सिगरा-रथयात्रा में फूल रही सांस
वाराणसी (ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी वाराणसी में पॉल्यूशन का मर्ज एक बार फिर बढ़ गया है। सिटी के पॉश एरिया में हो रहे निर्माण कार्य के चलते लोगों की सांसें फूलने लगी हैं। लगातार उड़ते धूल के गुबार और मिट्टी के कारण यहां लोगों का जीना मुहाल हो गया है। कितने लोग तो बीमार होकर अस्पताल भी पहुंच रहे हैं.
इन इलाकों में दिक्कतसबसे ज्यादा भयावह स्थिति सिगरा और रथयात्रा क्षेत्र की है। इन दिनों रथयात्रा से कैंट तक के मार्ग में दिन-रात धूल और मिट्टी उड़ रही है। इसका कारण रोप-वे और अन्य सरकारी निर्माण कार्य हैं। गुरुबाग, रथयात्रा, काशी विद्यापीठ मार्ग पर तेज गति से जहां रोप-वे के लिए निर्माण कार्य हो रहा है। वहीं सिगरा क्षेत्र में स्पोट्र्स स्टेडियम के लिए भी निर्माण कार्य चल रहा है। इस कारण इन सभी मार्ग पर दिन-रात धूल और मिट्टी उड़ रही है, जिससे यहां लोगों का चलना दूभर हो गया है। इन सब के बाद भी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के इंडेक्स में शहर में कहीं भी पॉल्यूशन नहीं फैल रहा.
जिम्मेदार कर रहे बीमारपिछले कुछ माह से बनारस के पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड इंडेक्स में भले ही हरियाली छाई हो, मगर हकीकत में सिटी में एयर पॉल्यूशन का मर्ज अभी भी बरकरार है। सड़कों पर उड़ते धूल और जहरीली हवाओं से लोगों का दम घूंट रहा है। बावजूद इसे निर्माण कार्य कराने वाले ठेकेदार और पॉल्यूशन बोर्ड व नगर निगम के जिम्मेदार लोगों को बीमार कर रहे हंै.
एक माह से कार्य पिछले करीब एक माह से रोप-वे को लेकर चल रहे निर्माण कार्य के चलते पब्लिक की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उड़ रहे धूल के कण लोगों के लंग तक पहुंच रहे हैं। हवा में बढ़ते पॉल्यूशन के कारण अस्थमा (दमा) रोगियों की सांसें फूल रही हैं तो दिल के पेशेंट भी परेशान हो रहे हैैं। तापमान के हाई-लो होने की वजह से जुकाम-खांसी व एलर्जी के पेशेंट में खूब इजाफा हो रहा है। जिला, मंडलीय व प्राइवेट अस्पतालों में इन रोगों से जुड़े पेशेंट की संख्या बढ़ रही है. पेशेंट्स को परेशानीक्षेत्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़े बता रहे हैं कि सिटी के किसी भी एरिया में एक्यूआई हाई नहीं है। पीएम 10 व पीएम 2.5 का लेवल बिल्कुल सामान्य स्थिति में है। हर जगह हरियाली बनी हुई है। अगर ये इंडेक्स पूरी तरह से परफेक्ट है तो राहगीरों का दम क्यों घुंट रहा है। इससे इतर देखा जाए तो शहर में बढ़ती भीड़, वाहनों के धूल-धुएं और निर्माण कार्यों के चलते वातावरण में एयर पॉल्यूशन बढ़ चुका है। हवा में कार्बनडाई आक्साइड, एरोसोल्स, सल्फर, बारिक धूल कण, राख, कार्बन और हार्ड मैटर की वजह से श्वास, एलर्जी और दिल के पेशेंटों को परेशानी हो रही है।
नहीं हो रहा छिड़काव कायदे से देखा जाए तो यह नियम है कि जहां कहीं भी निर्माण कार्य हो रहा हो, वहां पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और नगर निगम की जिम्मेदारी है कि वह उस एरिया और सड़क मार्ग पर पानी का छिड़काव कराए। मगर ऐसा कहीं भी नहीं हो रहा है। जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। इन मार्गों पर इन दिनों इतना ज्यादा धूल उड़ रहा है कि लोग धूल से नहा ले रहे हैं। अगर कोई मास्क या मुंह पर कपड़ा न बांधे तो धूल के सूक्ष्म कण गले के रास्ते सीधे फेफड़े तक पहुंच रहा है. बुधवार का एयर क्वालिटी इंडेक्स अर्दली बाजार पीएम 2.5 पीएम 10 एक्यूआई 14 20 36 भेलूपुर पीएम 2.5 पीएम 10 एक्यूआई 13 21 20 बीएचयू पीएम 2.5 पीएम 10 एक्यूआई 18 20 14 मलदहिया पीएम 2.5 पीएम 10 एक्यूआई 25 37 28 क्या है मानक पीएम 2.5 का 6060 से ज्यादा हुआ तो खतरा बढ़ जाएगा.
पीएम 10 का 100 100 से ज्यादा बढ़ा तो खतरा बढ़ जाएगा. कोई भी सरकारी तंत्र अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर रहा है। कहीं भी हरियाली नहीं है। पिछले दिनों रोहनिया क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर जब यहां के मेयर से बात की गई तो जवाब ये मिला कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है। इसका मतलब तो यही हुआ कि इमारतें बनाने के लिए लोगों की जान चली जाए तो इन्हें कोई परवाह नहीं है. एकता शेखर, मुख्य अभियानकर्ता, द क्लाइमेट एजेंडा किसी भी निर्माण कार्यस्थल को ग्रीन पर्दे से कवर्ड किया जाता है, ताकि धूल सड़क तक न आए। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो रोप-वे बनाने वाली कंपनी से बात की जाएगी। जरूरत पड़ी तो नोटिस भी जारी करेंगे। रही बात वाटर स्प्रिकलिंग की तो यह निगम की ओर से कराई जा रही है। अगर उस एरिया में नहीं हो रहा है तो वहां कराई जाएगी. शिपू गिरी, नगर आयुक्त