Varanasi : बाइकॉथन ने उम्र की सीमा तोड़ दी. इसमें हर उम्र के लोग शामिल हुए. बच्चे बूढ़े व नौजवान हर साइकिल राइडर जबरदस्त जोश था. महज छह साल की वारूणी ने अपनी खूबसूरत साइकिल से रैली को पूरा किया. उसने अपनी साइकिल पर मैसेज भी लगा रखा था. 66 साल के रामकुंवर सिंह 68 साल के एचएन कपूर और 70 साल के नरोत्तम प्रसाद गुप्त पूरे जोश-खरोश के साथ रैली में नजर आए. 25 साल के बबलू पाण्डेय को आई नेक्स्ट से इस कदर लगाव है कि उन्होंने बदन पर आई नेक्स्ट लिखकर रैली में साइकिल चलायी. इनकी तरह हजारों लोग अपनी-अपनी साइकिल के साथ रैली में नजर आए. इन्हें देखने वाले भी इस रैली में दिखे इनके जोश के मुरीद बन गए.


माननीयों ने बतायी साइकिल की अहमियतआज सबकुछ तेजी से बदल रहा है लेकिन साइकिल की इंपॉर्टेंस पहले की तरह ही बरकरार है। इससे अच्छी सवारी कोई हो नहीं सकती। यह हमें सेहतमंद रखती है। इससे पॉल्यूशन बिल्कुल भी नहीं होता। इससे एनवायरमेंट भी सुरक्षित रहता है। इसे हर किसी को अपनाना चाहिए। कम से सप्ताह में एक दिन साइकिल चलाने का संकल्प लेना चाहिए। यदि हम ऐसा करते हैं तो काफी हद तक फ्यूल को सेव कर पाएंगे जो आज के दौर में सबसे जरूरी है। साइकिलिंग को प्रमोट करने का आई नेक्स्ट का यह एफर्ट काफी अच्छा है। हर साल होने वाले इस ईवेंट में साइकिल चलाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।जीएल मीणाएडीजी


आई नेक्स्ट ने शहर के लोगों को साइकिल का क्रेजी बना दिया है। साइकिलिंग को प्रमोट करने का यह प्रयास सराहनीय है। साइकिलिंग का महत्व हम सभी को समझना होगा। इससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है। जिसकी हमें सबसे अधिक जरूरत है। पूरे देश में पॉल्यूशन का लेवल तेजी से बढ़ रहा है। इसे कंट्रोल सिर्फ साइकिल ही कर सकती है। रामगोपाल मोहलेमेयर

अगर पूरा शहर साइकिल चलाने लगे तो समझ लीजिए सिटी की सारी प्रॉब्लम्स ही दूर हो जाएंगी.  न जाम लगेगा, न धूल होगा और न ही प्रदूषण होगा। फिर हम साइकिल को क्यों न अपनाएं। आई नेक्स्ट हर साल होने वाली अपनी साइकिल रैली बाइकॉथन से यही मैसेज देता है। हमें खुद साइकिल चलाना और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। मैं साइकिल चलाने का कोई मौका नहीं छोड़ता हूं।अजय रायविधायक आई नेक्स्ट की बाइकॉथन साइकिल रैली में उमड़ी भीड़ को देखकर लग रहा है कि सिटी में साइकिल लवर्स कितने अधिक हैं। फिट रहने का सबसे आसान तरीका है साइकिलिंग। अगर किसी को सेहतमंद रहना है तो उसे साइकिल जरूर चलानी चाहिए। इससे फुल बॉडी का वर्कआउट होता है। साथ ही हार्ट और रेस्परेटरी सिस्टम स्ट्रांग होता है।प्रदीप मधोक (बाबा)चेयरमैन, डालिम्स सनबीम साइकिल चलाने वाले को किसी तरह की प्रॉब्लम नहीं होती है। फ्यूल का टेंशन नहीं रहता है। किसी तरह की खराबी भी नहीं झेलनी पड़ती है। सिटी के हर किसी को साइकिल चलानी चाहिए। इससे सिटी भी सेफ रहेगी। आई नेक्स्ट की साइकिल रैली साइकिलिंग को प्रमोट कर रही है। जगदीप मधोकसेक्रेटरी, सनबीम एकेडमी

कहते हैं हेल्थ इज वेल्थ। हेल्थ के वेल्थ को हासिल करना है तो साइकिल चलाना ही पड़ेगा। डेली कुछ किलोमीटर साइकिल चलाने वाले को हार्ट और सांस की बीमारी नहीं होती है। उसके मसल्स और ज्वाइंट हमेशा मजबूत रहते हैं।डॉ। अशोक राय एमडी, लक्ष्मी हॉस्पिटलआज के समय में बॉडी वेट बढऩे की शिकायत काफी है। वेट को मेंटेन करने के लिए लोग जिम की तरफ भागते हैं। साइकिल चलाने वाले को वेट की कोई प्रॉब्लम नहीं होती है। उसका मसल्स काफी स्ट्रांग होता है। इतनी खूबियों के बाद भी कम लोग ही साइकिलिंग करते हैं। आई नेक्स्ट का बाइकॉथन जैसा आयोजन ही लोगों को साइकिलिंग के लिए प्रमोट कर रहा है। विश्वास राव (फिटनेस एक्सपर्ट)बाइकॉथन रैली शानदार है। इसके जरिए आई नेक्स्ट सिटी के लोगों को साइकिल का क्रेजी और सेहतमंद बना रहा है। अगर कोई डेली साइकिल चलाता है तो उसे खुद को सेहतमंद रखने के लिए जिम जाने की जरूरत नहीं है। साइकिलिंग से सबसे अच्छा वर्कआउट होता है। नीलू मिश्रा (इंटरनेशनल एथलीट)

Posted By: Inextlive