Varanasi news: मौंडी थर्सडे : बिशप ने धोए शिष्यों के पैर
वाराणसी (ब्यूरो)। मसीही समुदाय के चालीसा यानी 40 दिनों के महाउपवास काल के अंतिम सप्ताह के चौथे दिन पवित्र गुरुवार (मौंडी थर्सडे) मनाया गया। प्रभु यीशु की परंपरा को निभाते हुए चर्चों में पुरोहितों ने अपने शिष्यों के पैर धोए और पुरोहित दीक्षा देने की शिक्षा को भी स्मरण किया। इसके जरिये लोगों को भाईचारगी और सेवा का संदेश भी दिया गया.
चर्च की सजावट हटाई
चर्चों की सजावट हटा दी गई थी। इस दौरान कैंटोनमेंट स्थित सेंट मेरीज़ महागिरजा में पवित्र गुरुवार को बिशप यूज़ीन जोसेफ ने अपने शिष्यों के पैर धोए और रोटी का प्रसाद उनमें ठीक उसी तरह वितरित किया जैसे हजारों साल पहले प्रभु यीशु ने किया था। इस दौरान महागिरजा चर्च खचाखच भरा हुआ था.
अंतिम दिन विशेष
मैत्री भवन के निदेशक फॉदर फिलीप डेनिस ने बताया कि चालीसा के अंतिम सप्ताह के अंतिम तीन दिन प्रभु यीशु की आराधना के लिए विशेष होता है। गुरुवार के दिन ही मिस्र के राजा की गुलामी से यहूदी मुक्त हुए थे। इसके बाद प्रभु यीशु ने अपने 12 शिष्यों के साथ भोज किया था। उनके पैर धोए थे। भोज के दौरान उनको गुरु मंत्र दिया था। यही परंपरा गुरुवार को चर्चों में निभाई गई.
आज गुड फ्राइडे
शुक्रवार को गुड फ्र ाइडे के दिन दोपहर तीन बजे सूली की उपासना की जाएगी। मसीही उपवास रखेंगे और शनिवार को शाम छह बजे से दोबारा सजावट की जाएगी। रात में 10 बजे से 2:30 बजे तक पूजा होगी। रविवार को ईस्टर पर प्रभु यीशु के पुनर्जीवित होने की खुशी मनाई जाएगी.