डेंगू के प्रकोप से सहमे हैं. मच्छर और मच्छरों का लार्वा राह चलते देखा जा सकता है. बीते 8 साल में 3615 डेंगू पेशेंट भी सामने आए लेकिन मच्छरों पर अंकुश नहीं लगाया जा सका. ऐसा तब है जब करीब एक दर्जन विभाग मच्छरों से मुक्ति दिलाने में जुटे हैं.

वाराणसी (ब्यूरो)। मानसून की दस्तक के साथ ही जिले में मच्छर डंक मारने लगे हैं। पब्लिक मच्छरजनित बीमारियों खासतौर पर डेंगू के प्रकोप से सहमे हैं। मच्छर और मच्छरों का लार्वा राह चलते देखा जा सकता है। बीते 8 साल में 3615 डेंगू पेशेंट भी सामने आए, लेकिन मच्छरों पर अंकुश नहीं लगाया जा सका। ऐसा तब है, जब करीब एक दर्जन विभाग मच्छरों से मुक्ति दिलाने में जुटे हैं। ये मच्छर इन विभागों को हर साल हरा देता है। इसकी सबसे बड़ी वजह शहर से लेकर रुरल एरिया में साफ-सफाई का न होना और बारिश के दिनों में पानी की निकासी न होने से भी मलेरिया और डेंगू का प्रकोप तेजी से फैलता है। हालांकि, शासन के निर्देश पर एक बार फिर मच्छरों की रोकथाम के लिए अभियान चलाया गया है।

जुलाई-अक्टूबर के बीच फैलता है डेंगू

डेंगू और मलेरिया का प्रकोप सबसे अधिक बारिश के दिनों में होता है। बारिश जब चली जाती है तो जगह-जगह लगे बारिश के पानी से डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारी फैलने लगती है। यह बीमारी अक्टूबर महीने तक रहती है। इसमें लोगों को तेज बुखार हो जाता है।

दर्जनभर विभाग करते हैं काम

डेंगू और मलेरिया के रोकथाम के लिए दर्जनभर विभाग के अधिकारी काम करते हैं। इनमें हेल्थ डिपार्टमेंट का मलेरिया विभाग, जिला पंचायती राज, कृषि विभाग, सूचना विभाग, शिक्षा विभाग, उद्यान विभाग, आशा कार्यकर्ता, पशु चिकित्सा विभाग समेत दर्जन भर विभाग के अधिकारी इसके रोकथाम के लिए टीम का गठन करते हैं। इसके बाद भी डेंगू और मलेरिया का प्रकोप नहीं रुकता बल्कि बढ़ता ही जाता है।

हेल्थ डिपार्टमेंट: रैपिड रिस्पांस टीम का गठन

डेंगू के रोकथाम के लिए के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जाता है। टीम के मेंबर्स घर-घर जाकर डेंगू और मलेरिया से बचाव के बारे में न सिर्फ जानकारी देते हैं। बल्कि इसके प्रति अवेयर भी रहने को कहते हैं। आसपास के क्षेत्र में जलभराव न रहने देने के लिए भी जागरूक करते हैं। साथ ही झाड़-झंखाड़ को भी साफ करने के लिए हिदायत देते हंै।

मलेरिया विभाग: रोकथाम को 2600 टीमें

जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पांडेय ने बताया कि डेंगू और मलेरिया के रोकथाम के लिए 2600 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। जो घर-घर जाकर संभावित रोगियों की पहचान कर उन्हें चिहिनत करेंगी। वेक्टर और लार्वा सर्विलांस के लिए 16 टीम को तैनात किया गया है। शहरी क्षेत्र में रेंडम लार्वा जांच के लिए 19 सुपरवाइजर तैनात हैं। पर्यवेक्षण के लिए 11 मलेरिया निरीक्षक को भी तैनात किया गया है। नियमित छिड़काव के लिए 11 कर्मियों को तैनात किया गया है।

नगर निगम: लार्वा स्पॉट पर करा रहे छिड़काव

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। प्रदीप शर्मा ने शहर में 77 स्थानों को लार्वा स्पॉट चिह्नित किया है। इसके लिए 50 से अधिक सफाईकर्मियों से चिह्नित स्पॉट पर एंटी लार्वल का छिड़काव कराया जा रहा है। यह स्पॉट खाली पड़े प्लाट, मकान, और गड़ही शामिल हैं। जहां-जहां बारिश का पानी इक_ा होता है, वहां पर छिड़काव करने के लिए आदेश दिया है।

डेंगू के पेशेंट

2017- 722

2018-881

2019-522

2020-13

2021-458

2022-562

2023-451

2024- 06

फैक्ट एंड फीगर

77 लार्वा के स्पॉट

2600 टीमें रोकथाम के लिए

16 टीम लार्वा सर्विलांस के लिए

19 सुपरवाइजर

11 पर्यवेक्षक

11 मलेरिया निरीक्षक

11 कर्मचारी छिड़काव के लिए

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रोकथाम के ये दावे

- शहर में टीम प्रॉपर तरीके से करेंगी निरीक्षण।

- आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर करेंगी अवेयर।

- छिड़काव और फागिंग की व्यवस्था।

- हास्पिटल में बेड बढ़ाया जाएगा।

- मच्छरदानी का उपयोग करना।

डेंगू और मलेरिया के रोकथाम के लिए टीम तैयार है। रूरल एरिया से लेकर शहर में छिड़काव और फागिंग की जाएगी। मरीजों की संख्या बढऩे पर अस्पतालों में बेड बढ़ाया जाएगा।

- डॉ। एसएस कन्नौजिया, डिप्टी सीएमओ

शहर में 77 लार्वा स्पॉट हैं। यहां पर प्रॉपर तरीके से छिड़काव और फागिंग कराई जा रही है। बाढ़ का पानी समाप्त होने के बाद सफाई कराने के लिए टीम तैयार की गई है।

- डॉ। प्रदीप शर्मा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive