तीन अगस्त की घटना से दहल गया था बनारस
वाराणसी (ब्यूरो)। चेतगंज-पिशाचमोचन मार्ग स्थित अवधेश राय के आवास के बाहर तीन अगस्त 1991 शनिवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे मारुति वैन में सवार हत्यारों ने स्टेनगन से कई राउंड गोलियां चलाकर युका इंका नेता अवधेश राय की नृशंस हत्या कर दी। जवाब में दो भाइयों ने भी हत्यारों पर गोलियां चलाईं। हड़बड़ाहट में भाग रहे हत्यारों की मारुति वैन रास्ते में बिजली खंभे से टकरा गई तो वे वैन छोड़कर भागने में सफल रहे। इस घटना के बाद पूरे शहर में हड़कंप मच गया। हथुआ मार्केट, लहुराबीर समेत आसपास की दुकानें फटाफट बंद हो गई। यह सनसनीखेज वारदात चेतगंज थाने व पुलिस नगर नियंत्रण कक्ष के पास ही घटी थी। जहां हत्यारे इतनी बड़ी वारदात करने के बावजूद निकल भागने में सफल रहे। इस मामले में पुलिस ने एक स्थानीय सभासद को गिरफ्तार किया था.
पूर्व मंत्री व छोटे भाई अजय राय की जुबानी3 अगस्त शनिवार बड़े भाई अवधेश राय दोपहर में शास्त्रीनगर स्थित एक परिचित की दुकान पर गए थे। वापसी में भैया अपनी जिप्सी से घर लौट रहे थे। मैं भी उनके साथ था। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे चेतगंज-पिशाचमोचन मार्ग पर स्थित घर के बाहर जिप्सी से उतरे और ड्राइवर को गाड़ी में आई खराबी को ठीक करने की हिदायत देने लगे। उस समय मैं भी उनके पास ही था। ड्राइवर से बात करते समय चेतगंज थाने के सामने से एक सफेद रंग की मारुति वैन उनकी ओर आयी। पास पहुंचते ही वैन अचानक रुकी। अवधेश राय व उनके साथ खड़े लोग जब तक कुछ समझ पाते, तब तक वैन के अंदर से अवधेश राय पर निशाना साधते हुए स्टेनगन से गोलियां चलायी जाने लगीं। एक साथ कई गोलियां लगने की वजह से अवधेश राय वही जमीन पर गिर पड़े। इसके पहले हत्यारों ने जिप्सी का टायर गोली मारकर पंक्चर कर दिया था.
दूसरी गाड़ी से हत्यारे फरार हो गएअजय राय ने लाइसेंसी पिस्टल से मारुति वैन में बैठे हत्यारों को लक्ष्य कर गोलियां चलाई तो वे वैन से भागने लगे। तब तक बड़े भाई राजेश राय घर से रायफल लेकर निकले और हत्यारों का पीछा करते हुए उन पर गोलियां चलाई। इस हड़बड़ाहट में हत्यारों की मारुति वैन एक खंभे से जा टकराई। वैन को वहीं पर छोड़कर सड़क पर लगे पानी से होकर भागने लगे। दोनों भाइयों ने उनका पीछा किया, लेकिन चंद कदम दूर खड़ी दूसरी नीली रंग की मारुति कार में बैठकर हत्यारे भाग निकले। इसके बाद राजेश और अजय घटनास्थल पर लौटे तो अवधेश राय की सांसें चल रही थीं। तुरंत हत्यारों की सफेद वैन में भाई को डालकर अस्पताल ले गए। अत्यंत चिंताजनक स्थिति में उन्हें जिस वक्त आपरेशन थियेटर में ले जाया गया, उसी समय उनकी मौत हो गई।
हत्याकांड के विरोध में बंद हो गई थी दुकानें यह घटना जैसे पूरे शहर में फैली तो हड़कंप मच गया। हत्याकांड के विरोध में हथुआ मार्केट, लहुराबीर, चेतगंज, मलदहिया, बेनियाबाग, नई सड़क की दुकानें बंद हो गई। चेतगंज व आसपास के बड़ी संख्या में लोग थाने पहुंच गए। लोगों की भीड़ देखकर पुलिस के हाथ-पांव फूल गए थे। गुस्साए लोगों को शांत कराने का प्रयास किया गया, लेकिन वे नहीं माने। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिया। तुरंत हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर दबिश दी गई। इसी बीच शाम को शक के आधार पर स्थानीय सभासद को गिरफ्तार किया गया था। कई तश्मदीद लोगों से पूछताछ भी की गई थी.