सरकार गांवों को है सफाई की दरकार
- नक्सल प्रभावित क्षेत्र के गांवों में तैनात सफाईकर्मी नहीं करते सफाई
- साफ-सफाई नहीं होने से गांव की गलियों में गंदगी का अंबार चंदौली जिला प्रशासन के तमाम कवायदों के बावजूद नक्सल क्षेत्र में सफाई व्यवस्था बेपटरी है। सफाई कर्मियों की उदासीनता के कारण गांव में स्थित विद्यालय व पंचायत भवनों में गंदगी का साम्राज्य तो है ही गांव की गलियां भी गंदी हैं। झाड़-झंखाड़ से पटी गलियों में ठीक से चलना भी दुश्वार हो गया है। करते हैं कोरमपूर्तिपंचायत राज विभाग की ओर से सभी ग्राम पंचायतों में तैनात सफाई कर्मियों को निर्देश जारी किया गया है कि वे गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालयों की सफाई करने के बाद गांव की गलियों की सफाई करेंगे। स्थानीय विकास खंड में सफाई कर्मियों की लंबी फौज के बावजूद सफाई व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। गांव की गलियां तो दूर विद्यालय व पंचायत भवन की ही सफाई नहीं हो पा रही है। वहीं ग्रामीणों की मानें तो गांवों में तैनात सफाई कर्मी कभी गांव में आते ही नहीं। यदि शिकायत की जाती है तो माह में एक बार सफाई करके कोरमपूर्ति कर देते हैं।
इन गांवों में नहीं हैं सफाई कर्मीविकास खंड के नव निर्वाचित प्रमुख के गांव इमिलिया(घोड़सारी), भिटियां, रोहाखी, डुमरी, ओलीपुर, भुड़कुड़ा, मजुही, मालदह, छित्तमपुर, शाहपुर, इसरौलिया सहित एक दर्जन गांवों में सफाई कर्मी की तैनाती नहीं की गई है। ऐसे में इन गांवों में कभी सफाई होती ही नहीं। इस बारे में एडीओ पंचायत विजय सेठ ने कहा कि गांवों में सफाई कर्मियों की तैनाती के लिए जिला प्रशासन को सूची भेज दी गई है। जल्द ही रिक्त गांवों में सफाई कर्मियों की तैनाती कर दी जाएगी।