सिंधौरा की तरह संचालित हो रही हैं कई और फैक्टरियां पूछताछ में पकड़े गए ड्रग्स तस्करों ने दी चौंकाने वाली जानकारी


वाराणसी (ब्यूरो)एसटीएफ के अनुसार म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स का कारोबार मुंबई में होता है, लेकिन वहां सख्ती की वजह से यह गैंग बनारस में शिफ्ट कर गया है। गैंग से जुड़े लोग रेलवे स्टेशन, हाईवे, रिंग रोड के किनारे एरिया में सिंथेटिक ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री चला रहे हैं। गिरफ्तार तस्करों से तमाम इनपुट मिले हैं, जिस पर एसटीएफ और कमिश्नरेट पुलिस की टीम काम कर रही है। इसमें महाराष्ट्र पुलिस की मदद भी ली जा रही है.

केस-1

सिंधौरा थाना क्षेत्र के भगवतीपुर (मझवां) स्थित एक मकान से शनिवार को म्याऊं-म्याऊं के नाम से कुख्यात 2.5 किलो मेफेड्रोन ड्रग्स के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई एसटीएफ की वाराणसी इकाई और महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने की। इसकी कीमत 30 करोड़ रुपए थी।

केस-2

दो महीने पहले कैंट स्टेशन के शिव मंदिर के पास से ढाई करोड़ की म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स के साथ तस्कर प्रेमचंद्र तिवारी को गिरफ्तार किया था।

यह दो बताने के लिए काफी हैं कि बनारस में मेफेड्रोन ड्रग्स अब धड़ल्ले से मिल रही है। तस्कर डिमांड के हिसाब से नेटवर्क बनाकर काम कर रहे हैं। पुलिस की पूछताछ में सिंधौरा से गिरफ्तार तस्करों ने जो जानकारी दी है, उसे सुनकर आप भी चौक जाएंगे। बंबई का ड्रग्स कारोबार बनारस में शिफ्ट हो गया है। सिंधौरा की तरह बनारस में सिंथेटिक ड्रग्स बनाने की कई और फैक्ट्री चल रही हैं, जहां तैयार मादक पदार्थ बनारस के हुक्काबार, होटल के साथ मुंबई समेत अन्य स्टेट में सप्लाई हो रही है।

पंजाब की राह पर बनारस

देश का पंजाब राज्य ऐसा है, जहां ड्रग्स का सबसे बड़ा कारोबार होता है। यही वजह है कि इस राज्य का अधिकतर युवाओं को नशे की लत लग चुकी है। उड़ता पंजाब भी कहा जाता है। पंजाब की राह पर बनारस भी चल पड़ा है। दो दिन पहले सिंधौरा में सिंथेटिक ड्रग्स बनाने की फैक्टरी पकड़ी गई थी। पूछताछ में पता चला कि सिंधौरा की तर्ज पर बनारस में कई और फैक्ट्रियां चल रही हैं, जहां पर भारी मात्रा में सिंथेटिक ड्रग्स बनाई जा रही है। यहां तैयार ड्रग्स को घाट किनारे अवैध रूप से संचालित हुक्काबार, होटल और गेस्ट हाउस में खपाया जा रहा है। इसके अलावा कम उम्र के युवाओं का एक नेटवर्क भी इस काम में लगा है, जो पूरे शहर में सप्लाई चैन की तरह काम कर रहा है।

होली पार्टी में इसकी खपत

लंका और सिगरा थाना क्षेत्र में रविवार को पुलिस से बिना परमिशन लिये होली पार्टी रखी गई थी। इसमें हजारों की संख्या में लड़के-लड़कियों ने एंट्री ली थी। पार्टी में शामिल अधिकतर युवाओं ने म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स का सेवन कर रखा था। कड़ी धूप में उड़ते रंग, अबीर-गुलाल के बीच भोजपुरी और हिन्दी फिल्मों के गानों पर डांस करते युवाओं का जोश देखने के लायक था। हालांकि पार्टी का वीडियो वायरल होने पर स्थानीय पुलिस ने पार्टी को बंद करा दिया था.

सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक

तस्करों से मिली जानकारी के अनुसार पहले मेफेड्रोन यानी म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स मुंबई में बनता था। पंजाब की तरह मुंबई के युवाओं में इसकी लत बढ़ती है। इसका सेवन सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक है। इसके सेवन से भूख, मांसपेशियों में खिंचाव, शरीर कांपना, सिरदर्द, घबराहट, हाइबल्डप्रेशर जैसे दुष्प्रभाव होते हैं। इसके अधिक सेवन से मौत भी हो सकती है। हालांकि, इसका इस्तेमाल पेड़-पौधो में कीड़े मरने के लिए होता है, लेकिन नशेड़ी इस फर्टिलाइजर को ड्रग के रूप में नशे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। नशा करने वाले इस ड्रग्स का इस्तेमाल उत्साह बढ़ाने वाला मानते है, लेकिन इसका अधिक सेवन करने पर डिप्रेशन, अनिद्रा जैसे खतरनाक दौर से गुजराना पड़ सकता है। इस ड्रग्स का इस्तेमाल करने से हार्ट से संबंधित रोग बढ़ जाते है।

त्योहार पर ड्रग्स की बढ़ी डिमांड

बनारस समेत पूर्वांचल होलियाना मूड में आ चुका है। जैसे होली की डेट नजदीक आ रही है, उसी रफ्तार से ड्रग्स और गांजा की डिमांड बढ़ गई है। युवा वर्ग द्वारा सेवन किया जाने वाला ड्रग्स व गांजा, अब आम चलन में आ गया है, जो कभी घाटों पर चोरी छिपे इस्तेमाल किया जाता था, अब खुलेआम हो रहा है। मानों यह ट्रेंड बन गया है। नतीजा सबके सामने है, बनारस में नशेडिय़ों की लंबी फौज खड़ी होती जा रही है। इनमें सबसे अधिक संख्या युवाओं की है।

इस संबंध में फ़ूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट से समन्वय बनाया जा रहा है। संयुक्त टीम बनाकर इन फैक्ट्रीज पर रेड डाली जाएगी। नकली सामान बनाने वाले लोगों पर एनएसए की कार्रवाई की जाएगी.

मोहित अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर

Posted By: Inextlive