पेन किलर के साथ वायरल फीवर की दवाओं की बंपर डिमांड एक महीने में ही बढ़ गयी 50 परसेंट से अधिक की खपत फीवर वायरल की आड़ में बेची जा रही डुप्लीकेट दवाएं


वाराणसी (ब्यूरो)डेंगू, चिकनगुनिया ने डुप्लीकेट दवाइयों के कारोबार को एक बार फिर हवा दे दिया है। मार्केट में फीवर, वायरल, सर्दी, खांसी की दवाइयों के साथ पेन किलर की भी डिमांड जबरदस्त बढ़ गयी है। हालात यह है कि कई कई कई स्टाकिस्ट के यहां दवाइयों की शॉर्टेज हो गयी है। इन दवाओं की भरपाई करने के लिए लोगों ने डुप्लीकेट दवाइयों को बेचना शुरू कर दिया है। फिलहाल मार्केट के विशेषज्ञों की मानें तो आम दिनों में जहां 20 परसेंट की खपत होती थी, इन दिनों वायरल और फीवर की दवाइयों की खपत 50 परसेंट तक बढ़ गयी है.

सभी बीमारी से परेशान

फीवर, डेंगू, चिकनगुनिया, खांसी, सर्दी बदन दर्द से मुक्ति पाने के लिए इन निजी हास्पिटल, क्लिनिक के अलावा डाक्टरों के यहां मरीजों की भीड़ लग रही है। हालात यह है कि हर कोई वायरल से पीडि़त नजर आ रहा है। एक-एक परिवार में एक लोग बीमार पड़ रहे है तो उनके साथ कई लोग बीमार हो जा रहे है। इसके चलते नार्मल दवाइयों के साथ एंटीबायटिक दवाओं की खपत बढ़ गयी है। इसके चलते दवा विक्रेताओं का मार्केट बमबम है। एक-दो महीने तक ऐसे ही हास्पिटल, निजी क्लिनिक और डाक्टरों के यहां मरीजों की भरमार रही तो दवाइयों का आंकड़ा दोगुना हो सकता है, ऐसा कहना है इस फिल्ड से जुड़े विशेषज्ञों का.

पूरी बॉडी में पेन

जब से शहर में अजीबों गरीब बीमारी फैली है तब से हर घर में लोग बीमार चल रहे है। कोई वायरल से पीडि़त है तो बुखार, तो कोई डेंगू से ग्रस्त है। हालात यह है कि हफ्ते दो हफ्ते तक दवा खाने के बाद भी कोई असर नहीं हो रहा है। गाहे-बगाहे अगर ठीक भी हो जा रहे है तो पूरे बॉडी के जोड़ में इतना अधिक पेन हो रहा है कि बर्दाश्त करना मुश्किल हो जा रहा है।

पेन किलर की डिमांड

शरीर के जोड़ों के दर्द से मुक्ति के लिए पेन किलर दवाइयों की मांग ज्यादा बढ़ गयी है। फीवर के लिए पैरासीटामॉल, की मांग बढ़ी है लेकिन इन सबके बीच पेनकिलर दवाइयों की भी मांग बढ़ गयी है। इनमें एसीक्लोफिनेक, डायक्लोफिनेक आइबो प्रोफेन के अलावा काम्बीफ्लाम, डाक्सीसाइक्लिन और ओरआरएस की भी मांग बढ़ गयी है।

हर हाथ में पर्चा

बीमारी से परेशान यूथ हो या फिर बुजूर्ग हर हाथ में पर्चा लिए हास्पिटल के आगे दवाइयों की दुकान पर भीड़ लगाए है। नामी-गिरामी दुकानों पर भीड़ लग ही रही है लेकिन वह भी दुकान चल पड़ी है जिसके यहां इक्का-दुक्का ग्राहक दवा खरीदने के लिए आते थे। इस समय ऐसे दुकानदारों के यहां भी दवा की बिक्री बढ़ गयी है।

डुप्लीकेट दवाइयों की मांग बढ़ी

डाक्टरों का कहना है कि बीमारी की आड़ में कई दुकानदार फीवर, वायरल और चिकनगुनिया की डुप्लीकेट दवा खुलेआम दे रहे हैं। जानकारी के अभाव में मरीज इन दवाओं का सेवन कर रहे है। यही वजह है कि उनको बीमारी से आराम नहीं मिल रहा है। डुप्लीकेट दवा खाने से लीवर की समस्या हो रही है.

किसी प्रतिष्ठित दुकान से ही दवा की खरीदारी करें। क्योंकि मार्केट में डुप्लीकेट दवा भी बेच रहे हैं। ऐसे लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। मरीज कोई भी दवा ले उसका बिल लेना न भूले.

नरेश मोहन, असिस्टेंट कमिश्नर, ड्रग विभाग

मरीज हो तीमारदार गवर्नमेंट हास्पिटल में ही आकर इलाज कराएं। इससे डुप्लीकेट दवाओं की बिक्री पर रोक लगेगी और हास्पिटल में मरीज को उचित इलाज भी मिलेगा.

डॉसंदीप चौधरी, सीएमओ

Posted By: Inextlive