Varanasi news: हवाओं में घुली गलन, सुबह ने ओढ़ी कोहरे की चादर, उत्तर-पश्चिमी हवा बढ़ा रही गलन, 1.2 डिग्री तक गिरा पारा
वाराणसी : पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में नजर आने लगा है। जम्मू कश्मीर की तरफ से आ रही उत्तर पश्चिमी हवा गलन बढ़ा रही है। अगले कुछ दिनों में ठंड और बढ़ेगी। मंगलवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी कमी दर्ज की गई। बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 27.8 डिग्री रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से 0.3 डिग्री कम रहा। इसी तरह न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री रहा, यह सामान्य से 0.5 डिग्री कम रहा। आद्र्रता इस दौरान अधिकतम 76 और न्यूनतम 61 प्रतिशत दर्ज की गई।
आगामी दो दिसंबर तक धुंध की स्थिति पूर्वांचल में बने रहने की उम्मीद है। वहीं आने वाले दिनों में कोहरा और बढ़ सकता है। बीएचयू के पूर्व प्रोफेसर व मौसम विज्ञानी सुरेन्द्र नाथ पांडेय ने बताया कि धीरे-धीरे ठंड और बढ़ेगी। सुबह कोहरा रहेगा लेकिन दिन भर आसमान साफ रहने का अनुमान है। एक दिसंबर से अधिक कोहरा पडऩे के आसार बन रहे हैं।
काम में लापरवाही, रोडवेज के दो एटीआई सस्पेंडवाराणसी : कार्य में शिथिलता बरतने पर क्षेत्रीय प्रबंधक परशुराम पांडेय ने दो एटीआइ (सहायक यातायात निरीक्षक) को निलंबित कर दिया। ग्रामीण डिपो से संबद्ध मो। जावेद खान और काशी डिपो के अमित कुमार मिश्रा के विरुद्ध प्रवर्तन दल (मुख्यालय) ने गड़बड़ी पकड़ी थी। पिछले दिनों औचक निरीक्षण के दौरान मुख्यालय की टीम को राप्तीनगर की बस में आठ व्यक्ति बेटिकट मिले थे। वहीं, कैंट डिपो की बस में सवार 21 में 18 लोगों के पास कोई टिकट नहीं मिला। दोनों एटीआई की जिम्मेदारी तय करते हुए अनुशासनिक कार्यवाही के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।
विहंगम योग का शताब्दी समारोह छह व सात दिसंबर को वाराणसी : विहंगम योग संत समाज की स्थापना का शताब्दी समारोह महोत्सव छह एवं सात दिसंबर को स्वर्वेद महामंदिर धाम, उमरहां पर मनाया जाएगा। इस इस क्रम में संस्थान द्वारा 25 हजार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का भी आयोजन किया जा रहा है। दोनों दिन संत प्रवर विज्ञान देव महाराज जय स्वर्वेद कथा की दिव्य ज्ञानगंगा प्रवाहित करेंगे। सद्गुरु आचार्य स्वतंत्र देव महाराज के आशीर्वचन के साथ महायज्ञ का आयोजन होगा। संपूर्ण कार्यक्रम स्थल लगभग 200 एकड़ भू-खंड में विस्तारित किया जा रहा है। इसमें लगभग 40 एकड़ भूमि पर 25 हजार हवन कुंडों का निर्माण किया जा रहा है। यजमानों की सुविधा का ध्यान रखते हुए यज्ञ परिसर को 108 ब्लाकों में विभक्त किया जा रहा है। सभी ब्लाक ऋषि-महर्षियों के नाम पर होंगे।