Varanasi news: फिर लौटा पुराने नाम का ट्रेंड
वाराणसी (ब्यूरो)। 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जहां देशभर के राम भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है, वहीं काशी में इस दिन को उत्सव के रूप में मनाने की तैयारी चल रही है। इस उत्सव के दिन को खास और यादगार बनाने के लिए जहां प्रेग्नेंट वीमेन 22 जनवरी के दिन ही अपने बच्चे को जन्म देने के लिए प्लानिंग कर रही है, वहीं इस महीने जन्म लेने वाले बच्चों के पैरेंट्स उनका नाम राम सीता के नाम पर रखने के लिए भी अपने ज्योतिषों व पुरोहितों से सलाह-मशवरा कर रहे हैं। सिटी के दर्जनों रामभक्तों के घर में इस महीने में अगर जहां नवजात लड़के का जन्म हुआ है तो वे उसका नाम श्री राम और लड़की का हुआ है तो उसका नाम माता सीता के नाम पर रखने की सोच रहे हैं। इन दिनों राम नाम की ऐसी धूम मची है कि लोग जॉनी, रॉकी, आदि, रॉबिन, रोजी, डेविड, जेम्स, जूली, अनुस्का, पलक, अक्कू, आभा, प्रिंस जैसे अंग्रेजी और मार्डन नाम रखने के बजाए राम सीता के नाम के नामों पर अपने बच्चों का नामकरण करा रहे हैं.
ज्योतिष के पास पहुंच रहे हैैं कपल्स
ज्योतिषाचार्यों की मानेें तो 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का बेहद शुभ दिन है। इस दिन भगवान राम अपने उस घर में विराजेंगे जहां उनका जन्म हुआ था। ऐसे में इस दिन को गर्भवती महिलाएं डिलीवरी करवाने के लिए सलाह मांगने आ रही ही थी। वहीं अब ऐसी कई महिलाएं भी आ रही है, जिनके डिलीवरी उसी दिन तय है। वे उनके नाम को लेकर भी सलाह मांग रही है। ज्योतिषाचार्य पं। बब्बन तिवारी ने बताया कि 22 जनवरी को जिन घरों में नया मेहमान आने वाला है। उनमें काफी उत्साह देखा जा रहा है। ऐसे में अगर आप 22 जनवरी को जन्म लेने वाले बेटा या बेटी का नामकरण करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप सही है। 22 जनवरी प्रभु श्रीराम का दिन है। उस दिन न सिर्फ काशी में बल्कि पूरे देश में दीपोत्सव मनाने की तैयारी है। ऐसे में प्रभु श्रीराम और माता सीता से जुड़ा नाम रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि राम और सीता के अलावा इनसे जुड़े नाम रखना बेहद शुभ रहेगा। उनके पास ऐसे दर्जनों कपल्स आ चुके हैं जो अपने होने और जनवरी माह में हो चुके बच्चों का नाम सीता राम के नाम पर रखना चाह रहे हैं।
15 के बाद से ही शुभ बेला की हो गई शुरुआत
पं। बब्बन तिवारी बताते हैं कि 15 जनवरी के बाद से ही शुभ बेला की शुरुआत हो चुकी है। 22 जनवरी के दिन जो बच्चे जन्म लेंगे, उनका नाम ऐसा रखें जिसका प्रभाव बच्चे के जीवन पर भी रहे। इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे का नाम 'वÓ अक्षर से रखना बेहद शुभ होगा। इसके अलावा कुंडली में बन रहे राशि के अनुसार भी नाम रखा जा सकता है। 22 जनवरी का दिन बेहद शुभ दिन है। कई योगों का महाकुंभ इस दिन होने वाला है। इस दिन अमृत सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन किया गया कोई भी काम अमृत के समान होगा.
व्यक्तित्व पर पड़ता है नाम के अर्थ का प्रभाव
ज्योतिषाचार्य उमंग नाथ शर्मा की माने तो किसी के नाम के अर्थ का प्रभाव उसके व्यक्तित्व पर भी पड़ता है, वो बच्चे की पर्सनैलिटी के बारे में बताता है। इसलिए लोग ज्यादातर बच्चों के नाम भगवान से या फिर गरहे अर्थ से जुड़े रखना पसंद करते हैं। ऐसे में जिन राम भक्तों के घर जनवरी में बेटी ने जन्म लिया है, वो लोग देवी सीता से जुड़े इन नामों पर अपनी लाडली का नाम रख सकते हैं। जैसे श्री राम को रघुनंदन और रामचंद्र जैसे कई नामों से बुलाया जाता है। ऐसे ही माता सीता भी कई नाम से पूजनीय हैं.
माता सीता इन नामों से भी जानी जाती है, जिसे लोग अपनी बेटी को नाम देते है.
पार्थवी
माता सीता का जन्म पृथ्वी से हुआ और वो समाई भी पृथ्वी में थी। इसलिए उन्हें पृथ्वी के बेटी के रूप में जाना जाता है। ऐसे में लड़की का नाम पार्थवी भी रख सकते हो.
लक्षाकी
इस नाम का अर्थ है लक्ष्मी स्वरूपा। माता सीता को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। इसलिए उन्हें लक्षाकी नास से भी पूजा जाता है.
सिया
अगर आप लाडली को शॉट और सिंपल नाम देना चाहते हैं, तो सिया नाम भी रख सकते हैं। देवी सीता को सिया भी बुलाया जाता है.
जानकी
माता सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है। उनके पिता का नाम जनक था। इसलिए उन्हें राजा जनक की बेटी के नाम जानकी से भी जाना जाता है.
मैथिली
राजा जनक मिथिला के राजा थे। इसलिए उनकी बेटी सीता माता को मैथिली भी कहा जाता था.
भूमिजा
राजा जनक ने एक यज्ञ किया था, जिसके बाद खेत में हल चलाने के दौरान एक कलश में मां सीता मिली थी। भूमि से जन्म होने के कारण उनका नाम भूमिजा भी पुकारा जाता है.
वैदेही
सीता जी के पिता राजा जनक को देहाभिमान से रहित मोक्ष प्राप्त महात्मा और ज्ञानी थे। इसलिए उन्हें विदेहराज जनक पुकारा जाता था। लिहाजा उनकी पुत्री को वैहेदी के नाम से भी पुकारा जाता था.