वर्कशॉप में पड़े-पड़े 321 वाहन हो गए कबाड़ 21 वाहनों को मेंटिनेंस करने में जुटा नगर निगम मेयर की जांच में खुलासा होने से मचा हड़कंप वाहनों के मेंटिनेंस में अपनाई जाएगी टेंडर की प्रक्रिया

वाराणसी (ब्यूरो)नगर निगम परिसर में पड़े करोड़ों के वाहन ड्राइवर के इंतजार में कबाड़ हो गए। इनमें से कई ऐसे वाहन थे जो सिर्फ एक बार ही सड़क पर दौड़े थे। इसके बाद परिसर में कबाड़ के रूप में निगम की शोभा बढ़ा रहे हैं। ऐसे करीब 21 वाहनों नगर निगम फिर से शहर की सफाई के लिए मेंटेन कर यूज किया जाएगा। इनमें आधा दर्जन से छोटे वाहन भी शामिल हैं.

टेंडर की प्रक्रिया होगी

21 वाहनों की मरम्मत करने के लिए नगर निगम टेंडर निकालेगा। इसके बाद इन वाहनों की मरम्मत की जाएगी। किस वाहन के कितने पार्ट गायब हैं, सभी की जांच करने के बाद टेंडर की प्रक्रिया होगी। वार्ड का विस्तार होने के बाद अब नगर निगम और वाहनों की जरूरत पड़ेगी, इसको देखते हुए अब निगम ने कबाड़ में पड़े वाहनों को मेंटेन कर नए वार्डों की सफाई में लगाया जाएगा.

इन वाहनों का होगा इस्तेमाल

कॉम्पेक्टर्स, टाटा एस और ट्रैक्टर के अलावा ई रिक्शा शामिल हैैं। इन वाहनों से सड़क की सफाई के अलावा कूड़ा का उठान भी किया जाएगा। इन वाहनों को इसलिए कबाड़ में खड़ा कर दिया गया कि नगर निगम के पास ड्राइवरों की कमी थी। ड्राइवर अगर रहते थे कई वाहन सड़क पर दौड़ते नजर आते.

मैनपॉवर की कमी से बाधा

शहर की सफाई के लिए निगम के पास प्लानिंग और बजट का भले ही कोई अभाव न हो, लेकिन मैनपॉवर की कमी सफाई अभियान में बड़ी बाधा है जिससे चाहकर निगम शहर को पूरी तरह से गंदगी व कूड़ामुक्त नहीं कर पा रहा है। निगम के पास सफाई के लिए पर्याप्त वाहन हैं, लेकिन उन्हें चलाने के लिए ड्राइवर नहीं हैं। इसलिए एक से एक वाहनों का परिसर में खड़ा कर दिया गया। वह अनयूज्ड हो गए हैं.

मेंटिनेंस पर ध्यान नहीं

नगर निगम खड़े वाहनों की सफाई और मेंटनेंस पर ध्यान नहीं देता। वाहनों को खड़े करने के लिए कवर्ड एरिया भी नहीं है्र। इससे अच्छे कंडीशन में खड़े कई वाहन जंग खा रहे हैं। कई बार अगर जरूरत पडऩे पर वाहनों को मोहल्लों में भेजना पड़ा तो उसमें स्टार्टिग समेत अन्य टेक्निकल प्रॉब्लम आती है। प्राब्लम को देखते हुए फिर से खड़ा कर दिया जाता है। परिसर में करीब 321 वाहन कंडम पड़े जंग खा रहे है।

मेयर ने की थी जांच

कबाड़ में पड़े वाहनों की जांच मेयर अशोक तिवारी ने की तो बड़ा घोटाला सामने आया था तो नगर निगम में हड़कंप मच गया। परिसर में खड़े कई ऐसे वाहन थे जो सिर्फ एक बार ही सड़क सफाई में यूज करने के बाद खड़ा कर दिया गया। इसके बाद उसमें से कई पाट्र्स गायब कर दिए गए। इसका ब्यौरा मेयर ने मांगा तो कोई दे नहीं पाया.

नगर निगम के परिसर में पड़े करीब तीन सौ वाहनों में से 21 वाहनों को मेंटेनस कर फिर से सफाई में यूज किया जाएगा.

डाएनपी सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

नगर निगम में ड्राइवरों की कमी नहीं बल्कि नियत में कमी रही। अब जो भी वाहन खरीदे जाएंगे, उनका पांच साल तक एग्रीमेेंट किया जाएगा.

अशोक तिवारी, मेयर

Posted By: Inextlive