शहर के अंदर उत्पात मचा रहे बंदर
- पूरे शहर में बंदरों का आतंक, शहरवासियों पर कर रहे हैं हमला,
- शिकायतों के बाद भी नगर निगम की नहीं टूट रही नींद, दहशत में रहने को मजबूर लोग VARANASIबनारस में बंदरों का उत्पात इस कदर है कि कई एरिया में लोग खिड़की-दरवाजे आदि बंद करके खुद को बंदरों से बचाते हैं। उनकी धरपकड़ के लिए पांच साल पहले नगर निगम ने मथुरा की एक प्राइवेट एजेंसी को टेंडर दिया था। शुरुआती दौर में बंदर पकड़कर नौगढ़, चंदौली-बिहार बार्डर पर छोड़े गए। थोड़े वक्त के लिए राहत भी रही लेकिन एजेंसी के वापस जाते ही बंदर फिर से बढ़ गए। अब हालत यह है कि शहर के पॉश इलाकों में बंदर दहशत का पर्याय बन चुके हैं। लोगों पर हमले करके उन्हें घायल कर रहे हैं, अपार्टमेंट, फ्लैट में धावा बोलकर हजारों, लाखों का नुकसान कर रहें हैं। बच्चे बाहर खेलने की बजाय घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। शहर को सुंदर बनाने के लिए लगाए गये सुंदर लाइट्स, पेड़-पौधे भी नष्ट कर दे रहे हैं।
कुछ नहीं कर रहे जिम्मेदारहमलावर बंदरों की दहशत की वजह से लोग बच्चों को अकेले बाहर नहीं खेलने देते हैं। अपार्टमेंट के गार्ड संजू ने बताया कि बंदर अपार्टमेंट के अंदर रखे डस्टबिन में खाने का सामान ढूंढकर खाने के बाद इधर- उधर फेंक देते हैं। सुबह से शाम तक लोगों का समय बंदरों को भगाने में ही बीत जाता है। वहीं लोगों ने नगर निगम से शिकायत की, लेकिन लोगों को समस्या से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। जिम्मेदार विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। बंदरों के झुंड घरों में घुस जाते हैं और बर्बादी मचा कर चले जाते हैं। किसी भी फ्लैट का दरवाजा या खिड़की खुली मिली तो वह फ्लैट में घुसकर धमाचौकड़ी शुरू कर देते है।
आजकल बंदरों का आतंक बहुत ज्यादा बढ़ गया है। अपार्टमेंट में घुसकर गमले आदि भी तोड़ देते हैं। उन्हें भगाने के लिए एक्टिव रहना पड़ता है। पवन कुमार, लंका नगर निगम बंदरों को पकड़ने में पूरी तरह से नाकाम है। बंदर हर जगह आतंक मचाए हुए हैं। लेकिन जिम्मेदार आंखे मूंदे हुए है। शहर की पब्लिक परेशान है। डॉ। सलिलेश मालवीय, दुर्गाकुंड बंदर बहुत ज्यादा हो गए हैं। किसी पर भी अटैक कर दे रहे हैं। अक्सर घरों से सामान लेकर भाग जाते हैं। आम आदमी इनके कैसे बचे? जगरनाथ ओझा, अस्सीबंदरों के आतंक से सब परेशान हैं। बंदर अपार्टमेंट्स में घुसकर काफी नुकसान पहुंचाते हैं। सामान फेंक देते हैं, लोगों को परेशान करते हैं। बहुत निगरानी करनी पड़ती है।
अमित पांडेय, रामनगर इन एरिया में आतंक ज्यादा रामनगर सामनेघाट लंका अस्सी नगवा साकेतनगर दुर्गाकुंड खोजवां रविंद्रपुरी श्रीनगर कालोनी सिद्धगिरी बाग सिगरा, महमूरगंज सारनाथ आदि।