-वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन को एनएसजी-1 का मिला दर्जा -महाकुंभ को लेकर बनारस व कैंट स्टेशन पर व्यापक तैयारी


एनआर और एनईआर का हिस्सा वाराणसी रेलवे स्टेशन अब देशभर के 29 शीर्ष नॉन-सबअर्बन ग्रुप यानी एनएसजी-1 में शामिल हो गया हैयह उपलब्धि इस स्टेशन की बढ़ती महत्ता और आधुनिक यात्री सुविधाओं के विकास को दर्शाती हैएनएसजी-1 कैटेगरी में कैंट रेलवे स्टेशन के चयन के साथ यहां यात्री सुविधाओं में बड़े स्तर पर सुधार की योजना बनाई जा रही है, जिससे यह स्टेशन देश के सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों में शुमार हो सकेहालांकि बनारस रेलवे स्टेशन को एनएसजी-2 कैटेगरी में रखा गया हैयह कैटेगरीकरण स्टेशनों की यात्रियों की संख्या, उनकी साफ-सफाई और प्लेटफार्म पर मिलने वाली सुविधाओं के आधार पर किया जाता है, ताकि रेलवे नेटवर्क में सुधार लाया जा सके. रेलवे स्टेशन की नई पहचान भारतीय रेलवे ने देशभर के स्टेशनों को एनएसजी-1 से 6 तक की विभिन्न श्रेणियों में बांटा है, ताकि यात्रियों को बेहतर सेवाएं दी जा सकें और स्टेशनों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेएनएसजी-1 और 2 श्रेणियों में प्रमुख स्टेशनों को रखा गया है, जिन पर बड़ी संख्या में यात्री आते-जाते हैंवहीं, तीन से छह तक के स्टेशनों की श्रेणियां उनकी यात्री क्षमता और सुविधाओं के अनुसार तय की गई हैंहॉल्ट स्टेशनों को भी एचजी-1 से एचजी-3 तक की श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया हैइस ग्रेडिंग योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि स्टेशनों पर उपलब्ध सुविधाओं का बेहतर संचालन और देखरेख सुनिश्चित की जा सके, ताकि यात्री अनुभव को और भी बेहतर बनाया जा सके. चैम्बर से स्टेशन की निगरानी कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं की सीधी निगरानी शुरू हो गई हैस्टेशन डायरेक्टर के चैंबर में लगी एलईडी स्क्रीन को स्टेशन सुरक्षा में लगे 49 सीसीटीवी कैमरों से जोड़ दिया गया हैस्टेशन पर क्रियाशील 35 और कैमरों को स्टेशन डायरेक्टर चैम्बर से जोडऩे की तैयारी चल रही हैरेलवे स्टेशन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 84 सीसीटीवी कैमरे इन दिनों क्रियाशील हैंआरपीएफ जवान कंट्रोल रूम में सीसीटीवी कैमरे के जरिए गतिविधियों पर नजर रखते हैंखुद कैंट डायरेक्टर सुबह 10 से शाम पांच बजे तक निगरानी करते हैं प्रयागराज से काशी तक ट्राई एंगल ट्रेन महाकुंभ 2025 में मेला क्षेत्र से ट्राई एंगल ट्रेन चलाई जाएंगीइसके लिए ज्यादा से ज्यादा मेमू व अनारक्षित श्रेणी की ट्रेनों को चलाने की योजना हैइनका सीधा जुड़ाव अयोध्या और वाराणसी से होगापुनस्र्थापित श्रीराम मंदिर एवं विश्वनाथ धाम के कारण काशी-अयोध्या में पलट प्रवाह से सर्वाधिक दबाव रहेगामहाकुंभ में 7.5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान हैप्रयागराज मेला क्षेत्र में रेलवे स्टेशन विकसित किया जा रहा हैप्रयागराज संगम और झूंसी से वाराणसी के लिए सीधी सेवा मिलेगीस्टेशन परिसर में होङ्क्षल्डग एरिया बनाई जा रही है जहां यात्री विश्राम समेत हर बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी रेलवे बोर्ड स्तर पर स्टेशनों की निगरानी रेलवे स्टेशन पर भीड़ की निगरानी बोर्ड स्तर पर हो रही हैइससे त्योहारी सीजन अथवा माघ मेला जैसे अवसरों पर भीड़ प्रबंधन में सुधार होगारेल ट्रांसपोर्टेशन को गति देने की दिशा में काम चल रहा हैइसके लिए एक निजी कंपनी से करार हो चुका हैएनएसजी-1 का दर्जा मिलने से कैंट स्टेशन पर सुविधाओं में वृद्धि आएगीट्रेन के प्रत्येक लोको में शौचालय की व्यवस्था की जाएगी. दोनों प्रवेश द्वार पर बनेगा होङ्क्षल्डग एरिया प्रयागराज में संगम स्नान के बाद वाराणसी आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कैंट स्टेशन के दोनों प्रवेश द्वार पर होङ्क्षल्डग एरिया विकसित किया जा रहा हैसाढ़े चार हजार वर्ग मीटर के इस क्षेत्र में यात्रियों को विश्राम करने से लेकर हर बुनियादी सुविधाएं मिलेंगीवित्तीय वर्ष 2024- 25 में उत्तर रेलवे के अंतर्गत लगभग 12 सौ करोड़ रुपए की योजनाएं विकसित हो रही हैंइसका सीधा संबंध यात्री सुविधा से हैस्टेशन पर कायाकल्प का कार्य पूरी गति से चल रहा हैयात्री हाल, कुर्सियां व सूचनातंत्र के अलावा कई कार्य चल रहे हैं. एनएसजी-1 कैटेगरी में कैंट रेलवे स्टेशन के चयन के साथ, अब यहां यात्री सुविधाओं में बड़े स्तर पर सुधार की योजना बनाई जा रही हैताकि यह स्टेशन देश के सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों में शुमार हो सकेमहाकुंभ को देखते हुए व्यापक तैयारी भी चल रही हैइसके तहत तमाम विकास कार्य भी होंगे. -अर्पित गुप्ता, डायरेक्टर, कैंट रेलवे स्टेशन

Posted By: Inextlive