आवारा और छुट्टों को गोद देने की तैयारी
-नगर निगम ने रोड पर छुट्टा पशुओं की जमात को कम करने के लिए निकाली नई तरकीब
-प्रत्येक पशु की देखभाल करने वाले पशु पालकों को पर डे भत्ते के रूप में मिलेगा 50 रुपये VARANASI नगर निगम के लिए सिरदर्द बने आवारा और छुट्टा पशुओं को गोद देने की तैयारी चल रही है। इस योजना से जहां पशु पालकों को देखरेख के लिए भत्ता मिलेगा, वहीं वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान निशाना बनने वाले अधिकारियों की मुश्किलें भी समाप्त हो जाएंगी। दरअसल, रोड पर आवारा और छुट्टा पशुओं की जमात को कम करने के लिए विभाग ने एक तरकीब निकाली है। इसके तहत प्रत्येक पशु की देखभाल करने वाले पशु पालकों को पर डे भत्ते के रूप में भ्0 रुपये मिलेगा। इसके लिए विभाग की ओर टेंडर भी जारी कर दिया गया है। पशु पालकों ने बढ़ाया हाथआवारा और छुट्टा पशुओं को गोद लेने के लिए पशु पालकों ने हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसके बदले में मिलने वाले भत्ते को देखते हुए आवेदन की संख्या भी बढ़ने लगी है। बता दें कि खुले में टहलने वाले आवारा और छुट्टा पशुओं को रखने के लिए बनारस में पहले से ही कान्हा उपवन बनाने की योजना प्रस्तावित है। भूमि की तलाश भी पूरी हो चुकी है, फिर भी योजना के मूर्तरूप लेने में लग रहे समय को देखते हुए नगर निगम ने नया रास्ता खोज निकाला है।
आड़े नहीं आएगा सीमित संसाधन नगर निगम की ओर से खुले में घूमने वाले पशुओं की धरपकड़ के लिए अभियान तो चलाया जाता है, लेकिन कुछ ही दिन बाद स्थिति जस की तस हो जाती है। इसकी वजह यह है कि समय के साथ आवारा पशुओं की संख्या तो बढ़ गयी, लेकिन काजी हाउस का विस्तार नहीं हुआ। काजी हाउस की क्षमता कम होने के कारण कर्मचारी भी पशुओं को पकड़ने में रुचि नहीं दिखाते। फिलहाल, शहर में मौजूद भोजूबीर, नक्खीघाट काजीहाउस के अलावा पकड़े गये पशुओं को कछवां स्थित शिवचिंतन पशु आश्रय केन्द्र भी भेजा जाता है। हाईलाइटर क्क्0 पशुओं को रखने की क्षमता भोजूबीर काजीहाउस में ं 0ब् कर्मचारी हैं यहां तैनात 70 हजार रुपये महीने का गिरता है खर्च 80 पशुओं को रखने की क्षमता है नक्खीघाट काजीहाउस में 0फ् कर्मचारी हैं यहां तैनात भ्भ् हजार रुपये महीने गिरता है खर्च वर्जन आवारा पशुओं की देखरेख के लिए पशु पालकों को आमंत्रित किया जा रहा है। चयन के लिए एक कमेटी भी बनायी गयी है।- एके दूबे, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी