अनूप जलोटा के सुरों ने बांधा समां
वाराणसी (ब्यूरो)। श्रीसंकटमोचन संगीत समारोह की दूसरी निशा में प्रस्तुत गायन और वादन की स्वरलहरियों में श्रोताओं ने जमकर गोते लगाए। संगीत के माध्यम से कलाकारों ने भगवान हनुमान के पांव पखारे।
दूसरी निशा की शुरुआत अन्नू सिन्हा (दिल्ली) और सुलग्ना बनर्जी (कोलकाता) के कत्थक नृत्य से हुआ। कार्यक्रम विदुषी कल्पना (इंदौर) के गायन के बाद पंडित देवज्योति बोस (कोलकाता) का सरोद वादन हुआ. भजन सम्राट अनूप जलोटा ने मंच संभाला तो फिर भजनों की ऐसी समां बांधी की सभी दर्शक मंत्रमुग्ध होकर संगीत की स्वर लहरियों का आनंद लेते रहे। इसके बाद कार्यक्रम की शृंखला में पंडित जयतीर्थ का गायन, पंडित सुरेश का तबला सोलो और पंडित देवाशीष डे के गायन के बाद दुसरी निशा को विराम दिया गया. बैटरी चार्ज करने आया हूंसंकट मोचन में हाजिरी लगाने से पूर्व भजन सम्राट अनूप जलोटा श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन को पहुंचे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री जिस वक्त बाबा दरबार में दर्शन को पहुंचे, उसके कुछ ही देर बाद अनूप जलोटा भी वहां आएं। उन्होंने कहा वे बाबा का आशीर्वाद लेने और बैटरी चार्ज करने आए हैं। काशी आने पर पता चला कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री दर्शन के लिए आए हैं तो हम भी उनके स्वागत के लिए यहां पहुंच गए। मॉरीशस भारत का छोटा प्यारा भाई है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह भी तरक्की करे और वहां भी सभी सुखी रहें। बाबा विश्वनाथ से आज यही प्रार्थना है कि सबका जीवन सुखी रहे, जितनी तकलीफे हैं सब मिट जाएं। संकट मोचन संगीत समारोह पर बात करते हुए उन्होंने कहा हनुमान जी कि महिमा अलग है। हर साल उनकी और भक्तों की सेवा का मौका मिलता है। पिछले 25 वर्षों से संकट मोचन से जुड़ाव है, बाबा से यही कामना है कि आगे भी ऐसे ही सेवा का मौका मिलता रहे.