Corona Varanasi news : बनारस के 7 हजार लोगों पर जान का खतरा
वाराणसी (ब्यूरो)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ। मनसुख मांडविया ने कहा है कि जिन लोगों में कोरोना संक्रमण का गंभीर असर हुआ है, उन्हें अभी दो साल तक वर्कआउट और भागदौड़ नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों को दिल का दौरा पड़ सकता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 से लेकर 2022 तक बनारस में कोरोना पॉजिटिव पेशेंट की संख्या एक लाख से अधिक पहुंच गई थी, लेकिन 50 हजार से अधिक कोरोना पीडि़त ऐसे भी थे, जिन्होंने स्वास्थ्य विभाग को अपने बारे में जानकारी देने से परहेज किया। इन डेढ़ लाख लोगों में कोरोना संक्रमण से करीब 7 हजार लोगों की स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। कोविड अस्पतालों में बेहतर इलाज और डॉक्टरों की सलाह से इन लोगों की जान बच गई। स्वास्थ्य लाभ होने के बाद ये लोग पहले की तरह अपने कार्य में जुट गए हैं। थोड़ी सी लापरवाही से इन लोगों को दिल का दौरा पड़ सकता है और जान भी जा सकती है.
सीवियर कोविड पेशेंटों ने कराया चेकअप
आईसीएमआर के एक अध्ययन का हवाला देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हार्ट अटैक से बचने के लिए ऐसे लोगों को एक या दो साल तक जरूरत से ज्यादा परिश्रम नहीं करना चाहिए। हालांकि गुजरात में हार्ट अटैक के मामले बढऩे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह बात कही है। मंत्री का बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सीवियर कोविड के पेशेंट की चिंता बढ़ गई है। सीवियर कोविड के पेशेंटों ने डॉक्टरों से सलाह लेने शुरू कर दी है। कुछ पेसेंटों ने सरकारी व निजी अस्पतालों में जाकर अपना चेकअप भी कराया।
हार्ट अटैक के केस बढ़े
बनारस के डॉक्टरों का मानना है कि कोविड के बाद या उसकी वजह से हार्ट अटैक या दिल के दौरे के मामले बढ़े हैं। हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। किसी भी उम्र के व्यक्ति में इसका खतरा कई कारणों से बढ़ता है, जिसमें कोविड भी हो सकता है। कोविड के बाद स्वस्थ और हाई रिस्क वाले मरीजों को लेकर अभी कोई स्टडी नहीं आई है। हार्ट अटैक से जुड़े जो फैक्टर पहले थे अब भी वही हैं।
हृदय को सीधा नुकसान
स््रक्रस्-ष्टशङ्क-2 वायरस सीधे हृदय की मांसपेशियों की कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है। इससे मायोकार्डिटिस हो सकता है। हृदय की मांसपेशियों की सूजन, जिससे हृदय की कार्यप्रणाली कमजोर हो सकती है। या गंभीर मामलों में दिल का दौरा पड़ सकता है.
पहले से मौजूद स्थितियां
पहले से मौजूद हृदय संबंधी स्थितियों, जैसे कोरोनरी धमनी रोग, उच्च रक्तचाप या मधुमेह वाले व्यक्तियों को गंभीर सीओवीआईडी -19 का खतरा अधिक होता है। ये स्थितियां किसी गंभीर बीमारी के दौरान हृदय संबंधी जटिलताओं की संभावना को बढ़ा सकती हैं.
ऑक्सीजन की कमी
गंभीर कोविड-19 श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है, जिससे रक्त ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट आ सकती है। हृदय को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने से मायोकार्डियल चोट या क्षति हो सकती है, जिससे संभावित रूप से दिल का दौरा पड़ सकता है.
रक्त का थक्का बनना
कोविड-19 रक्त के थक्के बनने के खतरे को बढ़ा सकता है। ये थक्के हृदय में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकते हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। यह जोखिम विशेष रूप से गंभीर मामलों में बढ़ जाता है जहां रक्त के थक्के को विनियमित करने की शरीर की प्राकृतिक क्षमता से समझौता किया जा सकता है.
पहली व दूसरी लहर में 773 मौत
कोरोना की पहली लहर में संक्रमितों की संख्या 25 हजार तक पहुंच गयी थी और 377 मौत हुई थी। हालांकि उस समय भी क्रिटिकल स्थिति नहीं थी। सीरियस होने पर मरीजों को कोविड अस्पतालों में भर्ती कर लिया जाता था। दूसरी लहर में कोरोना ने जमकर तांडव मचाया। प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या दो हजार से अधिक हो जाने के कारण अधिकतर को इलाज नहीं मिल पा रहा था। अप्रैल में हर दिन औसतन 8 मौत हो रही थी। संक्रमितों की संख्या 40 हजार के पार हो गयी थी। सरकारी रिकार्ड में कोविड की पहली लहर (21 मार्च 2020 से दस मार्च 2021 तक) के दौरान 377 लोगों की मौत दर्ज है। वहीं दूसरी लहर में यानी 11 मार्च 2021 से अगस्त 2021 तक 396 लोगों की मौत होने की बात है। इस तरह कुल 773 लोगों की मौत दर्ज है। तीसरी लहर में करीब 13 लोगों की मौत हुई थी और पॉजिटिव की संख्या करीब 8 हजार से अधिक पहुंची थी.
जिन लोगों को कोरोना ने गंभीर रूप से बीमार किया था, उन लोगों को हैवी वर्कआउट करने से बचना चाहिए। ऐसे लोगों को डॉक्टर की सलाह के हिसाब से ही एक्सरसाइज करनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि एक्सरसाइज के दौरान शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ जाती है। ऐसे लंग्स पर प्रेशर पड़ता है और हार्ट भी तेजी से ब्लड पंप करने लगता है। अगर हार्ट में कोरोना की वजह या अन्य किसी कारण से ब्लड क्लॉट बना हुआ है तो हैवी एक्सरसाइज के दौरान हार्ट अटैक आने का खतरा है।
डॉ। शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी
राजकीय चिकित्सा अधिकारी
पहले से हृदय रोग से पीडि़त व्यक्तियों को वायरस के संपर्क में आने के जोखिम को कम करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। यदि किसी को सीओवीआईडी -19 है और सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ या दिल का दौरा पडऩे के लक्षण जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो तत्काल चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है.
डॉ। बिमल छाजेड़, एमबीबीएस, एमडी
वाराणसी में कई महीने पहले अचानक हार्ट फेल होने की कुछ घटनाएं हुई थीं, लेकिन अब स्थिति सामान्य है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अभी कोई एडवाइजरी नहीं आई है। अगर आएगी तो उस पर काम किया जाएगा। फिलहाल सरकारी अस्पतालों में फ्री चेकअप की सुविधा है। समय-समय पर लोगों को जांच करानी चाहिए।
डॉ। संदीप चौधरी, सीएमओ