सुधरो बनारसियों, ट्रैफिक सेंस अब स्मार्ट होना चाहिए
वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस सिटी स्मार्ट हो चुका है, लेकिन बनारसियों का सेंस पुराना ही चल रहा है। दरअसल, यहां जाम की समस्या खत्म नहीं हो रही है। जैसे लगता है कि शहर के अधिकतर इलाकों में तो जाम नियति बन गई है। यातायात व्यवस्था में सुधार को लेकर तमाम कवायद की जा रही है, लेकिन फिर भी जाम से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही। जाम की वजह जाने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने कई मार्गों पर पड़ताल की तो कुछ ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसमें पब्लिक की मनमानी के चलते जाम की स्थिति पैदा हुई। मलदहिया, मैदागिन, चौक, काशीपुर में सड़क किनारे कई लोगों ने चार पहिया वाहन खड़ा दिया था, जो जाम की वजह बनी। यही नहीं अतिक्रमण, रॉग साइड, ओवर टेक, बिना हेलमेट, बाइक पर तीन सवारी भी धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं.
पुलिस मुस्तैद फिर भी जामसड़क सुरक्षा सप्ताह के चलते शहर के अधिकतर मार्गों पर यातायात पुलिस मुस्तैद दिख रही है। टै्रफिक रूल्स का उल्लंघन करने वालों का चालान भी खूब काटे जा रहे हैं, बावजूद बनारस के लोगों की मेनटेल्टी नहीं सुधरने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि यह संख्या बहुत कम है, लेकिन इन लोगों की वजह से आम पब्लिक को आए दिन जाम का सामना करना पड़ रहा है। शहर के विभिन्न चौराहों पर ट्रैफिक जाम रहने से लोग परेशान दिखे। ऐसे लोगों पर जब तक सख्ती नहीं की जाएगी, तब तक यातायात व्यवस्था में सुधार की आशा कम है।
जाम से हांफ रहे लोग पिछले कई दिनों से सुबह सुंदरपुर, भिखारीपुर तिराहे से लेकर ककरमत्ता तक जाम की जकडऩ में लोग फंसकर हांफ गए। वाहनों के पहिए मानो थम गए थे। राहगीरों को मिनटों का सफर घंटेभर से अधिक समय में तय करना पड़ा। जाम में फंसे राहगीर ऐसे लोगों को कोसते रहे। लंका-सुंदरपुर मार्ग पर एंबुलेंस का सायरन बज रहा है, लेकिन इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। जिन्हें निकलवाने में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। बीएलडब्ल्यू गेट के पास स्कूल वाहनों की मनमानी के चलते भी अक्सर जाम लगता है। ये है जाम के बड़े कारणचांदपुर से भुल्लनपुर मार्ग पर ही बड़ी बसों को खड़ा कराया जाता है, जिससे आवागमन में काफी दिक्कतें लोगों को उठानी पड़ी। यातायात पुलिस की ओर से चौराहे पर लगाए गए सिग्नल लाइट और बेतरतीब तरीके से खड़े वाहनों के चलते आए दिन लोगों को जाम की समस्याओं से होकर गुजरना पड़ता है। अतिक्रमण, रॉग साइड, ओवर टेक, बिना हेलमेट, बाइक पर तीन सवारी के चलते शहर के अधिकतर इलाकों में जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। कमिश्नरेट के काशी और वरुणा जोन में जाम के निपटने के जितने भी उपाय हो रहे हैं सब फेल साबित हो रहे हैं.
यातायात सुरक्षा अभियान के दौरान लोगों को जागरूक किया जाता है। रूल्स तोडऩे वालों का चालान भी किया जा रहा है। पहले से लोगों के रवैये और आदत में काफी सुधार आया है. प्रबल प्रताप सिंह, डीसीपी ट्रैफिक