आईसीयू में एडमिट या एक्सीडेंट का हवाला देकर फंसा रहे साइबर ठगी बनारस में हर दिन 10 से अधिक लोग रहे शिकार


वाराणसी (ब्यूरो)भाई साहब नमस्कार, आपके खाते में गलती से पैसा क्रेडिट हो गया है। प्लीज रिटर्न कर दें। मेरा बच्चा ट्रामा सेंटर बीएचयू में भर्ती है। उसके ऑपरेशन का पैसा मंगाया था, जो गलती से मेरे नहीं आपके खाते में चला गया है। इसका मैसेज भी आया होगा। प्लीज लिंक पर क्लिक कर बैलेंस चेक कर लें। बिना देर किए तुरंत भेज दें। इस तरह की फेक कॉल में फंसकर सोनारपुरा के राजेश यादव, सुंदरपुर के मनोज सेठ, आशापुर के मोहित शर्मा समेत 50 से अधिक लोगों ने अपनी पूंजी गंवा दी। अगर इस तरह का फोन आपके पास आए तो सावधान हो जाए। साइबर ठगों ने ठगी का नया तरीका निकाल लिया है। फेक मैसेज और कॉल के जरिए बनारस में साइबर ठगी के मामले बढ़ गए हैं। कमिश्नरेट पुलिस और एक्सपर्ट लगातार साइबर अपराध को लेकर पब्लिक अवेयर कर रही है। फ्रॉड के नये तरीके की जानकारी भी दे रही है। फिर भी साइबर ठगी कम नहीं हो रही है.

ठगी का पहला तरीका

अचानक किसी नंबर से फोन आएगा। आपको ऐसी इमरजेंसी स्थिति में बताएगा, जैसे आईसीयू में एडमिट है या फिर कहीं एक्सीडेंटल केस हो, किसी भी तरह का इमरजेंसी बताएगा। आपसे बोलेगा कि वह गलती से आपके खाते में इतना पैसा चला गया है। बात करने के दौरान ही पैसा क्रेडिट होने का मैसेज आपके मोबाइल पर भी आ जाएगा। इसके बाद वह बोलेगा कि यह पैसा मेरे इस खाते में आप भेज दीजिए। ऐसे स्थिति में बहुत लोग फंस जाते हैं, क्योंकि अधिकतर लोग अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं। किसी के संकट में फंसे होने लोग बिना ध्यान दिए ही उसके बताए गए खाते में पैसा भेज देते हैं। इसमें वह लोग फंसते हैं, जो मैसेज को ध्यान से नहीं पढ़ते और केवल उसका कंटेंट पढ़कर समझते है कि पैसा हमारे खाते में आ गया है, जबकि वह यह ध्यान नहीं देते कि वह मैसेज बैंक की तरफ से आया है या किसी नंबर से आया है। फ्र ॉड करने वाला यह मैसेज अपने पर्सनल नंबर से ही भेज देता है.

दूसरा तरीका

फ्र ॉड में अक्सर दुकानदार या बिजनेस वाले लोग फंसते हैं। उन्हें किसी नंबर से फोन आएगा और फोन करने वाला उनसे कोई सामान खरीदने के लिए एडवांस पेमेंट की बात बोलेगा कि मैं आपको पैसा भेज रहा हूं, हमारा आदमी जाएगा तो आपसे सामान रिसीव कर लेगा। फिर उसी तरीके से फोन करने वाला आपको अपने पर्सनल नंबर से एक फेक अमाउंट क्रेडिट होने का मैसेज भेजेगा। इसके बाद बोलेगा भैया 5000 आपको भेजना था, लेकिन गलती से 50000 चला गया है। आप 5000 काट कर 45000 मेरा वापस कर दीजिए। भरोसे में आकर बिजनेस मैन और दुकानदार पैसा भेज देते हैं.

पहले अकाउंट बैलेंस चेक करें

साइबर क्राइम सेल के विराट सिंह बताते हैं कि इस तरह की कॉल आने पर हमेशा सावधान रहें। अगर कोई पैसा आता भी है तो जब तक अपना अकाउंट बैलेंस चेक ना कर लें तब तक किसी पर भरोसा ना करें। साइबर ठगी फर्जी या फेक एसएमएस से लेकर आपके मोबाइल फोन पर फर्जी लिंक शेयर करके आपको लाखों की चपत लगाने की फिराक में हैं। कई ऐसे मामले सामने आए भी हैं, जिनमें ठगों ने आम लोगों को अलग-अलग तरीकों से लाखों की चपत लगाई भी है। बीते कुछ समय में साइबर ठगी के तरीके में बदलाव आया है। अब ठग सिर्फ एक तरीके से ही ठगी को अंजाम नहीं दे रहे हैं। वो कहीं इंटरनेट से, कहीं फोन से तो अब तो एसएमएस के जरिए धोखाधड़ी कर रहे हैं।

फेक मैसेज की पहचान के टिप्स

बनारस में डिजिटल पेमेंट का चलन बढऩे की वजह से साइबर ठगी बढ़ रही है। फेक मैसेज से आपको अलर्ट रहने की जरूरत है। कई बार हम यह तय ही नहीं कर पाते हैं कि आखिर जो मैसेज हमारे पास आया है वो फेक है या फिर असली। हम आपको कुछ ऐसे टिप्स दे रहे हैं जिसके जरिए आसानी से पहचान सकते हैं कि मैसेज फेक है या नहीं। फेक मैसेज की पहचान नाम और नंबर से की जा सकती है। कोई भी बैंक किसी निजी नंबर का इस्तेमाल नहीं करता है। ऐसे में पर्सनल दिखने वाले नंबर से आने वाला कोई भी मैसेज स्पष्ट रूप से एक फ्र ॉड मैसेज हो सकता है.

साइबर ठगी के मामले 200 फीसद बढ़े

साइबर ठगी के आंकड़ों में भी बीते कुछ समय में काफी बढ़ोतरी हुई है। बीते कुछ समय में साइबर ठगी के मामले 200 फीसद बढ़े हैं। इस साल के पहले महीने में मात्र बीस दिन में तीन सौ से अधिक साइबर ठगी की शिकायतें सेल और थाने में पहुंच गई है। पचास लाख से ज्यादा का वित्तीय नुकसान हुआ है, जबकि इससे तीन गुना मामलों की शिकायत पुलिस के पास नहीं पहुंचती है।

इस तरह की कॉल आने पर हमेशा सावधान रहें। अगर कोई पैसा आता भी है तो जब तक अपना अकाउंट बैलेंस चेक ना कर लें तब तक किसी पर भरोसा ना करें। फेक मैसेज से अलर्ट रहने की जरूरत है। लॉटरी जीतने या बड़ी राशि मिलने वाले मैसेज को इग्नोर करें.

सरवनन टी, एडीसीपी साइबर क्राइम

Posted By: Inextlive