Chandauli news news: चंदौली संसदीय सीट पर सपा का कब्जा, 21565 वोटों से जीते वीरेंद्र
वाराणसी (ब्यूरो)। चंदौली18वीं लोकसभा के गठन के लिए चंदौली संसदीय सीट से आइएनडीआइए गठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की। वीरेंद्र सिंह को 474476 वोट मिले। उन्होंने भाजपा के डा। महेंद्रनाथ पांडेय को 21565 वोटों के अंतर से हराया। डा। महेंद्रनाथ पांडेय को 452911 मत मिले। इस सीट पर बसपा प्रत्याशी सत्येंद्र कुमार मौर्य को तीसरे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा। उन्हें 159903 वोट मिले। शेष सात प्रत्याशी चार अंकों के आंकड़े को भी पार नहीं कर सके। संसदीय सीट पर कुल 18.43 लाख मतदाताओं में 11,07,494 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
भविष्यवाणी को झूठलायावीरेंद्र सिंह को अपना पहला चुनावी टिकट 1993 में चिरईगांव विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मिला, लेकिन जीत नहीं मिल पाई। इसके बाद वर्ष 1996 में वह राजनीतिक विश्लेषकों की सभी भविष्यवाणियों को झुठलाते हुए कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए। चुनाव के बाद राजनीतिक संकट के कारण यूपी विधानसभा निलंबित हो गई थी। यही वह समय था जब वीरेंद्र सिंह को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
कांग्रेस से नाता टूटाअपने क्षेत्र के विकास और उत्थान के लिए समर्पित होकर, वे उत्तर प्रदेश की तत्कालीन सत्तारूढ़ सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल हुए। इस प्रकार कांग्रेस से नाता टूट गया। बाद में वर्ष 2000 में, उन्होंने लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी की स्थापना की और एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव में खड़े हुए। हालांकि वह अपनी सीट नहीं बचा सके, लेकिन बाद में तत्कालीन विधायक रामजीत राजभर के आकस्मिक निधन के कारण उन्होंने उप-चुनाव में बसपा के टिकट पर जीत हासिल की।
सपा की सदस्यता ली इस बार फिर उन्होंने अपने क्षेत्र में उत्थान लाने के नजरिये से समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले ली और प्रदेश कैबिनेट मंत्री बन गये। लेकिन कांग्रेस पार्टी से गहरे लगाव ने उन्हें साल 2009 में एक बार फिर कांग्रेस में शामिल कर लिया। इसके बाद फिर वह सपा के सक्रिय राजनीति में आ गए। कैबिनेट मंत्री के रूप में, श्री सिंह ने विभिन्न मंत्रालयों - कृषि, ऊर्जा, परिवहन, संस्कृति, वाणिज्य और उद्योग - के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है.