भाई, कौन करेगा शहर की सफाई?
- चुनाव में प्रत्याशियों ने शहर को बैनर-पोस्टर से पाटा - पब्लिक के साथ प्राइवेट जगहों को भी नहीं छोड़ा VARANASI सीन-क् लक्सा की गलियां इन दिनों रंगीन नजर आ रही हैं। जिन लोगों के घरों की दीवारें कुछ दिनों पहले तक सुंदर रंगों से सजी थीं उनपर तरह-तरह के पॉलिटिकल पोस्टर चस्पा हैं। घर के अंदर रहने वाले सोच के परेशान हैं कि अब इनकी सफाई कौन करेगा। सीन-ख् निकाय चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने सोनारपुरा में मकानों-दुकानों पर जबरन पोस्टर लगा गये। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन से शिकायत का कोई फायदा नहीं हुआ। अब हालत यह है कि हर तरफ सिर्फ प्रत्याशियों के चेहरे दिख रहे हैं। घरों के मालिक और दुकानदार अब उसकी सफाई कराने के लिए परेशान हैं। सीन-फ् चौक इलाके में मंदिर को भी चुनाव लड़ने वालों नहीं छोड़ा। दीवारों को पोस्टर से पाट दिया। वो भी इस तरह की मंदिर में भगवान के बजाय प्रत्याशी ही नजर आ रहे हैं। हर रोज मंदिर दर्शन-पूजन करने वालों ने सफाई की कोशिश तो कि लेकिन पोस्टर इतने ज्यादा हैं कि वो भी थक कर उसे उसी हाल में छोड़ दिया। ये तो महज सिर्फ तीन जगहों की हालत है। ऐसी तस्वीर पूरे शहर की है। चुनाव लड़ने वालों ने पूरे शहर को बदसूरत कर दि ये सीन बता रहे हैं कि चुनाव लड़ने वालों ने शहर को बदसूरत बना दिया है। जहां जगह मिली वहीं अपना बैनर-पोस्टर लगा दिया। इस बात का ध्यान भी नहीं रखा कि वो जहां लगा रहे हैं वो जगह सार्वजनिक है या प्राइवेट। यहां तक कि किसी से परमीशन भी लेनी की जरूरत नहीं समझी। उन्हें इस बात डर भी नहीं था कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई हो सकती है। जिन के घरों-दुकानों की दीवारें बैनर-पोस्टर से गंदी हुई हैं वो परेशान हैं कि उसकी सफाई कैसे करायें। नियम-कानून ताक पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्त निर्देश दिया था कि पब्लिक और प्राइवेट प्लेस पर बिना अनुमति के बैनर-पोस्टर ना लगाये जाएं। शिकायत मिलने पर ऐसा करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। जिला निवार्चन कार्यालय इस मामले पर आंखें ही मूंदे रहा। पूरा शहर बैनर-पोस्टर से पट गया और किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। अब सबसे बड़ा सवाल है कि सफाई कैसे होगी? प्राइवेट जगहों की सफाई तो खुद जिनकी प्रॉपर्टी है उनका करना होगा। शहर की सफाई की जिम्मेदारी वैसे तो नगर निगम के जिम्मे है लेकिन वो भी उसे भी तभी बैनर-पोस्टर नजर आते हैं जब चुनाव का वक्त आता है और चुनाव आयोग इसे लेकर सख्ती बरतता है। चुनाव लड़ने वालों ने बैनर-पोस्टर लगाकर घरों की दीवारों को गंदा कर दिया। अब इसकी सफाई कौन करेगा। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के कोई मतलब ही नहीं। दीनू यादव, सोनारपुरा इलेक्शन में लोकल एडिमिनिस्ट्रेशन ने कोई सख्ती नहीं दिखायी जिसकी जहां मर्जी वहां बैनर-पोस्टर लगा गया। विरोध करने पर मारपीट करने पर उतारू हो गये। शशांक केशरी, रवीन्द्रपुरी शहर की हालत तो पहले से ही काफी खराब थी। चुनाव के दौरान बैनर-पोस्टर लगाकर लोगों ने उसे और बदसूरत बना दिया। जितेन्द्र सिंह, लंका बैनर-पोस्टर लगाने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया था। जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से इसके अनुपालन के लिए निर्देश दिया जाता रहा। निर्देशों का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। योगेश्वर राम मिश्र, डीएम