हो जाइए तैयार, काशी या बनारस स्टेशन से पकडऩी पड़ेगी टे्रन
वाराणसी (ब्यूरो)। यात्रीगण कृपया ध्यान दें। कैंट रेलवे स्टेशन से सफर करने वाले लोगों के लिए यह खबर बहुत जरूरी है। अप्रैल में किसी भी दिन से ट्रेनों का परिचालन बाधित हो सकती है। कैंट रेलवे स्टेशन से हर दिन 102 जोड़ी टे्रनों का संचालन होता है, जिसमें कई ट्रेनें निरस्त रहेंगी तो कुछ बदले रूट से चलाई जाएंगी। तमाम ट्रेनों को री-शेड्यूल भी किया जाएगा। साथ ही करीब 40 माल गाडिय़ों का परिचालन प्रभावित होगा। कैंट रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का काम चल रहा है। प्लेटफार्म नंबर 10 और 11 नया बना है। इन सबको इंटरलॉकिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इस दौरान कैंट रेलवे स्टेशन की सेवा बाधित कर दी जाएगी.
रेलवे बोर्ड को भेजा गया मसौदाइंटरलॉकिंग सिस्टम से सभी प्लेटफार्म को जोडऩे के दौरान कैंट रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का परिचालन करीब 40 दिनों के लिए प्रभावित हो सकता है। ऐसे में यात्रियों को होने वाली परेशानी को देखते हुए उत्तर रेलवे ने एक मसौदा तैयार करके रेलवे बोर्ड को भेज दिया है, जिसमें इंटरलॉकिंग सिस्टम दुरुस्त करने के दौरान कैंट रेलवे स्टेशन पर सभी सर्विस ठप रहेगी। यात्रियों को क्या-क्या दिक्कतें आएंगी। इसे किस तरह मैनेज करेंगे। कौन सी ट्रेनें वाराणसी सिटी तो कितनी टे्रेनें बनारस रेलवे स्टेशन से संचालित करने की जानकारी शामिल हैं। इस मसौदा की जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। जो प्रस्ताव बना है, उसके मुताबिक, कैंट रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहेगा।
स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का काम कैंट रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का काम कराया जा रहा है। प्लेटफार्म नंबर दस और ग्यारह नया बना है। मालगाडिय़ों के लिए अलग लाइन भी बनाई गई। है। कैंट रेलवे स्टेशन से वाराणसी सिटी के बीच रेलवे ट्रैक डबल हुआ है। इन सबको इंटरलॉकिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इसी लिहाज से पहले बिफोर नान इंटरलॉकिंग (बीएनआई), फिर नॉन इंटरलॉकिंग (एनआई) का काम कराया जाएगा। इसका मतलब है कि ट्रेनों का परिचालन इंटरलॉकिंग सिग्नल सिस्टम नहीं होगा। सभी ट्रेनों का परिचालन मैनुअल (नान इंटरलॉक) किया जाएगा। इससे ट्रेनों के प्लेटफार्म पर देर से आने की संभावना रहेगी. 40 दिनों में पूरा होगाबीएनआई और एनआई का काम करीब 40 दिनों में पूरा होगा। इस अवधि में ट्रेन सेवाएं प्रभावित रहेंगी। बदलाव का खाका तैयार करके मंडल कार्यालय ने लखनऊ भेजा था, फिर उत्तर रेलवे के लखनऊ मुख्यालय से रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया। सब कुछ प्रस्ताव के हिसाब से रहा तो जल्द ही ट्रेनों के मैनुअल परिचालन का आदेश जारी कर दिया जाएगा। इसके पूरा होने से यात्री सुविधाएं बढ़ जाएंगी.
आउटर पर नहीं खड़ी होंगी टे्रनें कैंट रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का काम 567 करोड़ रुपये से कराया जा रहा है। इससे यात्री सुविधाएं बढ़ जाएंगी। काम पूरा होने बाद टे्रनों का परिचालन सामान्य हो जाएगा, जो टे्रन शिवपुर या फिर वाराणसी सिटी के आसपास आउटर पर खड़ी हो जाती थी, वह धड़धड़ाते हुए कैंट रेलवे स्टेशन पर आ जाएंगी। टे्रनों के परिचालन में आसानी होगी. नंबर गेम -90 हजार यात्रियों का आवागमन रोजाना होता है। -102 जोड़ी ट्रेनें चलती हैं. -40 जोड़ी मालगाड़ी भी कैंट से गुजरती है. -567 करोड़ रुपये से चल रहा यार्ड रिमॉडलिंग का काम. -40 दिनों में बीएनआई और एनआई का काम पूरा होगा. कैंट रेलवे स्टेशन यार्ड रिमॉडलिंग का काम चल रहा है। बीएनआई और एनआई का काम करीब 40 दिनों में पूरा होगा। इस अवधि में ट्रेन सेवाएं प्रभावित रहेंगी। इसका प्रपोजल भेजा गया है। मंजूरी के बाद शेड्यूल जारी किया जाएगा. गौरव दीक्षित, डायरेक्टर, कैंट रेलवे स्टेशन