मार्च में ही गर्मी दिखाने लगी तेवर 36 तक पहुंच गया मैक्समम टेंप्रेचर मिनिमम ट्रेंपे्रचर भी 21 तक पहुंचा दोहपर में घाट होने लगे सुनसान मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार वर्ष 2024 में टूट सकते हैं गर्मी के सभी रिकार्ड


वाराणसी (ब्यूरो)वाराणसी में मार्च के अंतिम सप्ताह में ही चिलचिलाती धूप और बढ़ते पारा ने लोगों को प्रचंड गर्मी का एहसास करा दिया है। होली के बाद से ही शहर में बढ़ती गर्मी का असर साफ तौर पर देखा जा रहा है। दोपहर 12.00 से लेकर शाम 5.00 बजे तक सड़कों पर आवागमन कम होने के साथ-साथ घाटों पर भी लोगों की कम चहलकदमी देखी जा रही है। बीते 26 मार्च से ही वाराणसी के तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है.

40 तक पहुंचेगा पारा

बीते दो दिनों से सुबह से ही कड़ाके की धूप का असर देखा जा रहा है। मार्च के अंतिम सप्ताह में ही लोगों को प्रचंड गर्मी से जूझना पड़ रहा है। आईएमडी रिपोर्ट की मानें तो बुधवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 21 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। यही नहीं आसपास के जिलों में भी बढ़ती गर्मी का असर साफ नजर आ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो 31 मार्च तक तापमान 40 डिग्री तक भी पहुंच सकता है.

गर्मी दिखाने लगी तेवर

मार्च में ही लोगों को झुलसा देने वाली गर्मी से घाटों पर सामान्य की तुलना में कम भीड़ साफ नजर आने लगी है। हालांकि इस बीच रात 12 बजे के बाद मौसम में होने वाला बदलाव अब भी लोगों को चकित कर रहा है। रात में चलने वाली हवाएं अभी ठंडक का अहसास करा रही हैं। एक्स्पर्ट के अनुसार ऐसे समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

निकले छाता और गमछा

पूर्वांचल में होली से पहले हुई बूंदाबारी और तेज हवाओं के चलते लोगों को गर्मी से राहत मिली थी। आसमान में घने बादल के चलते धूप का प्रभाव भी कम था, लेकिन एक बार फिर से 26 मार्च से गर्मी का असर देखा जा रहा है। ऐसे में लोगों ने गर्मी से बचने के उपाय अपनाने शुरू कर दिए हैं। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार अप्रैल और मई में तापमान सामान्य से चार या पांच डिग्री तक अधिक होने की संभावना है। जो 49 से 50 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है.

तेजी से हो रहे ग्लोबल वार्मिंग का असर वाराणसी में साल 2024 के तापमान पर नजर आने वाला है। इसका परिणाम ये होगा कि 2024 अब तक का सबसे गर्म साल साबित हो सकता है.

एसएन पांडेय, मौसम वैज्ञानिक, बीएचयू

जगदीश शुक्ल की चेतावनी

एक माह पहले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित सेमिनार आए भारत में सुपर कंप्यूटर मौसम के पूर्वानुमान पद्धति के जनक और शीर्ष मौसम वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ। जगदीश शुक्ला ने चेतावनी दी थी कि साल 2024 अब तक का सबसे गर्म साल साबित होने जा रहा है। इस साल धरती सबसे ज्यादा गर्म रहेगी। उन्होंने बताया था कि ये आफत सभी महासागरों के बढ़े तापमान के कारण आ रही है। उन्होंने बताया था कि 1880 से मौसम की रिकार्ड कीपिंग शुरू हुई। तब से अब तक 2023 को सबसे गर्म साल रिकार्ड किया गया है.

वाराणसी इतना गर्म क्यों?

गर्मियों में वाराणसी में लू चलना एक आम बात है। आमतौर पर शहर में मार्च से जून तक गर्मी का अनुभव होता है और तापमान 45-47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। गंगा नदी के तट पर स्थित, वाराणसी में उच्च तापमान और कम आर्द्रता के कारण गर्मी की लहरें देखी जाती हैं.

Posted By: Inextlive