कांवरियों के लिए शहर में खोला गया एक और शिविर शिविर में चाय-बिस्किट फलाहार गर्म जल व दवा की मिलेगी सुविधा दो महीने तक चलेगा शिविर रखा जाएगा विशेष ध्यान

वाराणसी (ब्यूरो)सावन के दूसरे सोमवार को भी कांवरियों की भीड़ आएगी। इसको देखते हुए गिरजाघर चौराहे पर राहत शिविर केंद्र बनाया गया है। दशाश्वमेध क्षेत्र में पहले से शिविर चल रहा है। एक शिविर की और व्यवस्था हो जाने से कांवरियों को राहत मिलेगी। कैंप में खान-पान से लेकर मेडिकल तक की सुविधा मौजूद है.

जगह देना किया बंद

कांवरियों की सुविधा के लिए लक्सा के सिंधी धर्मशाला में वृहद शिविर लगता था, लेकिन वह बंद हो गया। दशाश्वमेध क्षेत्र में भी कांवरियों का विशाल शिविर लगता था। इस शिविर में करीब 20 से 25 हजार कांवरियों के रहने की व्यवस्था होती थी, लेकिन वहां पर अब बिल्डिंग का निर्माण हो गया। इसके चलते कांवरियों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.

जहां जगह वहीं बैठ गए

भदोही, मिर्जापुर, इलाहाबाद, बिहार से आने वाले कांवरियों की भीड़ शहर में बढ़ती ही जा रही है। पहले सोमवार को बाबा को जल चढ़ाने के लिए लाखों कांवरियों की भीड़ आयी थी। दूसरे सोमवार को भी कांवरियों की भीड़ आएगी। इन कांवरियों के लिए दशाश्वमेध क्षेत्र में शिविर बनाया गया है। इस शिविर में 100 से 150 ही कांवरिये रह सकते हैं। इससे अधिक नहीं। ऐसे में जहां जगह दिख रही है वहीं कांवरिये अपना डेरा-डंडा जमा ले रहे हैं.

कैंप सिमट जाने से दिक्कत

कोरोना काल के पहले सावन के महीने में शहर में दो ही जगह वृहद रूप से कांवरियों के लिए कैंप लगता था। पहला चितरंजन पार्क और दूसरा लक्सा स्थित सिंधी धर्मशाला में। धर्मशाला में कैंप बंद हो गया। दशाश्मेवध क्षेत्र के कैंप का आकार छोटा कर दिया गया। इसके चलते इस बार जो कांवरिये आ रहे है उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

गिरजाघर में लगा कैंप

दूसरे सोमवार को शहर में आने वाली कांवरियों की भीड़ को देखते हुए हिन्दु युवा वाहिनी ने गिरजाघर चौराहे पर कांवरियों के लिए शिविर लगाया गया है। शिविर में कांवरियों के लिए चाय, बिस्कुट, फलाहारी, खाने-पीने से लेकर मेडिकल की व्यवस्था की गयी है। कैंप के आयोजक ने बताया कि कांवरियों की सुविधा के लिए 24 घंटे शिविर में कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे.

कांवरियों की सुविधा के लिए गिरजाघर चौराहे पर शिविर लगाया गया है। यह शिविर दो महीने तक चलेगा। चाहे जितने भी कांवरिये रह सकते हैं.

नितिश सिंह रौनक, शिविर संयोजक

शिविर में कांवरियों के खाने-पीने से लेकर रहने की व्यवस्था है। सुबह के समय चाय बिस्किट की व्यवस्था की गयी है.

संतोष सिंह, शिविर प्रभारी

Posted By: Inextlive