अखिलेश, ओवैसी के खिलाफ दाखिल प्रार्थना पत्र निरस्त
वाराणसी (ब्यूरो)। ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में गंदगी करने और नेताओं की बयानबाजी को लेकर वकील हरिशंकर पांडेय की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र को एसीजेएम (प्रथम) उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया। वकील हरिशंकर पांडेय ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव व एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दिए गए बयान को हेट स्पीङ्क्षचग की श्रेणी में मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
आदेश था सुरक्षित आरोप लगाया था कि इन नेताओं ने अमर्यादित बयान देकर ङ्क्षहदू समाज के प्रति घृणा फैलाने का आपराधिक कृत्य किया है। साथ ही अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन समेत अन्य के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी। अदालत ने बहस सुनने के पश्चात आदेश सुरक्षित करते हुए 14 फरवरी की तिथि मुकर्रर की थी। तीन मामलों की सुनवाईवहीं जिला जज ने ज्ञानवापी प्रकरण में लंबित तीन याचिकाओं पर सुनवाई की। तीनों याचिकाओं पर अग्रिम सुनवाई के लिए अलग-अलग तिथियां तय की हैं। मां शृंगार गौरी के नियमित-पूजन की मांग करने वाली चार महिलाओं की ओर से ज्ञानवापी से जुड़े सात मुकदमों को एक ही अदालत में सुनने की मांग को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए जिला जज डा। अजय कृष्ण विश्वेश ने 21 फरवरी की तिथि तय की है.
28 फरवरी की तिथि किरण ङ्क्षसह एवं अन्य की ओर से दाखिल वाद में सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) महेंद्र कुमार पाण्डेय के आदेश के खिलाफ जिला जज की अदालत में लंबित पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए 28 फरवरी की तिथि तय की गई है। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) की अदालत द्वारा मुकदमे की सुनवाई करने के क्षेत्राधिकार के प्रश्न पर दाखिल निगरानी याचिका पर सुनवाई के लिए जिला जज ने 27 फरवरी की तिथि नियत की है। वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी के मौजूद नहीं होने पर उनकी ओर सुनवाई के लिए कोई अन्य तिथि करने की अदालत से अपील की गई थी.