हर घंटे बढ़ती रही भक्तों की भीड़ मैदागिन से लेकर गोदौलिया तक लंबी कतार


वाराणसी (ब्यूरो)शिवभक्तों की आस्था के सबसे बड़े त्योहार महाशिवरात्रि पर शुक्रवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। दूरदराज से पहुंचे भक्त बाबा विश्वनाथ दरबार में हर-हर महादेव, ओम नम: शिवाय के जयकारे लगाते रहे। मंदिर में दर्शन के लिए गुरुवार रात से ही भक्त लाइन में लग गए थे और भोर में भोलेनाथ के दर्शन किए। मंदिर प्रशासन की मानें तो दिनभर में तकरीबन 10 लाख भक्तों ने बाबा के दरबार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान दर्शनार्थियों पर फूल भी बरसाए गए।

मंगला आरती के अंतिम चरण में जैसे ही बाबा दरबार में घंटा-घडिय़ाल की ध्वनि अपने चरम पर पहुंची तो उसकी ध्वनि पूरब में गंगा द्वार तक और पश्चिम-उत्तर में ज्ञानवापी क्रासिंग पर कतारबद्ध भक्तों तक पहुंचने लगी। सभी को आभास हो गया कि घंटों की प्रतीक्षा पूर्ण होने वाली है। ये वे भक्त थे, जो बृहस्पतिवार की रात दर्शन के लिए कतार में लगे थे। मंगला आरती लगभग सवा घंटे चलने के बाद मंदिर का चारों कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। जैसे ही पट खुले, वैसे ही हर-हर महादेव और ओम नम: शिवाय के जय-जयकार से गूंज उठा और सभी ने हैैप्पी मैरेज टू बाबा बोला।

हाथ में बेलपत्र, मन में जप

हाथ में माला-फूल, बेलपत्र लिए और मन में हर-हर महादेव का जप करते हुए दर्शनार्थी कुछ देर की प्रतीक्षा के बाद बाबा दरबार में जब पहुंचे तो काशी विश्वनाथ धाम की भव्य सजावट देखकर अभिभूत हो गए। शहद, घी, चंदन, भांग, दूध, जल, बेलपत्र, मदार, फूल-माला से बाबा का पूजन-दर्शन कर सभी अघा उठे.

सवा दो बजे आरती आरंभ

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का कपाट भोर 2:15 बजे मंगला आरती के लिए खोला गया। पांच अर्चकों द्वारा मंगलाचरण पाठ कर बाबा विश्वनाथ का प्रात: श्रृंगार किया गया। इसके उपरांत मंगला आरती आरंभ हुई। मंगला आरती देखने के लिए लगभग 500 श्रद्धालु मौजूद थे, वहीं लगभग 50 विशिष्टजन की भी मौजूदगी रही.

कतार का आकार

जिस वक्त जनसामान्य के लिए मंदिर के पट खोले गए, उस समय दर्शनार्थियों की कतार दक्षिण में गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट तक पहुंच चुकी थी। उत्तर में ज्ञानवापी से शुरू हुई कतार चौक, नीचीबाग, बुलानाला होते हुए मैदागिन चौराहे के आगे तक थी। स्थिति यह थी कि जितने भक्त दर्शन करने के लिए आगे बढ़ते, उतने ही और आकर कतार में लग जाते। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि भक्तों की भीड़ का दबाव कभी कम भी हुआ.

भीड़ का दबाव

शाम के बाद पंचक्रोशी यात्रियों की वापसी के बाद भीड़ का दबाव बढ़ गया। दूसरी ओर गंगा द्वार से प्रवेश को ललिता घाट पर जिगजैग बैरिकेडिंग में लंबी कतार लगी रही। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि देर रात तक 10 लाख भक्तों ने दर्शन-पूजन किया.

मणि मंदिर में अभिषेक

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर दुर्गाकुंड, धर्मसंघ परिसर स्थित मणि मंदिर में आस्थावानों का रेला उमड़ पड़ा। मुख्य मंडप में स्थापित पांच फ़ीट के विशालकाय नर्वदेश्वर शिवलिंग के महाकाल श्रृंगार का दर्शन करने के लिए सुबह से ही भक्तों की कतार लगी रही। धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज के पावन सानिध्य में शुक्रवार को विविध आयोजन हुए। पंडित जगजीतन पांडेय के आचार्यत्व में समस्त वैदिक पूजन अर्चन सम्पन्न कराया गया। महादेव को लगा 51 क्विंटल ठंडई का भोग लगा और भक्तों में वितरित किया गया।

Posted By: Inextlive