एक हॉस्पिटल ऐसा, जहां बेजुबानों की सुनी जाती है
वाराणसी (ब्यूरो)। जहां आए दिन सड़कों पर घूम रहे जानवरों के साथ होने वाली क्रूरता सामने आती रहती है, वहीं बनारस में कुछ ऐेसे भी लोग हैैं जोकि इन बेजुबान जानवरों के लिए सहारा बने हुए हैैं और इनके हित के लिए कार्य कर रहे हैैं। दुर्घटना के शिकार जानवरों खासकर डॉग्स व कैट्स के लिए एनिमोटेल केयर ट्रस्ट नाम की संस्था काम कर रही है। एनजीओ ने हरहुआ में पशु हॉस्पिटल भी बनाया है, जहां पर घायल जानवरों का घर की तरह इलाज किया जाता है। पिछले एक साल के आंकड़ों की बात करें तो करीब 200 डॉग्स व 100 कैट्स का यहां पर इलाज किया जा चुका है.
आवारा पशुओं के लिए सहारा
एनिमोटेल केयर ट्रस्ट संस्था की सीए सुदेशना बसु बताती हैैं कि उनका कार्यालय महमूरगंज में स्थित दयाल इन्क्लेव कालोनी में है। यह संस्था आवारा पशुओं का इलाज करती है। साथ ही उन सभी जानवरों को पालती है जोकि किसी दुर्घटना में घायल हो जाते हैैं। इसके अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से भी वह लोगों को जानवरों की रक्षा करने के लिए जागरूक करते हैं। उनका कहना की आज अगर कोई जानवरों के साथ गलत कर रहा है और आप उसके खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रहे हैं तो आप कम से कम उसकी वीडियो बना लें और हमें भेज दें, ताकि हम उस बेजुबान जानवर की मदद कर सकें। एनजीओ का हेल्पलाइन नंबर 7379845071 है.
हरहुआ में बनाया हॉस्पिटल
उन्होंने बताया कि एनिमोटेल केयर ट्रस्ट मुख्य रूप से उन सभी जानवरों के लिए कार्य करता है, जिनकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं होता हैै। पहले उन्होंने छोटे पैमाने पर इसकी शुरुआत की। जानवरों की सुरक्षा को लेकर लोगों को जागरूक करना शुरू किया। इसके बाद लोग उनसे जुड़ते गए और कारवां बनता गया। अब उन्होंने हरहुआ में पशु हॉस्पिटल भी बनाया है, जहां पर घायल जानवरों का इलाज किया जाता है। एक साल में गंभीर रूप से घायल 200 डॉग्स और 100 कैट्स का सहारा बने हैैं.
अन्य संस्थाएं भी आईं आगे
बनारस में बेसहारा पशुओं के लिए विभिन्न संस्थाएं काम कर रही हैैं। गाय के साथ होने वाली घटनाएं भी सामने आती रहती हंै। जब गाय दूध देना बंद कर देती हैं तो डेयरी वाले उन्हें रोड पर छोड़ देते हैं और वह हादसे में घायल हो जाती हैैं। इसी को देखते हुए काशी जीवदया ट्रस्ट 1500 गायों का पालन पोषण करती है और उनकी देखभाल करती है। ट्रस्ट के सदस्य जटासंकर कहते हैैं कि आवारा पशुओं को वह अपने गोशाला में रखते हैैं और उनका खर्च उठाते हैैं। इसके लिए लोगों को भी इस नेक कार्य में मदद करनी चाहिए, ताकि बेजुबानों को अपना घर मिल सके.
क्यों मनाया जाता है वल्र्ड एनिमल डे
4 अक्टूबर के दिन वल्र्ड एनिमल डे मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का कारण दुनियाभर में जानवरों की स्थिति में सुधार लाना हैै। पशुओं के अधिकारों के लिए यह एक वैश्विक पहल है। यह दिन आम तौर पर न केवल लोगों को विलुप्त प्राय प्रजातियों के बारे में अवगत कराता है बल्कि यह भी सिखाता है कि उन्हें कैसे बचाया जाए.