एनओसी लेने व प्रस्तावक खोजने में लगे कैंडिडेट
वाराणसी (ब्यूरो)। शासन द्वारा चुनाव और नामांकन तिथियों के ऐलान के बाद से बनारस नगर निगम और गंगापुर नगर पंचायत में प्रत्याशियों के द्वारा दावेदारी करने के लिए भागदौड़ शुरू हो गई है। इसको देखते हुए सोमवार की सुबह से शहर के प्रत्येक सरकारी कार्यालयों में जहां हलचल देखने को मिली, वहीं प्रशासन भी अपनी तरफ से हर मौके पर तैयारियों को पूरा करते हुए दिखाई दिया। प्रत्याशियों के द्वारा अपनी दावेदारी के लिए एनओसी के साथ ही पार्टी से टिकट कंफर्मेशन के लिए भागदौड़ तेज हो गई है.
एनओसी के बाद ही नामांकनपार्षद पद के साथ ही महापौर पद के सभी पार्टियों से लडऩे वाले प्रत्याशियों को जलकल और नगर निगम से एनओसी लेना आवश्यक होगा। ऐसे में कोई भी प्रत्याशी जो चुनावी रण में अपनी ताल ठोक रहा है उसके पास जलकल के वाटर टैक्स और नगर निगम के हाउस टैक्स के साथ ही कामर्शियल टैक्स का बकाया नहीं होना चाहिए तभी वह अपनी दावेदारी के लिए ताल ठोक हो सकता है। इतना ही नहीं जो भी प्रत्याशी मैदान में उतर रहा हो, उसके पास उसकी जमानत के लिए दो प्रस्तावक होने चाहिए जो उसके नाम की गारंटी ले सकें। ऐसे में इन दोनों प्रस्तावकों के पास भी किसी भी प्रकार की बकायेदारी नहीं होनी चाहिए। यदि उसके ऊपर बकायेदारी होती है तो वह नामांकन नहीं कर पायेगा और न ही उसका प्रस्तावक वैलिड होगा.
सुरक्षा व्यवस्था रहेगी चुस्त दुरुस्त जिला निर्वाचन कार्यालय की तरफ से मंगलवार से शुरू हो रहे नामांकन की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अमलीजामा पहनाने के लिए सारी तैयारियां शुरू कर दी गई है। महापौर पद के नामांकन के लिए अपर जिलाधिकारी न्यायालय कक्ष तो पार्षद पद के लिए उसके जोन के आफिस को उपयुक्त बताया गया है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यूपी पुलिस के जवानों की तैनाती प्रत्येक नामांकन स्थल पर निर्धारित की जा रही है। साथ ही प्रत्येक स्थल पर समर्थकों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था कर दी गई है. 16 हजार मतदानकर्मी चुनाव कराएंगे संपन्ननगर निगम के 100 वार्ड और गंगापुर नगर पंचायत के 10 वार्ड में चुनाव को भलीभांति संपन्न कराने के लिए प्रशासन की तरफ से तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी गई है। जिला निर्वाचन कार्यालय की तरफ से 16 हजार मतदान कर्मियों के डाटा को फीड कर लिया गया है, जोकि चुनाव को संपन्न कराने के लिए अपनी जिम्मेदारी को निभायेंगे। ऐसे में जिला निर्वाचन कार्यालय की तरफ से जिले के 492 विभागों से 20 हजार 142 अधिकारियों और कर्मचारियों के डाटा की फीडिंग कर ली गई है। जोकि आवश्यकतानुसार समय समय से उनकी तैनाती करते हुए सेवाएं ली जाएंगी.
मतगणना लोकेशन का भी हुआ चयन 4 मई के मतदान होने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय की तरफ से मतगणना कराने के लिए लोकेशन का भी चयन कर लिया गया है। इस दौरान प्रशासन ने वोटिंग के बाद ईवीएम और बैलेट पेपर की रखवाली और सुरक्षा के लिए भी लोकेशन का चयन कर लिया है। नगर निगम के लिए मतगणना स्थल पहडिय़ा मंडी तो गंगापुर नगर पंचायत के लिए मतगणना स्थल राजातालाब तहसील परिसर को बनाया गया है। साथ ही मतदान के लिए 6 हजार 482 बैलेट यूनिट और 3 हजार 215 कंट्रोल यूनिट के साथ ही 2650 ईवीएम का इस्तेमाल किया जायेगा. नामांकन शुल्क और जमानत राशि का भी हुआ निर्धारण राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्याशियों की तरफ से ताल ठोकने के लिए उनकी नामांकन शुल्क राशि के साथ ही उनकी जमानत राशि का भी निर्धारण कर दिया है। साथ ही नगर पंचायतों के अध्यक्षों का भी नामांकन शुल्क और जमानत राशि को निर्धारित कर दिया है. प्रत्याशियों की खर्च सीमा (रु। में) पदनाम-तब-अब महापौर-25 लाख-40 लाखपार्षद-2 लाख-तीन लाख
अध्यक्ष नगर पंचायत-1.50 लाख-2.50 लाख सदस्य नगर पंचायत-30 हजार-50 हजार नामांकन शुल्क व जमानत राशि (रु। में) पद-नामांकन शुल्क-जमानत राशि महापौर-1000-12000 महापौर आरक्षित-500-6000 पार्षद-400-2500 नगर पंचायत अध्यक्ष-250-5000 नगर पंचायत अध्यक्ष आरक्षित-125-2500 नामांकन के लिए प्रशासन की तरफ से समस्त प्रकार की तैयारी कर ली गई हैं। कर्मचारियों के साथ सुरक्षाकर्मियों को भी उनके ड्यूटी चार्ट के साथ उनके कार्य निर्धारित कर दिए गए हैं। प्रशासन की हर पहल पर नजर रहेगी. रणविजय सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी निकाय चुनाव को लेकर कमिश्नरेट में धारा 144 लागू निकाय चुनाव की घोषणा होते ही संपूर्ण कमिश्नरेट क्षेत्र में अपर पुलिस आयुक्त कानून व व्यवस्था एस। चिन्नप्पा ने धारा-144 की निषेधाज्ञा लागू की है। इसके साथ ही बिना पूर्व अनुमति के प्रचार कार्य प्रतिबंधित होगा। न ही किसी कार्यक्रम आयोजन में ध्वनिवर्धक यंत्रों, साधनों को बिजली अथवा टेलीफोन के खम्भों में नियम विरुद्ध तरीके से बांधेगा और न ही कार्यक्रम स्थल के बाहर नियम विरुद्ध तरीके से कोई ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाएगा.निषेधाज्ञा लागू होते ही किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पांच या इससे अधिक व्यक्तियों का न तो विधि विरुद्ध समूह बनाया जाएगा और न ही कोई व्यक्ति किसी ऐसे समूह में सम्मिलित होगा। किसी खुले स्थान पर अथवा मकानों की छतों पर ईंट, पत्थर, सोडा वाटर की बोतल अथवा कोई विस्फोटक सामग्री जमा नहीं करेगा और न रखेगा, जिसका प्रयोग आतंक उत्पन्न करने अथवा किसी ङ्क्षहसात्मक गतिविधियों में किया जा सकता है। सार्वजनिक स्थान पर पुतला नहीं जलाएगा और न ही ऐसा आचरण प्रस्तुत करेगा, जिससे किसी प्रकार से शांति व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका हो.