स्टूडेंट्स के लाइफ स्किल व व्यक्तित्व में लाया जाएगा निखार बॉडी लैंग्वेज से लेकर रहन-सहन की दी जाएगी जानकारी

वाराणसी (ब्यूरो)बीएचयू के स्टूडेंट्स से हर कोई उम्मीद करता है कि इस संस्थान से पढऩे के बाद सभी सफलता के शिखर पर पहुंचे। यहां से निकलने के बाद सफलता तो सभी को मिल जाती है, मगर शिखर तक हर कोई नहीं पहुंच पाता। दरअसल, सभी में वह क्वालिटी नहीं होती जिसकी उन्हें जरूरत होती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यहां का हर स्टूडेंट्स शिखर तक पहुंचे, इसके लिए बीएचयू ने पढ़ाई के साथ इनके व्यक्तित्व में सुधार और निखार लाने का फैसला लिया है। बीएचयू से हंै तो उनकी पर्सनॉलिटी भी हाई क्वालिटी की होनी चाहिए। इसी सोच के साथ बीएचयू अपने छात्रों के समग्र विकास और कल्याण के उद्देश्य से एक इंपॉर्टेंट स्टेप लेते हुए उनके कौशल विकास व जीवन कौशल योजना लाया है। इसकी शुरुआत फैकल्टी ऑफ साइंस और बीएचयू वूमेंस कॉलेज में हो चुकी हैै। जल्द ही अन्य फैकल्टी में भी इसकी शुरुआत हो जाएगी.

शारीरिक व मानसिक कल्याण में मदद

फैकल्टी ऑफ साइंस ने यहां पढऩे वाले अपने स्टूडेंट्स के लिए छात्र कल्याण पहल शुरू की है, जो स्टूडेंट्स को शैक्षणिक विकास के साथ मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक कल्याण में सहायता करेगी। वीसी प्रो। सुधीर कुमार जैन ने इस पहल के तहत गतिविधियों को संचालित करने के लिए रसायन विज्ञान विभाग के प्रो। सत्येन साहा की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति स्टूडेंट्स को लाइफ के चैलेंजेस से निपटने, मनोवैज्ञानिक चिंताओं को दूर करने और औपचारिक व अनौपचारिक माध्यमों से लचीलेपन और मानसिक कल्याण के प्रति जीवन भर अभिविन्यास विकसित करने में मदद करेगी।

छात्रों का हर स्तर पर मदद

यह उन छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण को बढ़ाने के लिए रणनीति विकसित करने के साथ गतिविधियों को लागू करेगा, जिन्हें किसी भी प्रकार के हेल्प की जरूरत है। समिति के माध्यम से विभिन्न पहलुओं पर कार्यशालाओं, वार्ताओं, गतिविधियों और कार्यक्रमों के संचालन में बाहरी और आंतरिक संसाधन, सुविधाप्रदाताओं या सलाहकारों शामिल किया गया है। समिति के सदस्य जरूरत पडऩे पर छात्रों के लिए खुद मौजूद होंगे और उन्हें विवि स्तर पर उपलब्ध विभिन्न सेवाओं तक पहुंचने में मदद करेंगे.

सलाहकार परिषद के सदस्य करेंगे निगरानी

वीसी ने जीवन कौशल और कल्याण पहल की गतिविधियों की निगरानी और उसे ट्रैक करने के लिए एक सलाहकार परिषद भी नियुक्त किया है। वनस्पति विज्ञान विभाग की प्रो। मदुलिका अग्रवाल की अध्यक्षता वाली सलाहकार परिषद में बायोटेक्नोलॉजी स्कूल के प्रो। एसएम सिंह, भौतिकी विभाग के प्रो। अभय कुमार सिंह, भूभौतिकी विभाग के प्रो। राजीव भाटला और प्राणीशास्त्र विभाग के प्रो। मधु ग्वालदास तापडिय़ा शामिल हैं.

लीडरशिप क्वालिटी कर रहे डेवलप

महिला महाविद्यालय-बीएचयू में संचालित इस योजना के तहत छात्राओं को लीडरशिप क्वालिटी डेवलप करने के साथ उनमें किसी प्रोफेशनल फील्ड में कैसे आगे बढ़ें, कहां कैसे स्टैंड लेना है, कैसे किसी चीज का इनिसेटिव लेना है, किसी भी चैलेंजेस और किसी इंटरव्यू का कैसे फेस करना है, आपने कांफिडेंस लेवल को कैसे बढ़ाना है आदि की जानकारी दी जा रही है। यही नहीं लोगों के साथ कैसे उठना बैठना है, किसी के साथ कैसे फैमिलीयर होना है, कहां कैसे बात करना है जैसे ज्ञान भी छात्राओं को दिया जा रहा है.

नई शिक्षा नीति में कौशल विकास पर जोर दिया गया है। यह हमारे स्टूडेंट्स में और भी ज्यादा निखार लाएगा। इस शिक्षा का प्रभाव ये होगा कि युवाओं के लिए कभी भी भविष्य में अर्थोपार्जन का कोई रास्ता बंद नहीं होगा और वो अपने संपूर्ण ज्ञान का प्रयोग स्वयं के व्यक्तिगत विकास में कर पाएंगे। फिलहाल इसकी शुरुआत महिला महाविद्यालय और फैकल्टी ऑफ साइंस में हुई है। आगे अन्य डिपार्टमेंट में भी होगा.

प्रोअनुपम मीमा, डीन ऑफ स्टूडेंट्स, बीएचयू

Posted By: Inextlive