अप्रैल तक समस्या खत्म होने के दावे अधिकारी कर रहे हैं.

इतने डीएल हैं पेंडिंग

1835 फरवरी

1785 जनवरी

1547 दिसंबर

चिप युक्त स्मार्ट ब्लैक कार्ड की सप्लाई रूस-यूक्रेन वार की वजह से बाधित है। उम्मीद है कि मुख्यालय स्तर पर इसे बहुत जल्द ही शॉट आउट कर लिया जाएगा और प्रिंट होने के बाद डीएल आवेदकों के घर पहुंचना शुरू हो जाएगा.

सर्वेश चतुर्वेदी, एआटीओ

Posted By: Inextlive