नेटवर्क की प्रॉब्लम की वजह से दो दिनों से नहीं चल रहा एप नहीं पता चल रहा फीडबैक स्वच्छता रैकिंग सुधारने के लिए शुरू हुआ था सिटीजन फीडबैक जनसंख्या में 15 परसेंट फीडबैक मिलने पर मिलता है ढाई हजार माक्र्स

वाराणसी (ब्यूरो)काशी को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल गया लेकिन अभी भी स्वच्छता रैकिंग के मामले में 21वें पायदान पर है। स्वच्छता रैकिंग को सुधारने के लिए फिर से स्वच्छता एप पर सिटीजन फीडबैक की शुरुआत की गई है लेकिन अफसोस की बात है कि एप अभी से लोगों को धोखा देना शुरू कर दिया है। स्वच्छ सर्वेक्षण एप पर न तो रजिस्ट्रेशन हो पा रहा है और न ही सिटीजन फीडबैक मिल पा रहा है। कितने लोगों ने फीडबैक भेजा है, इसकी काउंटिंग भी नहीं हो पा रही है। इसको लेकर नगर निगम के अधिकारी परेशान हैं। लगातार दिल्ली आफिस से संपर्क में हैं। अगर इसी तरह चलता रहा तो वाराणसी स्वच्छता रैकिंग में पिछड़ जाएगा.

नहीं आ पा रहे सिटीजन फीडबैक

शहर की रैंकिंग सुधारने और जनता की शिकायतों को दूर करने के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण एप की शुरुआत की गई है। इस एप पर सिटीजन फीडबैक मांगा जा रहा है। इसकी शुरुआत दो दिन पहले ही की गई है। एप पिछले दो दिन से काम नहीं कर रहा है। कभी नेटवर्क की प्रॉब्लम आ रही है तो कभी एप ही काम नहीं कर रहा है। इसके लिए सिटीजन फीडबैक नहीं आ पा रहे हैं। सर्वे में जनता की शिकायतों को दूर करने के लिए अच्छे नंबर मिलते हैं.

शिकायतें दूर करने पर मिलते हैं अच्छे नंबर

एप में जितनी भी जनता की शिकायतें आती हैं उसे दूर करने के लिए अच्छे नंबर मिलते हैं। टोटल आबादी का 15 परसेंट सिटीजन फीडबैक मिलने पर ढाई हजार माक्र्स मिलता है। प्रॉपर तरीके से सिटीजन फीडबैक मिलने लगे तो शहर स्वच्छता रैकिंग में सबसे आगे निकल सकता है.

पिछले साल 1945 माक्र्स मिले थे

पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण में सिटीजन फीडबैक में वाराणसी को करीब 1945 माक्र्स मिले थे। इस बार भी इससे अधिक माक्र्स मिलने की उम्मीद है। दो दिन पहले सिटीजन फीडबैक की शुरुआत हुई। शहर के कई लोगों ने फीडबैक भेजा भी होगा लेकिन कितने फीडबैक आए यह एप पर पता नहीं चल पा रहा है.

5 तरह से लिया जाता है फीडबैक

स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत सिटीजन फीडबैक पांच तरह से लिया जाता है। इनमें आईवीआर कांलिंग, फेस टू फेस, गूगल डॉट कॉम, माई जीओवी एप्लीकेशन के अलावा लोकल एप्लीकेशन शामिल है। इन एप्लीकेशन पर शहर की जनता अपनी-अपनी समस्याएं भेजती है। निस्तारण करने के बाद फिर से फीडबैक लिया जाता है.

सारे एप्लीकेशन कनेक्ट होते हैं

सारे एप्लीकेशन एक साथ कनेक्ट होते हैं। जितने भी सिटीजन फीडबैक आते हैं सभी की काउंटिंग की जाती है। इसके बाद उसका निस्तारण करने के बाद फीडबैक भेज दिया जाता है। इसके अलावा समस्याओं के निस्तारण का फीडबैक 1969 पर भी दिया जाता है.

इस तरह से दे सकते हैैं फीडबैक

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 का आयोजन भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। मंत्रालय की ओर से आपके विचारों और आपकी प्रतिक्रिया आपके इनपुट दिए गए उत्तर स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में आपके वाराणसी नगर निगम को सर्वोच्च रैंकिंग दिलाने में सफल बनाएंगे.

यह है प्रक्रिया

मोबाइल नंबर डालने पर ओटीपी जाएगा। ओटीपी फील करके आगे बढ़ें। लिंक खोलने पर आपको फील करना है.

-राज्य का नाम-उत्तर प्रदेश

-जिले का नाम-वाराणसी

-यूएलबी का नाम- नगर निगम वाराणसी

-स्थान का नाम (लोकेशन)- जहां भी आप हैं

आपकी उम्र क्या है

दो दिनों से एप काम नहीं कर पा रहा है। इसलिए काउंटिंग करना मुश्किल हो रहा है। फीडबैक भी कितने लोगों ने भेजा, नहीं पता चल पा रहा है.

संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ, नगर निगम

Posted By: Inextlive