धर्म व शिक्षा का संगम है बनारस मॉडल
वाराणसी (ब्यूरो)। देश के सामने प्रस्तुत बनारस मॉडल में दिव्य-भव्य काशी विश्वनाथ धाम, दमकते गंगा घाट, ग्रेनाइट और गुलाबी पत्थरों से लंदन स्ट्रीट की तर्ज बनी सड़क, ईरी और स्पीड ब्रीडिंग लैब, वाराणसी-हल्दिया वॉटर हाईवे, बनारस बंदरगाह, कैंसर ट्रीटमेंट के लिए मुंबई जैसे दो बड़े अस्पताल, वाटर टैक्सी समेत शहर की सूरत बदलने वाली तमाम परियोजनाएं शामिल हैं। पिछले नौ साल में पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों से करीब 45 हजार करोड़ की लागत वाली 300 से अधिक परियोजनाएं आकार ले चुकी हैं। एक बार फिर पीएम मोदी संसदीय क्षेत्र वाराणसी आने वाले हैं। इस बार 3000 करोड़ की 18 से अधिक परियोजनाएं काशी को देंगे। इन सौगातों में 17.56 करोड़ रुपए की लागत से मणिकर्णिका घाट का जीर्णोद्धार और पुनर्विकास, 40.10 करोड़ की सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल एंड टेक्नोलॉजी परियोजना मुख्य हैं.
विकसित होंगी धाम के आसपास की इमारतेंजीवन के मोक्ष द्वार मणिकर्णिका घाट को 17.56 करोड़ रुपए की लागत से जीर्णोद्धार और विकसित किया जाएगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम से सटे मणिकर्णिका घाट और आसपास के हेरिटेज भवनों और मंदिरों का पुनर्विकास करने की योजना है। मणिकर्णिका घाट से तारकेश्वर मंदिर तक की इमारत को नागर शैली में डेवलप किया जाएगा। मणिकर्णिका घाट के पुनर्विकास का काम सीएसआर फंड से होगा। यहां पर डेडबॉडी रजिस्ट्रेशन ऑफिस बनाया जाएगा। इसके अलावा शव और शव यात्रियों के लिए शवदाह स्थल तक पहुंचने के लिए अलग-अलग रास्ते, शवदाह से पहले होने वाली धार्मिक रीति रिवाज आदि के लिए विशेष स्थान, शव स्नान आदि की व्यवस्था होगी। मणिकर्णिका कुंड, रत्नेश्वर महादेव मंदिर आदि का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
मंदिरों का होगा सौंदर्यीकरण हाई फ्लड जोन से ऊपर दाह संस्कार स्थल बनेगा, यहां तक पहुंचने के लिए रैंप होगा। बाढ़ के उच्चतम बिंदु से ऊपर, छत पर वीआईपी के लिए अलग से बैठने के लिए व्यवस्था होगी। घाट के पास बेतरतीब रखी लकडिय़ों से शवदाह के लिए आये लोगों को काफी परेशानी होती थी। अब लकड़ी बेचने वालों के लिए व्यवस्थित प्लाजा बनेगा, जहां लकडिय़ों का स्टोरेज भी किया जा सकेगा। जल यातायात द्वारा घाट तक लकड़ी लाने के लिए रैम्प का निर्माण, जन सुविधा के लिए शौचालय, पीने का पानी, प्रतीक्षालय, व्यूइंग एरिया, मणिकर्णिका के आसपास के हेरिटेज मॉर्नुमेंट्स, चक्र पुष्करणी कुंड, तारकेश्वर मंदिर, रत्नेश्वर मंदिर व दत्तात्रेय पादुका तक का भी जीर्णोद्धार होगा। वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम, इंस्टीट्यूशनल फ्र म वर्क विद ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी भी लगाया जाएगा. सीपेट का पीएम करेंगे उद्घाटनशैक्षणिक रोजगार के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल एंड टेक्नोलॉजी (सीपेट) का उद्घाटन पीएम के हाथों से होगा, जो न सिर्फ कंपनियों को स्किल्ड मैनपावर देगा बल्कि पूर्वांचल के युवाओं को बड़ी तादात में रोजगार दिलाने में मददगार साबित होगा। यही नहीं प्लास्टिक और इससे संबंधित उद्योगों को तकनीकी सहायता मिलेगी। प्लास्टिक व पॉलिमर से संबंधित उद्योगों को कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किये गए पाठ्यक्रम से हर साल 2000 बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देगा। साथ ही लांग टर्म कोर्स डीपीटी, डीपीएमटी, द्वारा प्रति वर्ष 1000 छात्रों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। 40.10 करोड़ की लागत से करीब 10 एकड़ में सिपेट का निर्माण हुआ है। पीएम ने 15 जुलाई 2021 को इसका शिलान्यास किया था। इसके लिए प्रदेश सरकार ने करसड़ा में 10 एकड़ जमीन फ्री में उपलब्ध कराई है।