आशा ज्योति में पीडि़ताएं करेंगी सिलाई-कढ़ाई
-एनएसडीसी की ओर से दी जाएगी ट्रेनिंग, सिटी की एक कोचिंग को सौंपा गया है जिम्मा
-पं दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल परिसर में संचालित है आशा ज्योति केंद्र 1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ निराश्रित युवतियों व महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम तेजी से बढ़ाए जा रहे हैं। शुरुआत रानी लक्ष्मी बाई योजना के तहत पं। दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल कैंपस में खुले आशा ज्योति केंद्र से होने जा रही है। यहां पहुंचने वाली पीडि़ताओं को नेशनल स्किल्ड डेवलपमेंट काउंसिल के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसका जिम्मा उठाया है शहर की फेमस प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली एक कोचिंग ने। आशा ज्योति केंद्र में कोचिंग की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर भी बेहतर बनाए जा रहे हैं। यहां पीडि़ताओं को एजुकेशन के साथ-साथ सिलाई-बुनाई, कढ़ाई, मेहंदी-ब्यूटीशियन आदि का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यह भी कोशिश होगी कि उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाए। किसी पर बोझ नहीं बनेंगी पीडि़ताएंमन से लेकर बदन तक जख्मों से भरी पीडि़ताओं को आशा ज्योति केंद्र में हर तरह की सुविधा अवेलेबल कराई जा रही है। निराश्रित महिलाएं या युवतियां यहां 21 दिन तक शेल्टर ले सकती हैं। नेशनल स्किल्ड डेवलपमेंट काउंसिल की योजना के तहत ट्रेनिंग देकर पीडि़ताओं को आत्मनिर्भर बनाना ही सरकार का मकसद है। इसका उद्देश्य यह है कि एक तो पीडि़ताएं प्रशिक्षण में बिजी रहने लगेंगी और दूसरा हुनरबद्ध हो सकेंगी। वह कहीं भी रहेंगी लेकिन किसी पर बोझ नहीं बन सकेंगी।
महिलाओं के लिए बेस्ट आठ मार्च 2016 को बनारस में स्थापित आशा ज्योति केंद्र महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। आंकड़े बताते हैं कि घरेलू हिंसा से जुड़े मामले साल भर में जितने जिले के सभी 25 थानों में नहीं आए उससे कहीं ज्यादा आशा ज्योति केंद्र में आए। इससे महिलाओं को आत्मबल के साथ ही न्याय भी मिल रहा है। ज्यादातर महिलाएं अब किसी भी मामले की शिकायत के लिए दीनदयाल हॉस्पिटल कैंपस स्थित केंद्र में पहुंच रही हैं। वहां महिलाओं की टीम सभी मामलों का निस्तारण करती है। दर्ज करा सकती हैं रिपोर्टयदि छेड़छाड़ की रिपोर्ट किसी थाने में दर्ज नहीं हो रही है तो यहां रिपोर्ट दर्ज होगी और पूरा न्याय भी मिलेगा। केंद्र में आपके साथ वकील भी होंगे, महिला पुलिस होगी और चेकअप के लिए डॉक्टर्स की टीम भी होगी। यहां बाकायदा काउंसलिंग भी की जाती है। फिलहाल आशा ज्योति केंद्र की टीम बनारस डिस्ट्रिक्ट के अलावा चंदौली, मुगलसराय आदि एरिया में भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर विक्टिम को न्याय दिला रही है। 182 वूमेन पावर नंबर पर कॉल कर अपनी समस्याएं भी बताई जा सकती हैं।
एक छत के नीचे समाधान दीनदयाल हॉस्पिटल कैंपस के पीछे पानी टंकी के पास बिल्डिंग में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। तेजाबी हमले से पीडि़त, रेप- छेड़खानी की विक्टिम, मेंटल डिस्टर्ब सहित हर उम्र की महिलाओं को आवश्यकतानुसार सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। नंबर भी करेगा हेल्प तत्काल परामर्श के लिए परामर्श केंद्र, इमरजेंसी हेल्प के लिए चाइल्ड लाइन, वूमेन पावर लाइन 182 नंबर से सुविधा प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा पीडि़त किशोरियों व महिलाओं के केस में तत्काल एफआईआर दर्ज हो इसके लिए पुलिस रिपोर्टिग चौकी व विधिक सेल की भी सुविधा है। यहां है आशा ज्योति केंद्र -वाराणसी -आगरा -बरेली -मेरठ -नोएडा -गाजियाबाद -कानपुर -कन्नौज -लखनऊ -इलाहाबाद -गोरखपुर निराश्रित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। एनएसडीसी के तहत उन्हें एक कोचिंग प्रशिक्षण देगी। इंफ्रास्ट्रक्चर आदि का काम तेजी से हो रहा है। प्रवीण कुमार त्रिपाठी, जिला प्रोबेशन अधिकारी