एक महीने के दरम्यान 12 मामले सामने आएसमाज कल्याण विभाग ने की मामलों की जांच पैसा देने पर आसानी से बन जाता है फर्जी सर्टिफिकेट

वाराणसी (ब्यूरो)स्कॉलरशिप और सरकारी जॉब की चाहत में अगड़ी जाति के कैंडिडेट अपनी कास्ट बदलकर पिछड़े बन रहे हैं और फर्जी प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं। एक महीने के दरम्यान समाज कल्याण विभाग के पास ढेरों शिकायतें पहुंची हैं। इन मामलों की जांच में अब तक 12 मामले उजागर हो चुके हैं। जिन फर्जी मामलों में वित्तीय लाभ ले लिया गया है, उन आवेदकों से रिकवरी होगी.

केस-1

जांच में खुलासा हुआ है कि सुंदरपुर के रहने वाले एक आवेदक ब्राह्मण जाति से आते हैं। इन्होंने सामान्य जाति होने के बावजूद अन्य पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र बनवाकर छात्रवृत्ति का लाभ ले लिया। शिकायत की जांच में मामला सामने आया।

केस-2

रोहनियां के रहने वाले एक आवेदक क्षत्रिय जाति से आते हैं। उन्होंने गलत कागजात लगाकर अन्य पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया। इसके बाद एमपी में ओबीसी को मिलने वाली स्कॉलरशिप का लाभ ले लिया.

अभी चल रही जांच

नए सेशन में एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग में फीस प्रतिपूर्ति, स्कॉलरशिप संबंधित आवेदन पहुंच रहे हैं। विभाग को लगातार शिकायतें भी मिल रही हैं कि फर्जी कागजात के आधार पर ओबीसी और एससी के जाति प्रणाम-पत्र लगाए जा रहे हैं। कई पुराने लोग फ्र ॉड करके स्कॉलरशिप ले भी चुके हैं। शिकायत मिलने पर विभाग ने जाति प्रमाण पत्रों की जांच कराई तो 12 मामलों में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ। जांच अभी चल रही है। माना जा रहा है कि ऐसे और भी मामले उजागर हो सकते हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अगर सभी जाति प्रणाम-पत्र की गहनता से जांच होगी तो स्कॉलरशिप में बड़े पैमाने पर घपला सामने आ सकता है। छात्रवृत्ति के अलावा तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जाति प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। इनमें भी फ्र ॉड की आशंका जताई जा रही है.

योजनाओं का लाभ

सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए तमाम लोगों ने फर्जी तरीके से कास्ट और इनकम के सर्टिफिकेट भी बनवा लिए हैं। समय और जरूरत के हिसाब से उसका इस्तेमाल कर सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हैं। कई बार जांच में इस तरह के मामले उजागर हो चुके हैं। आर्थिक रूप से सक्षम लोगों के बीपीएल कार्ड बनने के मामले भी कई बार खुले हैं।

300 दें दो दिन में लें

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने सदर तहसील में जाकर जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया समझी तो चौकाने वाली जानकारी सामने आई। तहसील परिसर में कई लोग टेबल लगाकर जाति व आय प्रमाण पत्र बनाते मिल जाएंगे। बातचीत में युवक ने जाति या आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दो ऑफर दिए। पहला 150 रुपये देने पर 10 दिन में सर्टिफिकेट मिलेगा। अगर जल्दी चाहिए तो दूसरा ऑफर लेना पड़ेगा, जिसमें 300 रुपये देने होंगे और मात्र दो दिन में सर्टिफिकेट मिल जाएगा.

पार्षद व प्रधान का लेटर

जाति प्रणाम पत्र के लिए बहुत ज्यादा कागजात देने की जरूरत नहीं है। उदाहरण के तौर पर अगर पार्षद या प्रधान ने अपने लेटर पैड पर लिख कर दे दिया कि आप एससी या ओबीसी में आते है तो तहसील की ओर से आपको सर्टिफिकेट जारी हो जाएगा, जबकि नियम है कि ऑनलाइन एप्लीकेशन देने के बाद संबंधित एरिया के लेखपाल द्वारा जाति की जांच होनी चाहिए। लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर पांच से दस दिन में सर्टिफिकेट बनता है। इसके लिए सिर्फ पचास रुपये लगते हैं, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा है.

सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है। ऑफ लाइन कुछ भी नहीं है। ऑनलाइन आवेदन आता है तो उसकी जांच-पड़ताल व कागजात के आधार पर ही जाति व आय प्रमाण-पत्र जारी होता है। अगर कोई शिकायत आती है तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जा रही है.

जयदेव, एसडीएम सदर

Posted By: Inextlive