Varanasi news : फिर दिसंबर तक मिला अस्सी की मुक्ति का समय
वाराणसी (ब्यूरो)। अस्सी और वरुणा नदी को अतिक्रमण मुक्त बनाने के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। एनजीटी की सख्ती के बाद कमिश्नर ने इन दोनों नदियों के चिन्हांकन और अतिक्रमण मुक्त बनाने का फरमान जारी किया है। इसके लिए गठित संयुक्त टीम को दिसंबर तक का समय दिया गया है। इसके पहले भी जुलाई में अस्सी की मुक्ति का मामला जोर पकड़ा था, लेकिन इस बीच पीएम का कार्यक्रम होने की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया था। कमिश्नर के आदेश के बाद एक बार फिर से अस्सी व वरुणा नदी किनारे अवैध रूप से बन चुके पांच हजार आवासीय व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चलाने की योजना बनाई जा रही है। वीडीए की सूची में 761 आवासीय व व्यावसायिक भवन कार्रवाई की जद में आएंगे। इसमें होटल, अस्पताल भी शामिल हैं। अतिक्रमण हटाने व नदी को मूल स्वरूप में वापस लाने की जिम्मेदारी वीडीए, नगर निगम, सिंचाई विभाग, राजस्व व पुलिस महकमे को दी गई है.
कंदवा से कंचनपुर तालाब तक मुआयना
डीएम एस राजलिंगम के आदेश पर जुलाई से पहले अस्सी नदी को मुक्त कराने की योजना के तहत संयुक्त टीम ने कंदवा से कंचनपुर तालाब तक मुआयना किया था। साथ ही अतिक्रमण हटाने का खाका भी तैयार किया था। डीएम एस राजलिंगम ने बाढ़ के पहले ही दोनों नदियों को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश दिया था। अगस्त से लेकर नवंबर के बीच धार्मिक आयोजन और त्योहारों के चलते इस पर ध्यान नहीं दिया गया। त्योहार खत्म होने और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी की सख्ती के बाद अस्सी नदी को मूल स्वरूप में लाने की कवायद फिर शुरू की गई है।
आठ किमी लंबी है नदी
यह नदी आठ किमी लंबी और 200 मीटर चौड़ी है, लेकिन अवैध कब्जे व अतिक्रमण की वजह से अस्तित्व खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है। कंदवा से अस्सी घाट तक नदी नाले में तब्दील हो चुकी है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते नदी के दोनों छोर और तलहटी में अवैध निर्माण होते गए। स्कूल, शॉपिंग काम्प्लेक्शन और बहुमंजिली इमारतें बनती गई। अब डीएम ने सख्स कदम उठाने के आदेश जारी किए हैं। अतिक्रमण हटाने के साथ सफाई का काम भी होगा। दोनों किनारों के ढाल को सही किया जाएगा। यह काम सिंचाई विभाग को कराना है।
गंगा में मिलती है अस्सी नदी
अस्सी नदी का उद्गम स्थल कंदवा है। नदी चित्तईपुर, करौंदी, करमजीतपुर, नेवादा, सरायनंदन, नरिया, साकेत नगर, भदैनी और नगवां से होकर गंगा में मिलती है। उद्गम स्थल से गंगा संगम तक नदी की कुल लंबाई आठ किलोमीटर है। चौड़ाई दो सौ मीटर से अधिक है। अतिक्रमण को वजह से नदी का अस्तित्व लगभग खत्म हो गया है। कहीं पांच फीट तो कहीं आठ फीट चौड़ाई ही बनी है.
एनजीटी की ओर से पारित आदेश के अनुपालन में अस्सी और वरुणा नदी के चिन्हांकन और अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए गए है। इसके लिए गठित संयुक्त टीम नगर निगम, वीडीए, सिंचाई विभाग, बंधी डिवीजन व संबंधित मजिस्ट्रेट को दिसंबर तक समय दिया गया है.
कौशलराज शर्मा, कमिश्नर