भदोही में काशी विश्वनाथ धाम से दर्शन पूजन के बाद प्रयागराज जा रही तीर्थयात्रियों से भरी सोमवार की सुबह कोठरा ओवरब्रिज पर खड़े डीसीएम ट्रक में टकरा गई. इससे चालक समेत 18 यात्री घायल हो गए.

वाराणसी (ब्यूरो)भदोही में काशी विश्वनाथ धाम से दर्शन पूजन के बाद प्रयागराज जा रही तीर्थयात्रियों से भरी सोमवार की सुबह कोठरा ओवरब्रिज पर खड़े डीसीएम ट्रक में टकरा गई। इससे चालक समेत 18 यात्री घायल हो गए। जानकारी पर स्थानीय लोगों की भीड़ एकत्र हो गई, घायलों को औराई सीएचसी पहुंचाया गया। वहां सभी का उपचार चल रहा है। घायल सभी लोग बड़ा बाजार कोल्हापुर, महाराष्ट्र के निवासी हैं।

बड़ा बाजार कोल्हापुर से दो बसों से 100 पर्यटक चार धाम यात्रा पर निकले थे। दोनों बसें रविवार की रात वाराणसी पहुंचीं। यात्री रात्रि को यही रुके और सुबह काशी विश्वनाथ धाम का दर्शन कर प्रयागराज होते हुए मैहर जाने वाले थे। दोनों बसें कोठरा ओवरब्रिज के पास पहुंची थी कि आगे चल रही बस के चालक को झपकी लगने से किनारे खराब खड़े डीसीएम ट्रक से टक्कर हो गई। बस का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इससे बस में सवार चालक समेत 18 यात्री घायल हो गए। टक्कर की आवाज सुनकर आसपास के लोग हाईवे की ओर दौड़ पड़े। बस में चीख पुकार मची थी। ग्रामीणों की सूचना पर 108 नंबर की चार एंबुलेंस पहुंच गई। ग्रामीणों ने घायलों को चारों एंबुलेंस में बैठवाया और औराई सीएचसी पहुंचाया। यहां चिकित्सकों ने सभी का उपचार किया। किसी को सीने में किसी का सिर फटा। हालांकि कोई गंभीर रूप से घायल नहीं है। टक्कर के बाद पीछे आ रही बस ब्रिज के पास पंप पर रुक गई.

यह लोग हुए हैं घायल

घायलों में चालक सागर (40) वैशाली सिंह (50), हर्ष (23), सागर पाटिल (36), नीतीश पाटिल (46), कुंता देवी (70) अकाली रामचंद्रन (73), मंगलम रामचंद्रन (65), सुलभ पाटिल (57), लोकमान्य (58), सुदर्शन पाटिल (22), रमन रंगराजन (42), भारतीय मानो (58), कांता गोरख (75), सुशीला मांडा (65), दायर सागर पाटिल (38), विक्रम सुदर्शन पाटिल (65), मगला (65), मकालिया चंद्रशेखर (42) हैं।

अस्पताल नहीं पहुंचा कोई अधिकारी

हाईवे पर यात्रियों से भरी बस ट्रक से टकरा गई और इसमें 18 यात्री घायल हो गए। मौके पर डायल 112 के अलावा न कोई पुलिस अधिकारी पहुंचा और ही राजस्व अधिकारी। यही स्थिति अस्पताल में भी रही। लोगों में यह चर्चा रही कि इस तरह की घटनाओं में अधिकारियों के मौके पर पहुंचने से पीडि़तों यह अहसास होने लगता है कि उनका उपचार ठीक होगा, गंभीर होने पर उन्हें अच्छे अस्पताल भेज दिया जाएगा। पर किसी अधिकारी के अस्पताल न पहुंचने पर यात्रियों में खूब चर्चा रही.

Posted By: Inextlive