मुख्तार पर जल्द गिर सकती है एक और गाज
वाराणसी (ब्यूरो)। मुख्तार अंसारी के खिलाफ लंबित अवधेश राय हत्याकांड मुकदमे का फैसला जल्द आ सकता है। मुकदमे की सुनवाई अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। अभियोजन पक्ष की बहस पूरी होने के बाद बचाव पक्ष की ओर से बहस की जा रही है। 23 नवंबर 2007 को कचहरी परिसर में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के बाद मुकदमे को इलाहाबाद जिला न्यायालय को स्थानांतरित कर दिया गया। राकेश न्यायिक और कमलेश ङ्क्षसह के खिलाफ इलाहाबाद के अपर जिला जज (तृतीय) की अदालत में सुनवाई चल रही है। बनारस में विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) की अदालत बनने के बाद मुख्तार अंसारी की पत्रावली अलग तैयार कर यहां की अदालत में भेज दी गई। इस मुकदमे में अभियोजन और बचाव पक्ष के कुल 12 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं.
बहस की नहीं दी इजाजतअभियोजन पक्ष की बहस पूरी होने के बाद वादी पक्ष ने बहस करना चाहा लेकिन मुख्तार अंसारी की ओर से आपत्ति की गई। अदालत ने विधिक प्रविधान और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित विधि व्यवस्था के तहत वादी पक्ष के वकील को मौखिक बहस करने की इजाजत नहीं दी। अदालत ने यह कहा कि वादी पक्ष के वकील द्वारा लिखित बहस प्रस्तुत की जा सकती है। इसके अतिरिक्त वह बहस में शासकीय अधिवक्ता को उचित सहयोग प्रदान कर सकते हैं और न्यायालय की अनुमति से किसी तथ्य व ङ्क्षबदु विशेष के संबंध में अवगत करा सकते हैं। इस दौरान मुख्तार अंसारी ने अदालत से अपील की कि उसकी उपस्थिति में ही मुकदमे की सुनवाई की जाए। मुकदमे की सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के जरिए पेश होता है। बहस सुनने के साथ ही बीच-बीच में अपनी बात न्यायालय व अपने वकील के समक्ष रखता है.
1991 में हुई थी हत्या तीन अगस्त 1991 को लहुराबीर क्षेत्र में स्थित आवास के गेट पर ही दिनदहाड़े अवधेश राय के ऊपर ताबड़तोड़ फायङ्क्षरग कर उनकी हत्या कर दी गई थी। अवधेश राय के भाई पूर्व विधायक अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम ङ्क्षसह, कमलेश ङ्क्षसह व राकेश न्यायिक समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में इसकी जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई थी.